धान कटाई के बाद खेतों में लगाएं पूसा सरसों 32: जल्दी पककर मिलेगी 30 क्विंटल तक पैदावार

धान की कटाई के बाद अपने खेतों में पूसा सरसों 32 किस्म (Pusa Sarson 32) की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है। आइए जानते है इसके बारे में..

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Pusa Sarson 32 | भारत में चावल की खपत काफी अधिक है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि धान की खेती का क्षेत्रफल भी बहुत बड़ा है। खरीफ के मौसम में अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं, और सितंबर के महीने में इसकी कटाई शुरू हो जाती है। धान की कटाई के बाद अधिकतर किसान अपने खेतों को खाली छोड़ देते हैं या कभी-कभी आलू की फसल लगाते हैं।

लेकिन अब किसानों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे धान की कटाई के बाद अपने खेतों में पूसा सरसों 32 किस्म (Pusa Sarson 32) की खेती करके अच्छा मुनाफा हासिल कर सकते हैं। सरसों एक प्रमुख तिलहन फसल है, जिसकी मांग देश में निरंतर बनी रहती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने यह उन्नत किस्म विकसित की है, जो कम समय में अधिक उपज देती है।

पूसा सरसों 32 किस्म की विशेषताएं | Pusa Sarson 32

पूसा सरसों 32 एक उच्च गुणवत्ता वाली और बीमारियों से लड़ने वाली किस्म है, जिसे विशेष रूप से जल्दी पकने और बेहतर उत्पादन के लिए विकसित किया गया है।

इस किस्म की बुवाई सितंबर के आखिरी सप्ताह से 15 अक्टूबर तक की जा सकती है। यह किस्म राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में सफलतापूर्वक उगाई जाती है।

कृषि विशेषज्ञों ने अनुसार, धान की कटाई के बाद खेत खाली छोड़ने के बजाय अच्छी जुताई करके पूसा सरसों 32 (Pusa Sarson 32) की बुवाई करना किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।

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जल्दी पकने वाली और अधिक उपज देने वाली फसल

पूसा सरसों 32 किस्म (Pusa Sarson 32) की सबसे खास बात है इसका जल्दी पकना। यह किस्म केवल 132 से 145 दिनों के भीतर पककर तैयार हो जाती है, जो अन्य किस्मों की तुलना में कम समय लेती है। इसके पौधे लगभग 73 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और फली की संख्या भी अधिक होती है, जिससे उपज बढ़ जाती है।

एक हेक्टेयर में इस किस्म (Pusa Sarson 32) से औसतन 27 से 28 क्विंटल तक सरसों का उत्पादन हो सकता है, जो किसानों के लिए लाभकारी साबित होता है। अगर सही तरीके से खेती और देखभाल की जाए तो उत्पादन को और भी बढ़ाया जा सकता है।

किसानों के लिए फायदे और खेती के सुझाव | Pusa Sarson 32

1. कम लागत, अधिक मुनाफा : पूसा सरसों 32 की खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता, लेकिन उपज अच्छी होती है, जिससे आय बढ़ती है।

2. रोगों से सुरक्षा : यह किस्म कई फसली बीमारियों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता रखती है।

3. जल्दी तैयार होने वाली फसल : कम दिनों में फसल तैयार होने से दूसरी फसल के लिए भी समय मिलता है। : Pusa Sarson 32

4. सही समय पर बुवाई जरूरी : बुवाई सितंबर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के मध्य तक करना सबसे अच्छा रहता है।

5. खेत की अच्छी तैयारी : धान की कटाई के बाद खेत की अच्छी जुताई और मिट्टी की देखभाल फसल की सेहत के लिए आवश्यक है।

6. नियमित सिंचा ई: फसल के विकास के दौरान सिंचाई का समय-समय पर ध्यान रखना चाहिए। : Pusa Sarson 32

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