सोयाबीन एवं गेहूं के भाव में गिरावट, जानिए सभी फसलों के भाव

Soybean gehun Bhav report ; रबी फसलों की आवक शुरू हो चुकी है इधर सोयाबीन एवं गेहूं के भाव में गिरावट हो रही है आइए जानते हैं सभी फसलों के भाव …

Soybean gehun Bhav report ; गेहूं एवं सोयाबीन दोनों रबी एवं खरीफ की प्रमुख फसलें हैं एवं एवं सोयाबीन की खेती अधिक होती है इसके बाद चना, बाजरा, सरसों एवं धान की खेती होती है। गेहूं एवं सोयाबीन के भाव बाजार की परिस्थिति पर निर्भर करते हैं, क्योंकि दोनों ही फसलों को वायदा बाजार में नहीं रखा गया है।

एक पखवाड़े पहले तक गेहूं के भाव में तेजी का दौर चल रहा था किंतु सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने के निर्णय के पश्चात गेहूं के भाव में निरंतर गिरावट हो रही है। यही हाल सोयाबीन का भी चल रहा है सोयाबीन के भाव में लंबी गिरावट अब तक बनी हुई है। इन दोनों फसलों के अलावा अन्य फसलों के भाव भी जानिए

तेल का स्टॉक बढ़ने से सोयाबीन में लंबी गिरावट 

सोयाबीन की फसल (Soybean gehun Bhav report) सितंबर अक्टूबर माह के दौरान आ जाती है, तभी से सोयाबीन के भाव में आशा जनक तेजी नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं सोयाबीन के भाव में लगातार मंदी का दौर बना हुआ है। बीज वाले सोयाबीन को छोड़कर अन्य सोयाबीन में अभी तक गिरावट का ही दौर चल रहा है।

यही कारण है कि अब तेल का स्टॉक अधिक होने लगा है। किसानी आवक अभी भी बढ़ नहीं रही है। स्टॉक वाले अभी भाव देख रहे हैं। फरवरी माह के बाद बेचने का फैसला लेने की खबर है।

क्या 2023 में सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे, जानें यह रिपोर्ट

सोयाबीन के कारोबारी अब तेजी (Soybean gehun Bhav report) की आशा भी नहीं कर रहे। इसकी वजह लगातार तेल की मांग में कमी बने रहने को बताया जा रहा है। व्यापारियों को अब सिर्फ यही आशा है कि वैवाहिक दौर होने से बड़ी बिक्री का दौर बनेगा और तेल के भाव में तेजी आएगी।

इधर इसी आशा के चलते किसानों के पास भारी मात्रा में सोयाबीन रुका होने से बाजार से तेजी गायब होने लगी है। इस बार सीजन का 30 फीसदी सोयाबीन स्टॉक में चला गया।

अब प्लांट की खरीदी (Soybean gehun Bhav report) रुकी तो 200 रुपए की संभावित मंदी नए सिरे से आने की संभावना बताई जाने लगी है। इधर बीज वालों के पास बड़ा स्टॉक भी मंदी के घर में इंटर हो गया है। बड़े लाभ का बीज व्यापार अभी से नुकसान का कारण बनता जा रहा है।

आयातित तेल बाजारू तेल में तेजी को पहले से रोक चुका है। महंगे भाव के सपने वाले भी वक्त की नजाकत जानकर मंदी का जोड़ बाकी करने लगी है। ताजा अपडेट में सोयाबीन 5000 से 5200 रुपए, बीज में 7000 रुपए के भाव की आशा की जाने लगी है।

2023 का साल सोयाबीन में मंदी वाला माना जाने लगा है। बड़ा धन सोयाबीन स्टॉक (Soybean gehun Bhav report) में डंप होने से इसे निकालने की कवायद शुरू हो चुकी है। मंडी नीलाम में शुक्रवार 10 फरवरी 2023 को उज्जैन में चिमनगंज मंडी उज्जैन में प्लांट का सोयाबीन 5331 रुपए रहा। ऐसे में अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सोयाबीन के भाव वर्ष 2023 में 5000 से 5600 रुपए के मध्य ही रहेंगे।

नया रायडा सोयाबीन में मंदी लाएगा

सोयाबीन के भाव (Soybean gehun Bhav report) मंदी के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं। रबी फसलों में रायडा, सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। इसके भाव 3500 से 4000 रुपए के बताए जा रहे हैं। सोयाबीन में भाव बढ़ने की अपेक्षा घटने की संभावना ज्यादा बताई जा रही है। बंपर स्टॉक के साथ बीज का बड़ा स्टॉक लंबे नुकसान की ओर बढ़ रहा है।

मंडी नीलाम में प्लांटों की खरीदी के चलते 5360 रुपए के भाव हो गए। इस समय प्लांट की आढ़त खरीदी वाले लाभ में हैं। सोयाबीन में बड़ा धन लगाने वाले अब जमीनों के व्यापार में हाथ आजमाने लगे हैं।

मंडियों में सोयाबीन प्लांटों (Soybean gehun Bhav report) की पकड़ मजबूत होने से कारोबारी के लिए व्यापार भी नहीं रहा। गेहूं 2591 से 2751 मक्का 1501 से 2057 सोयाबीन 4655 से 5350 डॉलर चना 11135 से 12435 रुपए।

गेहूं के भाव भी कमजोर हुए

एक समय बाजार में गेहूं 3000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक का बिकने लगा था। गजर गेहूं के भाव ही 2600 से 2700 रुपए प्रति क्विंटल (Soybean gehun Bhav report) तक हो गए थे, लेकिन सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने का निर्णय लिया और गेहूं के भाव में कमी होना शुरू हुई। अब बाजार में ऐसी चर्चा है कि खाद्य निगम का 15 फरवरी को होने वाले टेंडर में बिक्री भावों में कुछ कमी कर सकता है।

इस खबर के चलते गेहूं के लेवाल पीछे हटने लगे हैं जिसके कारण गेहूं के भाव में लगातार कमी हो रही है नए गेहूं के भाव भी कम होने लगे हैं। चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 में मध्यप्रदेश में एमएसपी पर सरकार ने 80 लाख टन खरीद का लक्ष्य तय किया है। गेहूं की खरीद के लिए पंजीकरण शुरू कर दिए गए हैं। एमपी में एसएमपी पर 80 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।

नई फसलों की आवक बढ़ेगी

मौसम में आए परिवर्तन के पश्चात तेज धूप की वजह से डॉलर एवं देशी-कांटा, विशाल चने की आवक समय से पहले बढ़ सकती है। फिलहाल मंडियों (Soybean gehun Bhav report) में बिटकी 6500 से 7300 नया डॉलर चना 10500 से 12000 ऊपर में 12200 से 12900 पुराना 11800 से 12400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

इस बार देश में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष 112 मिलियन टन (11.20 करोड़ टन) गेहूं उत्पादन (Soybean gehun Bhav report) होने की उम्मीद है। इसकी वजह है कि देश में रबी की फसलों की बुवाई का रकबा बढ़ा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल रबी फसलों की रकबा 22.71 लाख हेक्टेयर बढ़ा है।

कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, रबी की फसलें 720.68 लाख हेक्टेयर में बोई गई हैं, जो 2021-22 की इसी अवधि में 697.98 लाख हेक्टेयर में हुई बुवाई की तुलना में 3.25% अधिक है।

सिर्फ गेहूं का रकबा 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। इस बार 343.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल (Soybean gehun Bhav report) है। पिछले साल यह 341.84 लाख हेक्टेयर में थी। 2020-21 में देश ने रिकॉर्ड 10.95 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। वहीं, सरसों का रकबा इस बार 6.77 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। पिछले साल 91.25 लाख हेक्टेयर में सरसों थी। इस बार यह 98.02 लाख हेक्टेयर में है।

राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ (Soybean gehun Bhav report) अनुसंधान संस्थान, करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि ‌राज्यों से मिली रिपोर्ट के अनुसार देश में गेहूं का उत्पादन 112 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि देशभर में इस वर्ष गेहूं का रकबा 1.39 लाख हेक्टेयर तक बढ़ा है।

रबी फसलों की पैदावार पर मौसम का असर पड़ेगा ?

मौसम में आए अचानक बदलाव के साथ कुछ फसलें (Soybean gehun Bhav report) जल्दी तैयार हो सकती है, जबकि गेहूं जैसी फसलों को नुकसान भी हो सकता है। गत वर्ष तो मार्च में गर्मी पड़ना शुरू हुई थी, इस वर्ष फरवरी के प्रथम पखवाड़े से ही गर्मी ने उग्र रूप धारण कर लिया है।

पिछले महीनों में यह भविष्यवाणी की जा रही थी कि इस बार फरवरी माह तक ठंड का प्रभाव देखा जा सकेगा, किंतु गर्मी का प्रभाव देखने को मिल रहा है।

यह भी भविष्यवाणी की जा रही है कि इस बार गर्मी (Soybean gehun Bhav report) का प्रभाव अधिक रहेगा और अलनीनो का प्रभाव भी देखा जा सकता है।

इससे संभव है कि आने वाले महीनों में मानसून की वर्षा को प्रभावित करें और वर्षा कम भी हो सकती है जो भी हो आने वाले दिनों में गर्मी का यही प्रभाव रहा।

तब गेहूं की उत्पादकता (Soybean gehun Bhav report) पर गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका रखी जाती है। दलहन-दालों में ग्राहकी का अभाव बना हुआ है। भावों में भी स्थिरता रही। चना एवं डॉलर चने की आवक जल्दी शुरू हो सकती है।

गेहूं, सोयाबीन एवं अन्य फसलों के यह भाव 

मक्का 2141 से 2541 (Soybean gehun Bhav report) उड़द 6000 से 7020 सोयाबीन 4760 से 5530 गेहूं 2600 से 2952 चना 4200 से 4660 मसूर 5000 से 5800 धनिया 3790 से 6961 नई लहसुन 2760 से 6501 पुरानी लहसुन 251 से 2281 मैथी 4700 से 6061 ,

अलसी 5101 से 5399 सरसों 4250 से 5547, नई सरसों (पीली) 5244 से 6171, इसबगोल 11000 से 15300, प्याज 200 से 1054 कलोंजी 7951 से 14600 मटर, 2500 से 3599 असालिया 6481 से 7431 मूंग 6951 रुपए रहे।

(नोट :– यह भाव इंदौर मंडी दिनांक 11 फरवरी 2023 की स्थिति के है।)

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