क्या टमाटर की तरह प्याज के भाव भी ₹200 किलो होंगे, जानें विशेषज्ञों से सटीक जानकारी

सप्लाई कम होने से 1 हफ्ते में दोगुने हो गए है प्याज के भाव, आगे क्या रहेंगे प्याज के भाव/रेट Pyaj ke bhav, जानें आर्टिकल में पूरी जानकारी..

Pyaj ke bhav | नवरात्रि के बाद देशभर में प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। पिछले दिनों जहा टमाटर के भाव 200 रुपए किलो थे, वही अब प्याज के भाव लगातार बढ़ते जा रहे है। इसका मुख्य कारण यह है की, बढ़ती मांग एवं कम सप्लाई होना साथ ही साथ केंद्र सरकार ने जो प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। बता दे की, पिछले एक हफ्ते के दौरान सोयाबीन एवं लहसुन के भाव में भी तेजी देखने को मिली है।

वही प्याज की बात करें तो एक हफ्ते पहले प्याज 25 रुपए किलो बिक रहा था। एक हफ्ते में प्याज के दाम दोगुने होते दिखे है। क्या जिस तरह टमाटर के भाव 200 रुपए किलो हुए थे क्या इसी तरह प्याज के भाव Pyaj ke bhav भी बढ़ने वाले है। व्यापार विशेषज्ञों का क्या कहना है एवं आने वाले समय में प्याज के भाव क्या रहने वाले है। यह सब जानने के लिए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..

अभी प्याज के भाव क्या चल रहे है, जानें

प्याज की बढ़ती मांग और कम सप्लाई के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह तक कीमतें उच्च स्तर पर रहने की संभावना है, केंद्र 25 रुपये के भाव पर बेच रहा प्याज, जब तक कि ताजा स्टॉक आना शुरू नहीं हो जाता। Pyaj ke bhav निर्यात पर रोक लगाने और घरेलू बाजार में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के प्रयास में, केंद्र सरकार ने इस सप्ताह के अंत में प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 800 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर दिया है। दरअसल, भारत सरकार ने बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और घरेलू बाजारों में सब्जी की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास में 31 दिसंबर तक प्याज पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया है।

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यह 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के व्यापारियों को देश से बाहर प्याज भेजने से रोकने में विफल रहने के बाद आया है। हालांकि, प्याज Pyaj ke bhav फिर भी गृहणियों की आंखों में आंसू ला रहा है क्योंकि सप्लाई कम होने के कारण कीमतें बढ़ गई हैं। 10 अक्टूबर से कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण रविवार को जयपुर के खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिका। जयपुर की मुहाना मंडी के व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी। बढ़ती मांग और कम सप्लाई के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह तक कीमतें उच्च स्तर पर रहने की संभावना है, जब तक कि Pyaj ke bhav ताजा स्टॉक आना शुरू नहीं हो जाता।

जबकि, बेंगलुरु में रविवार को थोक कीमतें 70 रुपये प्रति किलोग्राम रहीं, जो पिछले हफ्ते 50 रुपये थीं। वहीं, सप्लाई कम होने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज Pyaj ke bhav की कीमतें बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। दिल्ली-एनसीआर में लगभग 400 ‘सफल’ खुदरा स्टोर का संचालन करने वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रही है। वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट 67 रुपये प्रति किलो की दर से, जबकि ओटिपी 70 रुपये प्रति किलो की दर पर प्याज की बिक्री कर रहा है।

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सरकार से प्याज की कीमत कम करने का अनुरोध

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में एक खरीदार ने शिकायत की कि प्याज Pyaj ke bhav की कीमतें काफी अधिक बढ़ गई हैं। खरीदार ने कहा कि जहां पहले कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी, वह जल्द ही 150 रुपये से अधिक हो सकती है और खरीदार ने सरकार से कीमतें कम करने का आग्रह किया।

प्याज की कीमतें क्यों बढ़ रही है?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों के अनुसार, प्याज की बढ़ती कीमतों Pyaj ke bhav  का मुख्य कारण जमाखोरी है, जिससे सप्लाई में कमी और कीमतें बढ़ी हैं। व्यापार विशेषज्ञों ने बताया की, इस प्याज की कीमतों में भारी उछाल के पीछे मुख्य कारण यह है कि लोग बाजार में प्याज का भंडारण कर रहे हैं, जिससे कमी हो रही है और कीमतें बढ़ रही हैं। अगर इसे नियंत्रित करने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले महीनों में कीमतें 120-150 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं।

दरअसल, कहीं कम बारिश तो कहीं ज्यादा बारिश से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। यही वजह है कि खुदरा से लेकर बाजार तक प्याज की कीमतें Pyaj ke bhav आसमान छूती नजर आ रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि दाम बढ़ने से जो ग्राहक 5 किलो प्याज लेते थे वो अब 2 किलो ले रहे हैं और जो ग्राहक 2 किलो प्याज लेते थे वो अब 1 किलो ले रहे हैं। प्याज की कीमतें बढ़ने के कारण लोग अब इसकी खरीदारी कम कर रहे हैं।

राजधानी दिल्ली में प्याज के भाव

सोमवार 30 अक्टूबर को दिल्ली के बाजार में प्याज 90 रुपये प्रति किलो बिका और जल्द ही प्याज की कीमत Pyaj ke bhav शतक पार कर जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि प्याज हर दिन 10 से 20 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो रहा है। दुकानदारों को डर है कि दिल्ली में प्याज की कीमतें जल्द ही 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं।

सोमवार को दिल्ली के आरके पुरम इलाके में एक किलो प्याज की कीमत 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। दिल्ली की जनता इस महंगाई से परेशान है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में खरीदारी महंगी होने के कारण ऊंचे दाम पर बेचना पड़ रहा है। प्याज में अचानक आई महंगाई के कारण बिक्री में भारी गिरावट आई है। टमाटर की बात करें तो यह भी 50 रुपये प्रति किलो हो गया है।

महाराष्ट्र की इस मंडी में प्याज के भाव लगातार बढ़े 

दिन-प्रतिदिन दिल्ली की मंडियों में प्याज की कीमत Pyaj ke bhav बढ़ रही है। शनिवार को 5 किलोग्राम प्याज की कीमत गाजीपुर मंडी में 350 रुपए हो गई। शुक्रवार को यहां 5 किलो प्याज की कीमत 300 रुपए थी। जबकि बीते सप्ताह 5 किलोग्राम प्याज की कीमत 200 रुपए थी। जबकि दो सप्ताह पहले इतने ही प्याज की कीमत 160 रुपए तक थी। वहीं, देश के सबसे बड़े लासलगांव प्याज मंडी में बीते सप्ताह मंगलवार तक एक किलोग्राम प्याज की औसत कीमत ₹24 थी, जो शनिवार को 58% बढ़कर ₹38 प्रति किलोग्राम हो गया।

सरकार 25 रुपये किलो बेच रही है प्याज

गौरतलब है कि जैसे ही अखिल भारतीय औसत खुदरा प्याज की कीमत 57% बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए शुक्रवार को खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज Pyaj ke bhav बेचने का फैसला किया।

क्या टमाटर की तरह बढ़ने वाली है प्याज की कीमत, जानें

किसानों के पास प्याज के भंडार की कमी है वहीं जमाखोरी बढ़ती जा रही है इसको लेकर इसके साथ ही आगामी फसल आने में अभी देरी है इससे यह अंदेशा होने लगा है कि क्या टमाटर की तरह ही प्याज की कीमत भी बढ़ेगी। ज्ञात होगी टमाटर के भाव पिछले दिनों₹200 किलो तक हो गए थे क्या ऐसे में प्याज के भाव भी ₹200 के पार जाएंगे इसको लेकर विशेषज्ञ कहते हैं

कि प्याज की कीमतें Pyaj ke bhav सस्ती होने के लिए जरूरी है कि मार्केट में डिमांड के मुकाबले सप्लाई बढ़ जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि हाल-फिलहाल में सप्लाई बढ़ने की उम्मीद नहीं है। इसकी बड़ी वजह पैदावार में कमी और सप्लाई सही समय पर नहीं होना है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार रबी फसल की अब दिसंबर से जनवरी में बुआई होगी। रबी प्याज की पैदावार अप्रैल-जून के दौरान की जाती है, जो भारत में कुल प्याज उत्पादन का 65% हिस्सा है। अप्रैल से मई तक ही इस फसल की बाजार में सप्लाई हो पाएगी। तब तक बाजार में आवक कम ही रहने की संभावना है।

ऐसे में एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि नवंबर महीने में कीमत 150 रुपए प्रति किलो तक जा सकती है। इसके बाद Pyaj ke bhav के खरीफ फसल के बाजार में पहुंचने से कीमत एक बार फिर से कम हो सकती है। ये सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने प्याज की आवक बाजार में नवंबर अंत तक हो रही है।

क्या सरकार प्याज की कीमत को नियंत्रित कर पाएगी?

Pyaj ke bhav को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए 40% तक टैक्स लगा दिए, ताकि देशी प्याज की विदेश में सप्लाई कम हो जाए। सरकार प्याज की कीमत को किसी भी सूरत में नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। इसके प्रमुख वजह यह है राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र सरकार किसी भी तरह से प्याज की कीमत को बढ़ने से रोकना चाहेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रयास शुरू भी कर दिए हैं। सरकार अब खुले बाजार में प्याज बेचेगी लेकिन इसके बावजूद प्याज के भाव कम होने की संभावना नहीं है, क्योंकि प्याज की मार्केट में उपलब्धता ही कम है।

कांग्रेस नेता ने पहनी प्याज की माला

प्याज की बढ़ती कीमतों Pyaj ke bhav ने राजनीतिक रंग ले लिया है। दरअसल, कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने रविवार को प्याज की बढ़ती कीमतों को उजागर करने के लिए प्याज की माला पहनी और प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण होने वाली परेशानी के लिए केंद्र और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों सरकारों की आलोचना की।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “प्याज की कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। कुछ दिन पहले टमाटर की कीमत 200- 250 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हमें बताना चाहिए कि Pyaj ke bhav लोगों को परेशान क्यों कर रही है।

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