ज्यादा बारिश से सोयाबीन की फसल में सफेद मक्खी और एंथ्राकनोज का प्रकोप बढ़ा, बचाव के लिए तुरंत अपनाए यह तरीके

आइए जानते है किसान सोयाबीन की फसल Soybean Disease में किस तरह सफेद मक्खी और एंथ्राकनोज का नियंत्रण कर सकते है..

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Soybean Disease | सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलें मानसून पर ही निर्भर करती हैं। लेकिन ज्यादा बारिश के चलते इनमें किट एवं रोग के लगने की संभावना बढ़ जाती है।

मध्य भारत सहित कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। इसी के साथ सोयाबीन की फसल अब लगभग लगभग 40 से 50 दिनों की हो गई है।

देखा जाता है की, ज्यादा बारिश के चलते सोयाबीन की फसल में सफेद मक्खी और एंथ्राकनोज बीमारी लग जाती है।

ऐसे में अगर सोयाबीन की अच्छी पैदावार लेना है तो उससे पहले फसल को निरक्षण करना चाहिए।

फसल में रोग Soybean Disease लगने पर किसानों को तुरंत उपाय करना चाहिए। आइए आपको बताते है सफेद मक्खी और एंथ्राकनोज बीमारी के लक्षण एवं उपाय..

1. क्या है सफेद मक्खी कीट

Soybean Disease | सफेद मक्खी कीट की कई प्रजातियां पाई जाती है। लेकिन सोयाबीन से सबसे अधिक जुड़ी हुई स्वीटपोटैटो व्हाइट फ्लाई, बेमिसिया टैबैसी है।

सफेद मक्खी एक चूसक कीट है जो अपरिपक्व और वयस्क दोनों अवस्थाओं में पौधों के रस को चूसकर अपना भोजन प्राप्त करता है।

एक व्यस्क सफेद मक्खी की लंबाई करीब 1/16 इंच होती है। इसके चार सफेद पंख और पीले रंग का शरीर होता है।

पंख शरीर के ऊपर छत की तरह होते हैं ओर पत्ती की सतह के करीब समानंतर होते है। इसके निम्फ आकार में चपटे होते हैं और स्केल कीटों के जैसे दिखाई देते हैं। : Soybean Disease

इस वजह से बढ़ता है सफेद मक्खी कीट का प्रकोप

सफेद मक्खी सोयाबीन के निम्फ पत्तियों के निचले हिस्से को खाते हैं। सायोबीन के खेतों में जहां खरपतवार अधिक होती है वहां पर सफेद मक्खी का प्रकोप अधिक देखा गया है। : Soybean Disease

ऐसे में सोयाबीन के खेत में निराई-गुड़ाई करके खरपतवार को निकाल कर खेत से दूर कहीं फेंक देना चाहिए। इससे फसल को 25 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है।

सफेद मक्खी के नियंत्रण के उपाय

इन उपायों से भी सफेद मक्खी पर नियंत्रण किया जा सकता है :-

सभी फसलों पर सफेद मक्खी और रस चूसक कीटों की नियमित निगरानी करें।

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सोयाबीन और सब्जियों की फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें। : Soybean Disease

सोयाबीन की फसल में पक्षियों के बैठने के लिए टी आकार की बर्ड पर्चेस लगाएं। इससे कीटभक्षी पक्षियों द्वारा कीटों, मक्खी और इल्लियों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी।

अपने खेत में टी आकार की बर्ड पर्चेस लगाए 

Soybean Disease | यदि आप सोयाबीन की फसल को नुकसान से बचाने के लिए टी आकार की खूंटियां खेत में लगाना चाहते हैं तो आपको इसे फसल के बीच में लगाना चाहिए। किसान प्रति हैक्टेयर में 25 से 40 खूंटियां लगा सकते हैं।

खेतों में लगी खूटियों पर पक्षी आकर बैठेंगे और इल्लियों को खाकर फसल को नुकसान से बचाएंगे।

किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फली में दाना भरते समय खूंटियों को निकाल देना चाहिए ताकि पक्षी दाने को नुकसान नहीं पहुंचा पाएं। : Soybean Disease

एन्थ्राक्नोज रोग नियंत्रण के उपाय

सफेद मक्खी के बाद लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्राक्नोज रोग की सम्भावना अधिक होती हैं। अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह हैं कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्रातिशीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे)

या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65% WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा/हे) से फसल पर छिडकाव करें। : Soybean Disease

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