मध्य क्षेत्र के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित होगी गेहूं की यह नई किस्म, किसानों ने ली 92 क्विंटल हेक्टेयर तक पैदावार..

पूसा तेजस, पोषक, पूसा मंगल का बेहतर विकल्प करने वाली गेहूं की नई किस्म (Popular Wheat Variety) के विषय में पूरी जानकारी देखें..

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Popular Wheat Variety | केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के बाद अब इस वर्ष रबी सीजन में गेहूं का रकबा बढ़ने की संभावना अधिक हो गई है। गेहूं की खेती करने वाले किसान गेहूं को समर्थन मूल्य पर देने के लिए अधिक पैदावार देने वाली किस्मों का चयन करते हैं।

मध्य क्षेत्र में अभी तक अधिक उपज देने वाली किस्मों में प्रमुख रूप से पूसा तेजस, पोषक जिसे पोषण भी कहा जाता है और पूसा मंगल शामिल है। गेहूं की यह सभी किस्में कठिया अर्थात ड्यूरम, जो कि पास्ता, दलिया, टोस बनाने के काम में आने वाली गेहूं की किस्में है। गेहूं की यह सभी किस्में (Popular Wheat Variety) 13 से 16 क्विंटल प्रति बीघा तक का उत्पादन देने में सक्षम है।

गेहूं की इन किस्मों से अच्छा उत्पादन मिलने के बावजूद ज्यादा समय होने के कारण इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है एवं मौसम परिवर्तन का प्रभाव भी इन (Popular Wheat Variety) किस्मों की उत्पादक क्षमता पर पड़ रहा है।

इसी को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की नवीनतम किस्म को विकसित किया है। गेहूं की यह किस्म अपने ट्रायल के दौरान ही किसानों के बीच लोकप्रिय हो गई है। किसानों ने गेहूं की इस किस्म से 92 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की पैदावार प्राप्त की है। इससे यह लगता है कि गेहूं की यह किस्म पूसा तेजस, पोषक और पूसा मंगल जैसी प्रतिष्ठित किस्मों (Popular Wheat Variety) की तुलना में बेहतर साबित होगी, आइए जानते हैं इस किस्म के बारे में पूरी डिटेल…

यह है गेहूं की ‘गेम चेंजर’ किस्म

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में विकसित की गई गेहूं की नवीन किस्म पूसा अनमोल (HI- 8737) एक उन्नत गेहूं की किस्म है जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, और राजस्थान के कुछ हिस्सों के लिए अनुशंसित है। यह किस्म समय पर बुवाई और सिंचित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। गेहूं के इस किस्म का तना मजबूत होने के कारण आडा नहीं गिरता है। (Popular Wheat Variety)

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तेजस, पोषक, पूसा मंगल का बेहतर विकल्प

लगातार पूसा तेजस, पूसा पोषण, पूसा मंगल जैसी ड्यूरम किस्मों को लगाने से जमीन के पोषक तत्वों में भारी कमी देखी गई जिस कारण से जमीन में सबसे ज्यादा जिंक की कमी पाई गई है, पूसा अनमोल HI-8737 जिंक युक्त किस्म होने के कारण जमीन के पोषक तत्व संतुलित मात्रा में रहेंगे।

यही कारण है कि किसानों को इस किस्म से अधिक उत्पादन मिल रहा है। इस किस्म की ऊंचाई कम होने के कारण लॉजिंग (आड़े गिरने) की कोई समस्या नहीं होती है। गेहूं की इस किस्म का दाना चमकदार होता है होता है और दान में पोटिया या धानिया पड़ने की कोई समस्या नहीं होती है। गेहूं की यह नवीन किस्म करनाल बंट, ओर माहू रोग के प्रति उच्च प्रतिरोधी है। (Popular Wheat Variety)

पूसा अनमोल गेहूं की मुख्य विशेषताएं

अनुशंसा : मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कोटा और राजस्थान के उदयपुर डिवीजन, और उत्तर प्रदेश के झांसी डिवीजन के लिए अनुशंसित की गई है।

उपयुक्तता: समय से बुवाई और सिंचित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त।

औसत उपज : 53.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

अधिकतम उपज : 78.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

किसान फीडबैक : 92 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

पकने की अवधि : 130 से 135 दिन।

बीज उपचार : कवकनाशी से बीज का उपचार न करें, क्योंकि इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है।

बीज दर : प्रति बीघा 40 किलो बीज या एकड़ में 65 से 70 किलोग्राम।

सिंचाई : तीन से पांच सिंचाई पर्याप्त रहती है। 4 पानी सिंचाई में किस्म का सबसे ज्यादा उत्पादन। फसल की क्रांतिक अवस्थाओं पर सिंचाई करें, विशेष रूप से मुख्य जड़ निकलते समय सिंचाई करना बेहतर रहेगा। (Popular Wheat Variety)

उपयोग : दलिया, और सूजी बनाने के लिए उपयुक्त।

पूसा अनमोल 8737 गेहूं का बीज यहां मिलेगा

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3 thoughts on “मध्य क्षेत्र के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित होगी गेहूं की यह नई किस्म, किसानों ने ली 92 क्विंटल हेक्टेयर तक पैदावार..”

    • बीज के लिए यहां संपर्क करें –
      श्री गायत्री ट्रेडर्स, उज्जैन (सीड्स & फर्टिलाइजर)
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      • गेहूं की कौन सी वेरायटी है .किमत 40 केजी किमत बोरी .मुझे लेना है 12 पैकेट कैसे मिलेगा.

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