भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने सोयाबीन में लग रहे किट रोग के बचाव के लिए जारी की सोयाबीन एडवाइजरी (Soybean Advisory)।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
Soybean Advisory | ज्यादा बारिश के चलते सोयाबीन फसल में कई प्रकार के किट एवं रोगों का प्रकोप देखा जाता है।
इसके लिए भारतीय अनुसंधान संस्थान द्वारा समय समय पर सोयाबीन कृषकों के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है।
ऐसे में अब भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने सोयाबीन में लग रहे किट रोग के बचाव के लिए साप्ताहिक सलाह जारी की है।
आइए जानते है किसान भाइयों के लिए क्या है साप्ताहिक सलाह / Soybean Advisory…
रोग प्रबंधन के लिए सलाह
1. रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट रोग के लक्षण दिखाई देने पर सलाह हैं कि नियंत्रण हेतु अनुशंसित फफूंदनाशक पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20% WG (375-500 ग्रा/हे)
या फ्लुक्सापय्रोक्साड 167 g/l + पायरोक्लोस्ट्रोबीन 333 g/I SC (300 मिली/हे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपोक्कोसीकोनाजोल 50g// एस.ई. (750 मिली/हे) जैसे फफूंदनाशकों का अपने फसल पर छिडकाव करें। : Soybean Advisory
2. लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्राक्नोज रोग की सम्भावना अधिक होती हैं। अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह हैं कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्रातिशीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे)
या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65%WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा/हे) से फसल पर छिडकाव करें। : Soybean Advisory
3. पीला मोज़ेक / सोयाबीन मोज़ेक रोग के लक्षण दिखने पर प्रारंभिक अवस्था में ही रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें।
इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी/एफिड की रोकथाम हेतु एसिटेमीप्रीड 25 % + बायफेंथ्रिन 25% WG (250ग्रा./हे) का छिडकाव करें। : Soybean Advisory
इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली/हे) का भी छिडकाव किया जा सकता हैं।
इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं। : Soybean Advisory
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
कीट प्रबंधन के लिए सलाह
1. चने की इल्ली के नियंत्रण हेतु फसल पर इंडोक्साकार्ब 15.80 % EC (333 मिली/हे.) का छिडकाव करें। इसके लिये वैकल्पिक कीटनाशक हैं, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे),
या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g// एस.सी. ( 42-62 ग्राम/हे), या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब एस.सी. ( 875-825 मि.ली/हे)। : Soybean Advisory
ये भी पढ़ें 👉 धान की फसल में तना छेदक कीट का कहर, कृषि वैज्ञानिकों से जानिए कैसे करें बचाव
2. सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मि.ली. /हे ) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम / हे),
या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस. सी (333 मि.ली/हे),
या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली /हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी., (250-300 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/है)
या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. ( 825-875 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/.है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % +लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/हे) का छिडकाव करें। : Soybean Advisory
3. तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली. /हे), ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम / हे), या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे)
या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी (333 मि.ली/हे),
या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी., ( 250-300 मिली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी (450 मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें। : Soybean Advisory
4. आपकी फसल में सेमीलूपर + चने की इल्ली + तम्बाकू की इल्ली एक साथ पाए जाने पर नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम/हे),
या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी (333 मि.ली/हे ), या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें। : Soybean Advisory
5. पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी / चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक
जैसे थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. या बीटासायफ्लुथ्रिन +इमिडाक्लोप्रिड या एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेंथ्रिन 25% WG या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. का छिडकाव करें। : Soybean Advisory
6. जहाँ पर कम समयावधि में पकने वाली किस्मे लगी हैं, कृषकों को सलाह है कि चूहें द्वारा फलियों के अन्दर दाने खाने से होने वाले नुकसान से बचाने हेतु प्रबंधन के उपाय अपनाये। : Soybean Advisory
इसके लिए फ्लोकोउमाफेन 0.005% रसायन से बने प्रति हेक्टेयर 15-20 बेट/हे. बनाकर चूहों के छेदों के पास रखे।
खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
यह भी पढ़िए….👉 धान की फसल का है ये सबसे बड़ा दुश्मन, कीट-रोग से भी ज्यादा पहुंचा है नुकसान, जानिए डिटेल..
👉45 दिन तक सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने वाली खरपतवार नाशक दवाई के बारे में जानिए ..
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.