धान की यह नई किस्म बासमती को टक्कर देगी, मात्र 115 दिनों में पकेगी, पैदावार भी अधिक, जानिए डिटेल..

15 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार की धान की बेहतरीन नवीन वैरायटी, New variety of paddy डिटेल जानिए..

New variety of paddy | खरीफ सीजन में धान की खेती सर्वाधिक होती है धान के अलावा सोयाबीन एवं अन्य फसलों की खेती दूसरे नंबर पर आती है। देश में मुख्य तौर पर तीन राज्यों में चावल का उत्पादन होता है, जिसमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब है। पश्चिम बंगाल सबसे अधिक चावल का उत्पादन करता है, जिसका कुल योगदान 13.62 फीसदी है ये तीन राज्य भारत में 36 फीसदी चावल उत्पादन के लिए जाने जाते हैं।

इनके अलावा तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में चावल की खेती होती है चावल एक रोपाई वाली New variety of paddy फसल है, जिसकी खेती के लिए 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा और 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान चाहिए होता है।

धान जैसी फसलों की खेती करने वाले किसान चाहते हैं कि जल्दी से फसल तैयार हो जाए और बढ़िया उत्पादन भी मिले लेकिन ज़्यादातर किस्मों के तैयार होने में 130-140 दिन लग जाते हैं, जिससे आगे की किस्मों में देरी हो जाती है। इसलिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने धान की नई किस्म विकसित की है। इस नवीनतम किस्म New variety of paddy के बारे में आइए डिटेल में जानते हैं..

यह है धान की नवीनतम किस्म

अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (ईरी) फिलीपींस और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संयुक्त प्रयासों से नई किस्म मालवीय मनीला सिंचित धान-1 विकसित किया गया है बनारस हिन्दू को विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक प्रो श्रवण कुमार सिंह और उनकी टीम ने 15 सालों की मेहनत से इस किस्म New variety of paddy को विकसित किया है। अभी तक जो भी कम दिनों की किस्में हैं, उनके दाने बहुत मोटे हैं, लेकिन इसके चावल की लंबाई 7.0 मिलीमीटर और मोटाई 2.1 मिमी है।

नवीनतम धान की इस किस्म में यह है खास

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन के हेड डॉ श्रवण कुमार सिंह धान की इस नई किस्म New variety of paddy के बारे में बताते है कि बीएचयू और आईआरआरआई फिलीपींस के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस किस्म को विकसित किया है।

इस किस्म New variety of paddy की खास बात यह कि यह 115 से 118 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, यही नहीं इतने कम दिनों में इसका औसत उत्पादन 55 से 64 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलता है। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि इतने कम दिनों में इतना उत्पादन देने वाली कोई दूसरी किस्म नहीं है। इस नेहा से देखें तो धान की यह नवीनतम किसम किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होने वाली है।

धान की यह किस्म बासमती के समान

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि धान की इस नवीनतम किस्म का दाना लंबा एवं पतला होता है। यह किस्म बासमती किस्म से कम नहीं है, फिर भी इसके New variety of paddy चावल के दाने बिल्कुल बासमती की तरह लगते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ श्रवण कुमार सिंह बताते हैं, औसतन जब बासमती जैसी किस्मों की मिलिंग होती है तो उसमें 40, 45. 50न खड़ा दाना भी नहीं मिलता है, लेकिन इस किस्म की जो ऑल इंडिया टेस्टिंग है, उसमें आईसीएआर की एनुअल रिपोर्ट में 63.5न खड़ा दाना मिलता है।

धान की इस किस्म के पकने की अवधि

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि 115-118 दिनों में अगर ये फसल तैयार हो गई है तो इसकी समय रहते हार्वेस्टिंग कर लें अगर दूसरी किस्मों से इस किस्म New variety of paddy की तुलना करें तो किसान सांभा मंसूरी धान लगा रहे हैं, जिसकी औसत उपज 60-65 किंटल प्रति हेक्टेयर उपज मिलती है।

जबकि धान की अन्य किस्में 155 दिनों में तैयार होती है। ऐसे में किसानों का खेत 35 दिन पहले खाली हो जाता है, तब किसान दूसरी उपज आसानी से ले सकता है जैसे किसान ने इस किस्म की कटाई के बाद मटर लगा दी और मटर के बाद जब खेत खाली हुआ तो गेहूँ लगा दिया, ऐसे में किसान कई फसलें ले सकते हैं।

कृषि वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत रंग लाई

गौरतलब है कि किसी भी किस्म को बनाने के बाद दो सालों तक उसका ट्रायल हम अपने स्टेशन पर करते हैं, उसके बाद उसका ट्रायल पूरे देश के केंद्रों पर किया जाता है, अगर ट्रायल सही नहीं होता तो कई किस्में रिजेक्ट भी हो जाती हैं। उत्तर प्रदेश के 11 केंद्रों पर इसका ट्रायल किया गया, यहाँ पर भी अच्छा रिजल्ट मिला है।

प्रो श्रवण ने आगे कहा कैसे रखते हैं नई किस्म New variety of paddy का नाम डॉ श्रवण इस किस्म के नाम के बारे में बताते हैं, आईआरआरआई फिलीपींस में है और इसकी राजधानी मनीला है और हम बीएचयू में जो भी किस्में विकसित करते हैं, उनके नाम मालवीय से ही रखते हैं तो हमने सोचा क्यों न इसका नाम मालवीय मनीला सिंचित धान- 1 रखा जाए। 15 वैज्ञानिक इस किस्म के बीज उत्पादन की तैयारी कर रहे हैं, खरीफ सीजन में उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा के किसानों के लिए मालवीय मनीला सिंचित धान के बीज उपलब्ध होंगे। 

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2 thoughts on “धान की यह नई किस्म बासमती को टक्कर देगी, मात्र 115 दिनों में पकेगी, पैदावार भी अधिक, जानिए डिटेल..”

  1. मालवीय मानिला किस्म का बीज बिहार के किसान को कैसे उपलब्ध होगा इसकी जानकारी मेरे email पर दें।

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