सोयाबीन के भाव में तेजी आना शुरू हुई है आईए जानते हैं आगे (Soybean Price) भाव की क्या स्थिति रहेगी..
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Soybean Price | सोयाबीन के भाव को लेकर किसान एवं व्यापारी दोनों परेशान है, किसानों एवं व्यापारियों के पास सोयाबीन का स्टॉक बताया जा रहा है।
भाव बढ़ने की आशा में सोयाबीन किसानों ने कम मात्रा में सोयाबीन बेची इधर दूसरी ओर सीजन की शुरुआत अर्थात अक्टूबर महीने में व्यापारियों ने तेज भाव में सोयाबीन को खरीद कर स्टॉक कर लिया।
सोयाबीन के भाव को लेकर अब आशाजनक स्थिति बनना शुरू हुई है, हालांकि यह स्थिति कब तक रहेगी एवं सोयाबीन के भाव बढ़ाने के पश्चात स्थिर कब होंगे, इसका आकलन विशेषज्ञ भी नहीं कर पा रहे हैं। Soybean Price
सोयाबीन का कारोबार करने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में सोयाबीन के भाव राहत देने वाले रहेंगे। इधर किसान बताते हैं कि सोयाबीन की खेती में लागत इतनी बढ़ गई है कि भाव 6000 रुपए प्रति कुंतल से कम रहने पर नुकसान ही रहेगा।
आने वाले समय में सोयाबीन के भाव क्या रहेंगे एवं व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक क्या स्थिति बनने वाली है, Soybean Price आइए सब कुछ जानते हैं..
खाद्य तेलों के आयात से तबाह हुआ सोयाबीन का बाजार
भारत ने कुछ वर्ष पूर्व खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क काफी कम कर दिया था, जिससे इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों ने भारत में पाम ऑयल की डंपिंग शुरू कर दी, जिसे खाने के लिए कुछ ही देशों में इस्तेमाल किया जाता है। Soybean Price
आज हालात इतने गंभीर हैं कि पिछले माह ही इसके आयात में 23 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। देश में पिछले वर्ष 93096 करोड़ रुपए का पाम ऑयल आयात हुआ था, जो इस वर्ष 1 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करने वाला है।
इतनी बड़ी तादात में खाद्य तेलों के आयात का सीधा असर देश के करोड़ों तिलहन पैदा करने वाले किसानों और इस कारोबार से जुड़े उद्योगपतिओं पर पड़ा है। पाम ऑयल के अलावा देश में अन्य खाद्य तेलों का आयात भी 71000 करोड़ रुपए से ऊपर का है। ये सब वो उत्पाद हैं, जो भारत के किसानों और उद्योगों में नई जान फूंक सकते हैं।
इतने बड़े आयात के चलते भारत में खाद्य तेलों की कीमतें धूल चाट रही हैं, जिससे किसानों को सोयाबीन एवं अन्य तेलहनी खेती से लगातार घाटा हो रहा है। इनके साथ देश में लगी हजारों इकाइयां भी मंदी की चपेट में आ चुकी हैं। लुधियाना में करीब 300 ऑयल एक्सपैलर बनाने वाली इकाइयां न के बराबर चल रही हैं, क्योंकि न ही नए एक्सपेलर और न ही इनके पुर्जो के कोई बड़े ऑर्डर आ रहे हैं। Soybean Price
केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि सरकार इंडोनेशिया और मलेशिया के किसानों को तो अमीर बना रही है, लेकिन देश के किसानों को इस नीति से बर्बाद किया जा रहा है। अगर सरकार ने तेल आयात पर पाबंदी न लगाई तो देश में सस्ते पाम ऑयल आयात के चलते बाकी के खाद्य तेल भी बिकना बंद हो जाएंगे। इन आरोपों के पक्ष सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क लगाया इसके पश्चात अब स्थिति सुधारने की आशा बनती नजर आ रही है, हालांकि इसमें समय लगेगा।
अब सोया एवं अन्य खाद्य तेलों के आयात में गिरावट
सरकार द्वारा आयात शुल्क में वृद्धि किए जाने के पश्चात इसका असर भी दिखाई देने लगा है। सोयाबीन तेल का आयात 10.01 प्रतिशत घटा, जबकि पाम तेल का आयात 7.13 प्रतिशत बढ़ा है। जुलाई- नवंबर 2024 के दौरान 74,385 मीट्रिक टन सोयाबीन तेल आयात किया गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 74,745 मीट्रिक टन था। नवंबर 2024 में सोयाबीन और पाम तेल आयात क्रमशः 113.99 प्रतिशत और 11.69 प्रतिशत बढ़ा है। Soybean Price
नवंबर में 15,045 मीट्रिक टन सोयाबीन तेल आयात किया गया जो पिछले नवंबर में 6,410 मीट्रिक टन था। नवंबर में 2.34 लाख मीट्रिक टन पाम तेल तेल आयात किया गया जो पिछले नवंबर में 2.31 मीट्रिक टन था। मंडी में सोयाबीन 4300 रुपये और सरसों निमाड़ी 5900-5950, एवरेज सरसों 5500 से 5600 रुपये क्विंटल बिकी।
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मावठे के कारण सोयाबीन के भाव बढ़ने की संभावना
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बरसात के साथ ही ओले गिरने से सरसों की फसल को भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। कई व्यापारियों का कहना है कि करीब 70 फीसद फसल प्रभावित हुई है। तीन-चार दिनों से उत्तरभारत के कई राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है। Soybean Price
राजस्थान के अलवर में तेज बरसात के साथ ही ओले गिरने से अलवर, राजगढ़ के कलेसियाना सहित आसपास क्षेत्र की सरसों फसल को खासे नुकसान का अनुमान है। सरसों की फसल में फली आना शुरू हो गई थी और अब ओले गिरने से पूरी फसल बिखर गई है।
सरसों के लिए यह बारिश वरदान की तरह होती है लेकिन ओले पड़ने से फसल को नुकसान का भी डर रहता है। कुछ दिनों से सरसों में तेजी की स्थिति भी बनी हुई है। ऐसे में मौसम खराब होने से इसको और बल मिल सकता है। इधर, मध्य प्रदेश के भी मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, इंदौर आदि क्षेत्रों में बारिश हुई है। इधर, इन दिनों देशभर में 31 दिसंबर और नववर्ष की तैयारी जोरों पर चल रही है जिस वजह से होटल, रेस्टॉरेट के साथ ही घरेलू मांग खाद्य तेलों में जोरदार बनी हुई है। Soybean Price
जबकि सप्लाई टाइट होने के कारण सोयाबीन तेल के दाम मंडियों में सोयाबीन की आवक भी बेहद कमजोर है। किसान कम दामों पर माल बेचने से बच रहे हैं। इसके चलते प्लांट अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं। यही कारण है कि अब सोयाबीन के भाव भी बढ़ने की संभावना अधिक होने लगी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन की यह रही स्थिति
सोयाबीन के भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्रित रहते हैं। चीन जो कि आज दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन का खरीदार देश कहा जाता है। चीन ने हाल ही में अमेरिका सोयाबीन की विशाल मात्रा में खरीदारी की है। चीन की एक सरकारी कंपनी सिनोग्रेन ने लगभग 500000 मेट्रिक टन अमेरिकी सोयाबीन की खरीदारी की है। Soybean Price
चीन और अमेरिका का यह सौदा शिकागो बोर्ड का ट्रेड के मार्च वायदा पर करीब 90 सेंट प्रति बुशल और में वायदा पर 80 सेंट प्रति बुशल फ्री ऑन बोर्ड के आधार पर किया गया है।
सोयाबीन की इन कीमतों में ब्राजील के एफओबी मूल्य के मुकाबले लगभग 80 सेंट से $1 तक का अंतर इसमें देखने को मिला है। ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि चीन की इस खरीददारी की वजह से वैश्विक बाजारों में संतुलन बना रह सकता है। लेकिन वहीं अमेरिका और ब्राजील की फसले अभी भी भारी आपूर्ति बना रही है। इन वजहो से दीर्घकालीन कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। Soybean Price
सोया प्लांटों की खरीदी में आई तेजी
भारतीय बाजारों में सोया तेल की कीमतों में लगातार चल रही तेजी की वजह से प्लांट में लेवाली में सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि प्लांटों ने उठाव में बढ़ोतरी और स्थानीय आवाक में लगातार गिरावट के चलते कीमतों में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की संभावना बहुत कम दिखाई दे रही है। Soybean Price
विश्लेषकों और व्यापारियों का कहना है कि आने वाले समय में सोया डीओसी में सुधार जारी रहने की संभावना है। वही प्लांट की अच्छी लेवाली और पोल्ट्री फार्म में बढ़ रही लगातार डिमांड की वजह से भाव में हल्की सी रिकवरी होने की उम्मीद की जा रही है।
इतना ही नहीं इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोया तेल और सोयाबीन की कीमतों पर नजर रखना बहुत जरूरी होने वाला है।
आने वाले समय में अगर चीन और बाकी देशों की तरफ से निर्यात मांग में बढ़त होती है तब ऐसे में भारतीय बाजारों को भी समर्थन प्राप्त हो सकता है। जिसकी वजह से तेजी तो नहीं देखी जाएगी लेकिन लगभग 200 से 300 रुपए तक की तेजी देखने को मिल सकती है। हाल ही में बाजार की तरफ नजर डाले तो दो-तीन दिनों में तेजी बनी हुई है। Soybean Price
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क्या 2025 में सोयाबीन का भाव ₹6000 तक जाएंगे
सोयाबीन के भाव कुछ समय से तेज होने लगे हैं। बीते कुछ दिनों में सोया डीओसी की कीमतों में 200 से 300 रुपए की तेजी देखने को मिल रही है। भविष्य में सोयाबीन की संभावना के संबंध में विशेषज्ञ बताते हैं कि मलेशिया में पाम की फसल को नुकसान हुआ है Soybean Price
जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पाम तेल के भाव अब अन्य तेलों से आगे जा रहे हैं तो आने वाले समय में रमजान जैसे बड़े त्यौहार की मांग को पूरा करने के लिए दूसरा विकल्प नहीं है जिसको ध्यान में रखते हुए कुछ जानकार का मानना है कि भविष्य में सूर्यमुखी और रिफाइंड तेल को समर्थन मिल सकता है।
जिससे जनवरी माह मध्य से तेलों में सुधार की गुंजाइश है जो अन्य तिलहन को भी समर्थन देने की संभावना रखता है। ऐसी स्थिति में सोया तेल की मांग में भी सुधार होने की संभावना है. Soybean Price
इससे सोयाबीन के भाव में तेजी आने के आसार बनेंगे, लेकिन यह तेजी अधिक नहीं रहेगी। सोयाबीन का कारोबार करने वाले व्यापारी बताते हैं कि 2025 में सोयाबीन के अधिकतम भाव 5300 प्रति क्विंटल तक हो सकते हैं, इससे अधिक सोयाबीन के भाव रहने की संभावना बहुत कम है।
सोयाबीन के वर्तमान भाव
वर्तमान में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में सोयाबीन के भाव 4000 से 4,300 रुपए प्रति क्विंटल के बीच देखने को मिल रहे हैं। यह कीमत फसल की गुणवत्ता, मंडी की स्थिति और आपूर्ति पर निर्भर करती है। Soybean Price
अब तक सोयाबीन के गिरावट वाले भाव बने रहे। नए साल में 4000 से 4500 प्रति क्विंटल के भाव अभी से बताए जाने लगे हैं। सोयाबीन प्लांट के खरीदी ऑफर में भी तेजी आने लगी है। Soybean Price
इसमें इंदौर प्लांट के खरीदी ऑफर 4375 से 4480, नीमच लाइन 4395 के भाव रहे। इधर, सोयाबीन कारोबारी अमर अग्रवाल ने बताया साल का आखिरी माह होने से प्रतिवर्ष ऐसा ही दौर आता है और जनवरी-फरवरी माह के दौरान सोयाबीन के भाव में तेजी आती है।
एक नजर ; सोयाबीन के वर्तमान प्लांट भाव
अवि उज्जैन 4400, बैतूल सतना 4425 बैतूल 4475 धानुका नीमच 4450. धीरेंद्र नीमच 4460, दिव्य ज्योति पचोर 4425 गुजरात- अंबुजा मंदसौर 4380 आइडिया-लक्ष्मी देवास 4400, केपी निवाड़ी 4400, खंडवा 4380, Soybean Price
मित्तल देवास 4425, एमएस नीमच 4450 नीमच प्रोटीन 4450, पतंजलि फूड 4375, प्रकाश पीथमपुर 4430, प्रेस्टीज देवास 4400, रामा धरमपुरी 4350, राम जानकी देवास 4410 सांवरिया इटारसी 4425, सोनिका मंडीदीप 4375 सालासर हरदा 4450 सूर्या मंदसौर 4425, वर्धमान अंबिका, काला पीपल 4350. विप्पी सोया देवास 4430 रुपये।
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