फूल एवं फल आने की अवस्था में सोयाबीन की फसल को लेकर कृषि विभाग की जरूरी सलाह..

वर्तमान समय में सोयाबीन की फसल (Soybean Crop Weekly Advisory) में फूल आने लगे है। इसी बीच फसल की सुरक्षा के लिए कृषि अनुसंधान केंद्र ने एडवाइजरी जारी की है।

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Soybean Crop Weekly Advisory | हमारे देश में धान, कपास के बाद सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती की जाती है।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक देश है।

अभी खरीफ सोयाबीन की फसल फूल आने की अवस्था में है। ऐसे में यह ध्यान रखना जरूरी होता है की, फसल में खरपतवार, किट एवं रोग का प्रकोप ना हो।

इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग अनुसंधान केंद्र ने किसानों के लिए साप्ताहिक सलाह Soybean Crop Weekly Advisory जारी की है। आइए जानते है पूरी डिटेल..

सोयाबीन की फसल में देखा जा रहा यह रोग

Soybean Crop Weekly Advisory | सोयाबीन की खेती किए जाने वाले क्षेत्रों की फसल वर्तमान में फूल आने की अवस्था में है तथा विगत दो सप्ताह से लगातार बारिश की स्थिति से गुजर रही हैं।

अधिकतर क्षेत्रों में चक्र भृंग एवं विषाणु जनित पीला मोजेक वायरस रोग प्रारंभिक अवस्था में देखा जा रहा हैं।

साथ ही अन्य कीट जैसे चने की इल्ली एवं सफ़ेद मक्खी जैसे रोग वाहक कीट तथा‌एन्थ्राक्क्रोज जैसे रोगों की प्रारंभिक अवस्था देखि जा रही हैं।

इस परिपेक्ष में सोयाबीन फसल पर प्रकोप करने वाले संभावित कीटों एवं रोगों के नियंत्रण हेतु केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा हाल ही में अनुशंसित कीटनाशक रसायनों के‌ छिडकाव कर नियंत्रण किया जा सकता हैं। : Soybean Crop Weekly Advisory

सोयाबीन फसल के लिए महत्वपूर्ण सम-सामायिक सलाह

1. फुल आने की अवस्था में पत्ती खाने वाली इल्लियों को फूलों को भी खाते हुए देखा गया हैं, अतः फसल की सुरक्षा हेतु उपयुक्त अनुशंसित कीटनाशक का छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

2. बीजोत्पादन वाले खेत में शुद्धता बनाये रखने के लिए फूलों के रंग एवं पौधों/पत्तियों/तने पर पाए जाने वाले रोये के अधर पर भिन्न किस्मों के पौधों को अपने खेत से निष्कासित करें।

3. कई क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा होने की सूचनाये प्राप्त हुई हैं, कृषकों को सलाह हैं कि जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल-निकासी सुनिश्चित करे। : Soybean Crop Weekly Advisory

4. मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में “कॉटन ग्रे वीविल” एवं “टस्क मोथ” नामक कीटों का भी प्रकोप देखा जा रहा है. अधिक प्रकोप पाए जाने पर नियंत्रण हेतु क्विनाल्फोस 25% ई.सी. (1 ली/हे.)

या प्रोफेनोफोस 50 ई. सी. (1 ली/हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC ( 10% W/V) DC (600 मिली/हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.8ई.सी. (333 मि.ली.) जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह हैं। : Soybean Crop Weekly Advisory

5. मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में सोयाबीन का रस चूसने वाले “जेवेल बग” नामक कीड़े का प्रकोप देखा जा रहा हैं। अधिक प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.)

या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली./हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.8ई. सी. (333 मि.ली.) का छिड़काव करें. तना मक्खी के नियंत्रण के लिए भी इन्ही रसायनों का उपयोग करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

6. महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में घोंघे (snails slugs / गोगलगाय ) का प्रकोप देखा जा रहा हैं। कृषकों को सलाह हैं कि वे सतर्क रहे एवं अपने खेतो में सतत निगरानी करते रहे।

इसके लिए गुड के साथ मेटालडिहाइड 2.5% सूखे पेलेट का द्रावन बनाए तथा जूट के बोरे को इस द्रावन में भिगोकर अपने खेत में रात को रखे एवं अगले दिन निरिक्षण करें।

साथ ही सुरक्षात्मक रूप ‘अपने खेत के चारों ओर चुने की लकीर डालकर घोंघे को आने से रोके समस्या अधिक होने पर सोयाबीन के लिए अनुशंसित कीटनाशक जैसे मेलाथिऑन 50 ईसी ( 1500 मिली /हे) या इन्डोक्साकार्ब 15.8 इ.सी. (333 मिली/हे) या क्विनाल्फोस 25% ई.सी. (1 ली/हे.) का फसल एवं जमींन पर छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

7. महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के कुछ क्षेत्र जहाँ पर कई दिनों से बारिश नहीं होने से सुखी भूमि में सफ़ेद सुंडी का प्रकोप देखा जा रहा हैं।

अतः सलाह है की इसके नियंत्रण हेतु खेत मे प्रकाश प्रपंच लगाए एवं व्हाइट ग्रब के वयस्कों को एकत्र होने पर नष्ट करें। साथ ही फसल पर वीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का सोयाबीन की फसल में पौधों में बीच छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

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सोयाबीन में रोग नियंत्रण के लिए सलाह

1. पीला मोज़ेक रोग : पीला मोज़ेक / सोयाबीन मोज़ेक रोग के लक्षण दिखने पर प्रारंभिक अवस्था में ही रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी / एफिड की रोकथाम हेतु एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) का छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली/हे) का भी छिडकाव किया जा सकता हैं।

इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

2. एन्थ्रानोज रोग : लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्रानोज रोग की सम्भावना अधिक होती हैं। अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह हैं कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्रातिशीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली /हे)

या टेबूकोनाजोल 38.39 एस. सी. (625 मिली /हे) या टेबूकोनाझोल 10% + सल्फर 65% WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा /हे) से फसल पर छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

3. रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट रोग : रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट रोग के लक्षण दिखाई देने पर सलाह हैं कि नियंत्रण हेतु अनुशंसित फफूंदनाशक पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20% WG (375-500 ग्रा/हे)

या फ्लुक्सापग्रोक्साड 167 g/l + पायरोक्लोस्ट्रोबीन 333 g/ SC (300 मिली/हे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन – इपोक्कोसीकोनाजोल 50g/1 एस.ई. (750 मिली/हे) जैसे फफूंदनाशकों का अपने फसल पर छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

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सोयाबीन में कीट नियंत्रण को लेकर सलाह

1. चने की इल्ली : चने की इल्ली के नियंत्रण हेतु फसल पर इंडोक्साकार्ब 15.80% EC (333 मिली/हे.) का छिडकाव करें. इसके लिये वैकल्पिक कीटनाशक हैं, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे.)

या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g// एस.सी. ( 42-62 ग्राम / हे), या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी ( 150 मि.ली.) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब एस. सी ( 875-825मि.ली. हे)। : Soybean Crop Weekly Advisory

2. चक्र भृंग किट : चक्र भृंग के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750 मिली/हे) या इमामेक्टीन बेन्जोएट (425 मिली है) या आइसोसायक्लोसरम 9.2% W/W Dc (10% W/V) DC (600 मिली/हे)

या कार्टाप हाइड्रो क्लोराइड 04%+ फिप्रोनिल CG % 00.50 (200 मिली/हे) या एसिटेमीप्रीड 25 % + वायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी. (250-300 मिली/हे)

या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1 ली है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस. सी 18.50% SC (150 मिली/हे) का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें। : Soybean Crop Weekly Advisory

3. सेमीलूपर इल्ली : सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे). या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस.सी. ( 42-62 ग्राम / हे),

या फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेंथ्रिन 25% WG (250ग्रा./हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस .सी (333 मि.ली/हे),

या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी., ( 250-300 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/ है)

या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली /हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली / है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/हे) का छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

4. तंबाकू इल्ली : तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिड़काव करें: इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली. /हे), ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम / हे),

या एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली / हे ),

या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी. (250-300 मिली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी ( 450 मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे) का छिडकाव करे। : Soybean Crop Weekly Advisory

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5. सेमीलूपर + चने की इल्ली + तम्बाकू की इल्ली : आपकी फसल में सेमीलूपर + चने की इल्ली + तम्बाकू की इल्ली एक साथ पाए जाने पर नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : ब्रोफ्लानिलाइड 300g/1 एस.सी. (42-62 ग्राम / हे),

या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली/हे), या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस. सी. ( 825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें।

6. सेमीलूपर / तम्बाकू / चने की इल्ली :- पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर / तम्बाकू / चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी / जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी/चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.)

या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (200 मिली./हे.) का छिडकाव करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

7. यदि आपकी फसल में बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप है, इसके नियंत्रण हेतु फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे),

या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/ 1 एस.सी. ( 42-62 ग्राम / हे), या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी ( 450 मिली/हे) का छिडकाव करें।

किसानों के लिए सामान्य सलाह 

पीला मोज़ेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु “T” आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये। इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है। : Soybean Crop Weekly Advisory

सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये।

अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर 3-4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली / कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये।

सोयाबीन फसल पर पौध संरक्षण के लिए अनुशंसित रसायनों (कीटनाशक/फफूंद नाशक ) के छिडकाव में पर्याप्त पानी की मात्रा ( नेप्सेक स्प्रयेर या ट्रेक्टर चालित स्प्रयेर से 450 लीटर/ हे पॉवर स्प्रेयर से 125 लीटर / हे न्यूनतम) का उपयोग करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

कीट एवं रोगों से फसल सुरक्षा हेतु उपयुक्त रसायनों का छिडकाव किया जाना चाहिए, भले ही सोयाबीन फसल फुल आने की अवस्था में हो।

ऐसे रसायन (कीटनाशक/खरपतवारनाशक/फफूंदनाशक) जो सोयाबीन फसल में उपयोग हेतु भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा जारी सूचि में शामिल नहीं, उपयोग नहीं करें।

किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दूकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।

जिन रसायनों (कीटनाशक/खरपतवारनाशक/फफूंदनाशक) के मिश्रित उपयोग की वैज्ञानिक अनुशंसा या पूर्व अनुभव नहीं है, ऐसे मिश्रण का उपयोग कदापि नहीं करें। इससे फ़सल को नुकसान हो सकता है।

सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1.0ली/ हेक्टे) का प्रयोग करें। : Soybean Crop Weekly Advisory

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