सुपरफूड ब्लूबेरी (Superfood Blueberry) को एक बार लगाने पर वह 15 साल तक मुनाफा देगी। किसानों कर सकते है तगड़ी कमाई।
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Superfood Blueberry | कभी केवल अमरीका और यूरोप के सुपरमार्केट तक सीमित रहने वाला सुपरफूड ब्लूबेरी अब धार जिले के खेतों में उगने लगा है। तिलगारा गांव के युवा किसान रामगोपाल पाटीदार, वासुदेव पाटीदार और लखन पाटीदार ने साहसिक कदम उठाकर अपने खेतों में लगभग 1200 पौधे लगाए हैं। अब ब्लूबेरी सिर्फ आयातित फल नहीं, बल्कि किसानों की अपनी पैदावार बनने जा रहा है।
किसानों की नई सोच | Superfood Blueberry
रामगोपाल पाटीदार कहते हैं, रील स्क्रॉल करते समय जब हेल्थ एक्सपर्ट को ब्लूबेरी का महिमा बखान करते पाया तब जिज्ञासा बढ़ी। थोड़ी रिसर्च की पाया कि महाराष्ट्र और हिमाचल में यह फसल सफल है। हमने भी इसे अपने खेत में उगाने का निर्णय लिया। लगा कि यह फसल हमारे लिए नए आयाम खोल सकती है।धार जिले में अब तक केवल परंपरागत फसलों की खेती होती थी, लेकिन ब्लूबेरी की शुरुआत ने किसानों में उत्साह और उम्मीद की नई लहर दौड़ा दी है।
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ब्लूबेरी (Superfood Blueberry) क्यों है खास
ब्लूबेरी को सुपरफूड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, मैंगनीज और विटामिन-के प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह दिल की सेहत सुधारने, डायबिटीज नियंत्रित करने, मेमोरी पावर बढ़ाने और इम्यून सिस्टम मजबूत करने में मददगार है। विदेशों में इसकी खपत हमेशा ऊँची रही है और अब भारत में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
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आधुनिक खेती की तकनीक | Superfood Blueberry
उद्यानिकी विभाग किसानों को ब्लूबेरी की खेती के लिए प्रशिक्षण दे रहा है। पौधों को पॉलीहाउस और शेडनेट में लगाया जाता है क्योंकि यह सीधी धूप में पनपते नहीं। मिट्टी के मिश्रण में कोकोपिट, परलाइट और वर्मीकंपोस्ट का प्रयोग किया जाता है। पानी और पोषण की आपूर्ति ड्रिप सिस्टम से की जाती है। इस तकनीक से पौधों की गुणवत्ता और उत्पादकता दोनों बेहतर रहती है।
उत्पादन और आर्थिक संभावनाएं
ब्लूबेरी (Superfood Blueberry) का पौधा तीसरे साल से फल देना शुरू करता है और लगातार 15 साल तक उत्पादन देता है। पहले साल प्रति पौधा लगभग 200–250 ग्राम, दूसरे साल करीब 1 किलो, तीसरे साल 2.5 किलो और चौथे से पंद्रहवें साल तक 3–3.5 किलो उत्पादन संभव है। वर्तमान में बाजार में इसकी कीमत 1000 से 2500 रुपये प्रति किलो तक है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
धार जिले में नई कृषि क्रांति
Superfood Blueberry | धार जिले के 27 किसान इस प्रयोग से जुड़े हैं। बदनावर, मनावर और सरदारपुर के खेतों में अब ब्लूबेरी के पौधे दिखने लगे हैं। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो आने वाले वर्षों में पूरे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ब्लूबेरी की खेती एक नई क्रांति बन सकती है।
यह पहल केवल खेती का नया प्रयोग नहीं, बल्कि किसानों की सोच में आए बदलाव और साहस की मिसाल भी है। अब ब्लूबेरी आयातित फल के दायरे से निकलकर किसानों की आय और इलाके की शान बनने की ओर बढ़ रहा है।
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