हिसार के कृषि वैज्ञानिकों ने विकसित की कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली गेंहू की नई किस्म, जानें डिटेल..

हरियाणा के गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान ने विकसित की गेहूं की नई किस्म WH 1402 (New WH 1402 Wheat Variety), इसकी पैदावार, खासियत एवं अन्य डिटेल जानें..

New WH 1402 Wheat Variety | देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं। कृषि वैज्ञानिक आए दिन खेती में नए प्रयोग करके खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई-नई किस्में विकसित करते हैं। इसी कड़ी में हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU) के गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान ने गेहूं की नई किस्म WH 1402 विकसित की है

इस किस्म की खास बात यह है की, सामान्य गेंहू किस्मों की तुलना में गेंहू की WH 1402 किस्म (New WH 1402 Wheat Variety) कम पानी में अधिक पैदावार देने में सक्षम है। बता दें की, रबी सीजन में पिछले वर्ष किसानों को अत्यधिक गर्मी तथा भयंकर लू के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा था। जिसके चलते अब किसान गेंहू की ऐसी किस्मों की खेती करना चाहते है जो गर्मी में कम पानी एवं कम समय में भी समय से पहले न उगे तथा अच्छा उत्पादन भी दें।

इन वैज्ञानिकों की मेहनत लाई रंग

New WH 1402 Wheat Variety | गेंहू की नई WH 1402 किस्म को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में डॉ. एमएस दलाल, ओपी बिश्नोई, विक्रम सिंह, दिव्या फोगाट, योगेन्द्र कुमार, एसके पाहुजा, सोमवीर, आरएस बेनीवाल, भगत सिंह, रेनू मुंजाल, प्रियंका, पूजा गुप्ता और पवन कुमार का अहम योगदान रहा हैं।

इन क्षेत्रों के लिए उपर्युक्त…

गेंहू की नई किस्म WH 1402 (New WH 1402 Wheat Variety) विशेष तौर पर भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों के लिए विकसित की गई है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाके शामिल हैं। इस किस्म की खास बात यह है कि सिर्फ दो सिंचाई व मध्यम खाद देने से ही फसल की बढ़िया पैदावार मिलेगी।

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कम पानी में इतनी पैदावार मिलेगी

New WH 1402 Wheat Variety | हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU) के गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के कुलपति प्रोफेसर बी आर कंबोज ने कहा, “विश्वविद्यालय के गेहूं और जौ अनुभाग के वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म डब्ल्यूएच 1402 किस्म (WH 1402 Wheat Variety) विकसित की है।

इस किस्म की औसत उपज 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और अधिकतम उपज 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसान मात्र दो सिंचाई में ही अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि अत्यधिक दोहन के कारण भूजल दिन-ब-दिन नीचे जा रहा है। अंततः यह नई किस्म New WH 1402 Wheat Variety कम पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी।

गेंहू की नई किस्म डबल्यूएच 1402 किस्म की बुवाई, मात्रा एवं सिंचाई

New WH 1402 Wheat Variety | गेहूं की इस नई किस्म डब्ल्यूएच 1402 की बुआई का उपयुक्त समय अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के प्रथम सप्ताह तक है। इस किस्म की बुआई के लिए आवश्यक बीज की मात्रा 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। वही, इस किस्म को दो सिंचाई की आवश्यकता होती है, पहली सिंचाई बुआई के 20-25 दिन बाद शीर्ष जड़ें निकलने के समय और दूसरी सिंचाई बुआई के 80-85 दिन बाद बालियाँ निकलने के समय आवश्यक होती है।

गेंहू की नई किस्म डबल्यूएच 1402 की विशेषतांए

गेहूं एवं जौ अनुभाग के प्रभारी डॉ. पवन ने बताया कि गेहूं की नई किस्म डब्ल्यूएच-1402, सौ दिन में बालियां निकाल देती है और 147 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की बालियाँ लंबी (14 सेमी) और लाल रंग की होती हैं।

इस किस्म की ऊंचाई 100 सेमी होती है, जिससे गिरने का खतरा नगण्य होता है। इस किस्म New WH 1402 Wheat Variety का दाना मोटा होता है और इसमें 11.3 प्रतिशत प्रोटीन हेक्टोलीटर वजन (77.7 किग्रा/एच.एल.) आयरन (37.6 पीपीएम) और जिंक (37.8 पीपीएम) होता है। अतः पोषण मूल्य की दृष्टि से यह किस्म अच्छी है।

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