इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम मॉडल को अपनाकर मध्य प्रदेश के रहने वाले प्रगतिशील किसान (Progressive Farmer Story) शानदार मुनाफा कमा रहे, आइए जानें स्टोरी..
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Progressive Farmer Story | मौजदा वक्त में हमारे देश में बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो खेती करने का परंपरागत तरीका छोड़ आधुनिक तरीके से खेती कर शानदार मुनाफा कमा रहे हैं और अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं।
उन्हीं किसानों में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान अश्विनी सिंह चौहान भी हैं। जो कि पिछले 20 सालों से जैविक विधि से सफल खेती कर रहे हैं और सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये से ज्यादा है। साथ ही कृषि क्षेत्र Progressive Farmer Story में अभी तक 20 से ज्यादा अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। आइए जानते है उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी..
इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम मॉडल से कृषि
Progressive Farmer Story | मध्य प्रदेश के ग्राम- पिपलियाहामा, जिला- उज्जैन के रहने वाले प्रगतिशील किसान अश्विनी सिंह चौहान ने कृषि जागरण से बातचीत में बताया कि अपनी हायर एजुकेशन महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय, बड़ौदा से पूरी करने के बाद उन्होंने कृषि को अपना व्यवसाय बनाया है।
उनके पास लगभग 100 एकड़ जमीन है जिसमें वह पिछले 20 सालों से निर्बाध रूप से खेती-किसानी कर रहे हैं। वही खेती में उन्होंने इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम मॉडल (कृषि का एक ऐसा मॉडल जिसमें एक ही जगह पर तरह-तरह की फार्मिंग संबंधित गतिविधियां की जाती हैं।) को अपनाया है जिसके अंतर्गत वह विभिन्न फसलों खेती के साथ-साथ बागवानी और पशुपालन करते हैं जिससे उन्हें मोटा मुनाफा होता है। : Progressive Farmer Story
खेती में मार्गदर्शन के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से मिली मदद
उन्होंने आगे बताया कि किसानों की मदद के लिए भारत सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्र बनाया है। मैं अपने यहां के कृषि विज्ञान केंद्र के संपर्क में आने के बाद कृषि वैज्ञानिकों से मिला और उन्हें बताया कि मैं किन-किन फसलों की खेती Progressive Farmer Story करता हूं और मुझे इसमें आप लोगों का मार्गदर्शन चाहिए। उन सभी ने देखा कि इस युवा में खेती में कुछ नया करने की चाह है जिसके बाद उन सभी ने मेरी निस्वार्थ मदद की। वह मेरे खेत पर आए और मेरा मार्गदर्शन किए और साथ ही मुझे अच्छी गुणवत्ता वाले बीज भी दिलवाएं।
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सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये से ज्यादा
उन्होंने आगे बताया कि फसलों में वह गेहूं, चना, आलू, प्याज और सोयाबीन आदि की खेती करते हैं, जबकि बागवानी फसलों में वह पपीता और नींबू और केला की खेती करते हैं। इसके अलावा वह तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी आदि की भी खेती करते हैं। अगर लागत और मुनाफे की बात करें तो प्रगतिशील किसान अश्विनी सिंह Progressive Farmer Story के अनुसार, सालाना प्रति एकड़ 40-50 हजार रुपये का खर्चा आता है जिससे वह सालाना 80 हजार से 1 लाख रुपये कमा लेते हैं।
ड्रिप इरिगेशन तकनीक से की सिंचाई
उन्होंने आगे बताया कि मैंने एक ही स्थान से अपने पूरे फार्म में पानी देने का सिस्टम तैयार किया है। इसके लिए मैंने ड्रिप इरिगेशन तकनीक को अपनाया है। यह कार्य 10 घंटे की बिजली के दौरान किया जाता है। इससे पानी की काफी बचत होती है वही खेत में ड्रिप इरिगेशन लगवाने के लिए सरकार से मुझे 62-75 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिली है। : Progressive Farmer Story
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मालवा ग्रीन प्लेटफार्म से जुड़े है किसान अश्विनी सिंह चौहान
प्रगतिशील किसान अश्विनी सिंह चौहान ने आगे बताया कि वह मालवा ग्रीन प्लेटफार्म से जुड़े हैं जो कि किसानों के लिए काम करता है। दरअसल, इसमें किसानों को उचित कीमत पर बीज से लेकर खाद आदि की सुविधा मिलती है। इसके अलावा, यह किसानों को नई तकनीक की खेती व अन्य जरूरी जानकारी भी उपलब्ध कराता है।
उन्होंने बताया कि जब मैं कृषि क्षेत्र में खेती करने के लिए आया तो ग्राम सेवक क्षेत्र के कृषि अधिकारी ने कहा कि आप खेती तो बहुत अच्छी करते हैं तो आप इसका दस्तावेजीकरण करें ताकि आप जो कृषि क्षेत्र में कर रहे हैं, वह आप तक ही सीमित न रहें बल्कि अन्य किसानों को भी इससे लाभ प्राप्त हो सके। : Progressive Farmer Story
आप अपनी शिक्षा का फायदा अपने क्षेत्र को दें जो कि मुझे सही लगा। इसके बाद से मैंने अपनी कृषि कार्य का दस्तावेजीकरण करना शुरू किया और मैंने किस फसल की खेती में कितनी लागत आती है, कौन-सी फसल खेत में लगाई जाए। यह सब जानकारी मैंने लिखना शुरू कर दिया।
इन सभी जानकारी के लिए मैं अलग-अलग फसलों की खेती करने वाले किसानों से भी मिला और उनकी परेशानी सुनी जिनमें से ज्यादातर किसानों ने बताया कि फसल उगाने में कोई परेशानी नहीं हैं बल्कि उसे मार्केट में बेचना सबसे बड़ी परेशानी है। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने मालवा ग्रीन प्लेटफार्म तैयार किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पहले हमारे यह छिटका विधि से बीज बोया जाता था। उसे खत्म करके हम जीरो सीडर विधि पर आए, आधुनिकरण पर आए। यह सब कार्य हमने कृषि विज्ञान केंद्र और मालवा ग्रीन की मदद से किया। : Progressive Farmer Story
कृषि में फसल विविधीकरण को अपनाएं किसान
कृषि जागरण के माध्यम से प्रगतिशील अश्विनी सिंह चौहान ने किसानों के लिए कहा कि किसान फसल विविधीकरण को अपनाते हुए खेती करें, ताकि यदि एक फसल आपको नुकसान दें, तो दूसरी आप को फायदा पहुंचा सके। फसल विविधीकरण से आप की आर्थिक हानि होने की गुंजाइश कम हो जाती है। : Progressive Farmer Story
साथ ही अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण प्रति वर्ष गर्मियों में कराएं ताकि जिन तत्वों की कमी हो उन्हीं का उपयोग करें। साथ ही पशुपालन भी करें। कोशिश करें कि खेत में कम से कम मजदूरों को रखें, ताकि लागत कम आए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जो खुद का उत्पाद बनाकर बाजार में बेच रहे हैं। इसी तरह से आप भी अपने उत्पादों को तैयार करें और उसे बाजार में बेचें। : Progressive Farmer Story
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