सोया उत्पादक राज्यों में सर्वे : सोयाबीन उत्पादन के नवीन आंकड़े जारी, उत्पादन एवं भाव की रिपोर्ट जानिए

सोया उत्पादक राज्यों में सर्वे के आधार पर सोयाबीन उत्पादन के नवीन आंकड़े जारी, पैदावार एवं भाव Soybean price report की रिपोर्ट जानिए

Soybean price report ; पिछले वर्ष सोयाबीन के सीजन से लेकर अब तक सोयाबीन के भाव में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। सोयाबीन के भाव 5000 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल के मध्य स्थिरता लिए रहे। सोयाबीन के भाव का आने वाला भविष्य क्या है? यह जानने की उत्सुकता लगभग सभी किसानों को है, क्योंकि एक महीने बाद खरीफ फसलों की बुवाई हो जाएगी।

खरीफ में सबसे ज्यादा सोयाबीन Soybean price report की बुवाई होना है। वहीं सोयाबीन का पहले से ही किसानों एवं व्यापारियों के पास पर्याप्त मात्रा में स्टाक है, ऐसे में सोयाबीन के उत्पादन एवं भाव की नई रिपोर्ट जारी हुई है। यह रिपोर्ट सोया उत्पादक राज्यों में सोयाबीन के उत्पादन के सर्वे के आधार पर जारी की गई है।

सोयाबीन के उत्पादन Soybean price report को लेकर दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार इस सीजन में सोयाबीन की उपलब्धता अनुमान से बेहतर रहने वाली है। सोपा ने ताजा आंकड़े जारी करते हुए अपने ही पूर्वानुमान को बदल दिया है।

सोपा के एक्जीक्यूटीव निदेशक डीएन पाठक ने ताजा आंकड़े जारी करते हुए कहा कि देश के प्रमुख सोया उत्पादक राज्यों में सर्वे के आधार सोयाबीन उत्पादन के प्राप्त आंकड़े Soybean price report बता रहे हैं कि अब भी बड़ी मात्रा में सोयाबीन क्रशिंग के लिए स्टाकिस्टों के हाथों में है। आइए जानते हैं पैदावार एवं भाव कि यह पूरी रिपोर्ट …

सोयाबीन के उत्पादन की ताजा रिपोर्ट

सोपा की ताजा रिपोर्ट में सोयाबीन का उत्पादन 124.395 लाख टन होने की उम्मीद जताई गई है। पूर्व की रिपोर्ट में 120.395 लाख टन उत्पादन आंका गया था। यानी सोयाबीन का उत्पादन Soybean price report बेहतर हो रहा है। इसी के साथ सोपा ने सोयाबीन क्रशिंग का अनुमान भी 100 लाख टन से बढ़ाकर 105 लाख टन कर दिया है। सोयामील का निर्यात भी बढ़ने की संभावना जताई गई है। सोयामील का निर्यात इस तेल वर्ष में बढ़कर 17 लाख टन होने के आसार है। जो पहले 14 लाख टन आंका गया था।

सोपा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बिजाई के लिए 13 लाख सोयाबीन किसानों द्वारा हाथ में रखे जाने के बावजूद इस वर्ष क्रशिंग के लिए कुल 141.26 लाख टन सोयाबीन उपलब्ध होगा। बीते वर्ष सिर्फ 113.27 लाख टन सोयाबीन क्रशिंग के लिए उपलब्ध था।

अप्रैल तक मंडियों और प्लांटों के पास कुल 84 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है। बीते वर्ष से करीब 18 लाख टन की आवक ज्यादा हुई है। करीब 65 लाख टन सोयाबीन Soybean price report अब भी प्लांटों, व्यापारियों और किसानों के हाथ में बताया जा रहा है।

सोयाबीन के भाव में तेजी की धारणा फेल हुई

सोयाबीन उत्पादन की रिपोर्ट एवं भाव Soybean price report के आंकड़े बताते हैं कि सोयाबीन उत्पादन में इस वर्ष चार लाख टन का इजाफा होने वाला है। ऐसे में फिलहाल न तो सोयाबीन और ना ही तेल में मांग और आपूर्ति के लिहाज से तेजी आती दिख रही है। जिसके कारण सोयाबीन के भाव में तेजी की संभावना अब लगभग खत्म हो रही है। दो साल पहले 10 हजार प्रति क्विंटल के दाम पर बिकने वाला सोयाबीन इस वर्ष 5400 से 5500 की रेंज में बना हुआ है।

सोयाबीन की तेजी की सारी धारणाएं Soybean price report फेल हो चुकी है। आगे भी ऐसी ही स्थिति दिख रही है। तेल वर्ष 2022-2023 जो अक्टूबर 2022 से शुरू होकर सितंबर 2023 में समाप्त होता है।इस अवधि के लिए सोपा ने खरीफ 2022 में सोयाबीन उत्पादन का मिड टर्म रिव्यू जारी किया है। सोपा ने ताजा सर्वे के आधार पर खरीफ के सोयाबीन उत्पादन के पूर्वानुमान को बदल दिया है।

सोयाबीन के दाम घटने से यह लाभ भी हुआ

इस साल सोयाबीन के दाम स्थिर है और सामान्य बने हुए हैं। ऐसे में सोयामील का निर्यात बढ़ता हुआ दिख रहा है। बीते साल दाम में तेजी Soybean price report के कारण निर्यात ठप हो गया था। उससे पहले कोरोना काल में कंटेनरों की कमी ने निर्यात में अडंगा लगा दिया था।

ऐसे में मप्र के सोया उद्योगों को भी राहत मिली है। निर्यात बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) रिपोर्ट जारी कर निर्यात आंकड़े जारी किए हैं। भारत से अधिकांश समुद्री मार्ग से सोयामील का निर्यात शिपमेंट होता है जबकि नेपाल एवं बांग्लादेश को स्थल मार्ग से भी यह भेजा जाता है।

सोपा के आंकड़ों Soybean price report से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के शुरुआती सात महीनों में यानी अक्टूबर 2022 से अप्रैल 2023 के दौरान देश से समुद्री मार्ग एवं स्थल मार्ग से कुल मिलाकर 13.78 लाख टन सोयामील का निर्यात हुआ जो 2021-22 सीजन के इन्हीं महीनों के निर्यात 5.03 लाख टन के दोगुने से भी काफी अधिक रहा। निर्यात में हुई इस शानदार बढ़ोत्तरी का प्रमुख कारण भारतीय सोयामील का ऑफर मूल्य काफी हद तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर रहना माना जा रहा है।

भारतीय सोयाबीन की विदेशों में इस वजह से अच्छी डिमांड

भारत में सिर्फ परम्परागत व नाम जीम किस्म के सोयाबीन का उत्पादन Soybean price report होता है जबकि अर्जेन्टीना, ब्राजील एवं अमरीका जैसे अन्य निर्यातक देशों में जीएम सोयाबीन का उत्पादन होता है। ऐसे में भारत के सोयाबीन को खाद्य उपयोग के लिए मंगवाया जाता है।

विश्वभर में भारतीय सोयामील की मांग इसीलिए ज्यादा है। इसी का नतीजा है कि भारतीय सोयामील के दाम अन्य देशों के माल की तुलना में निर्यात ऑफर मूल्य 40-50 डॉलर प्रति टन तक ऊंचा रहता है तब भी आयातक इसकी खरीद से परहेज नहीं करते हैं।

सोपा के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन Soybean price report के आरंभ में 2.47 लाख टन सोयामील का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि अप्रैल 2023 तक सात महीनों में कुल 57.43 लाख टन का उत्पादन एवं 5 हजार टन का आयात हुआ। इसमें से 13.78 लाख टन का निर्यात तथा 43.75 लाख टन का घरेलू उपयोग हुआ।

घरेलू उपयोग के तहत खाद्य उद्देश्य में 5.75 लाख टन सोयामील Soybean price report की खपत हुई जबकि पशु आहार / पॉल्ट्री फड निर्माण उद्देश्य में 38 लाख टन का इस्तेमाल किया गया और 1 मई 2023 को कल 2.42 लाख टन का अधिशेष स्टॉक बच गया। इस अवधि के दौरान देश में 84 लाख टन सोयाबीन की आवक तथा 71.50 लाख टन की क्रशिंग हुई।

किसानों के लिए सोयाबीन के संबंध में अब यह करना पड़ेगा, तभी फायदा होगा

वैश्विक स्तर के आयात निर्यात पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोयाबीन की मांग विश्व स्तर Soybean price report पर बढ़ेगी। लेकिन भले ही मांग बड़े किंतु सोयाबीन के भाव में अधिक तेजी नहीं आएगी विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी प्रमुख वजह पाम तेल एवं सोया तेल की मांग है।

डिमांड कम Soybean price report होने के कारण सोयाबीन की कृषि नहीं हो पाती क्रशिंग नहीं हो पाती जिसके कारण भाव नहीं बढ़ पा रहे हैं दूसरी वजह यह भी है कि सोयाबीन को वायदा कारोबार से मुक्त रखा गया है। ऐसे में अब किसानों को सोयाबीन की पैदावार पर ही ध्यान देना पड़ेगा सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को क्या क्या उपाय करना चाहिए जानिए…

खेत की तैयारी :- संतुलित उर्वरक व मृदा स्वास्थ्य हेतु मिट्टी में मुख्य तत्व- नत्रजन, फासफोरस, पोटाश, द्वितीयक पोषक तत्व जैसे सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जस्ता, तांबा, लोहा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम, बोरॉन साथ ही पी.एच., ई.सी. एवं कार्बनिक द्रव्य का परीक्षण करायें।

सोयाबीन के उपयुक्त समय :- ख़रीफ की फ़सल की तैयारी शुरू कर दी है जुलाई माह में इसकी बुवाई के लिए खेत तैयार है। इसमें सोयाबीन की फ़सल Soybean price report को अधिक मात्रा मप्र मे बोया जाता है।सोयाबीन को सबसे उपयुक्त माना गया है ये समय सोयाबीन को बोने के समय अच्छे अंकुकरण के लिए भूमि में 8/10 सेमी भूमि मे नमी की ज़रूरी है। खेत की तैयारी अगर बुवाई मेन देरी हो जाती है तो 5/10 प्रतिशत बीज को बड़ा कर डाले.

पौधों की संख्या :- सोयाबीन के पौधो के संख्या की 3/4 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर में उपयुक्त है।

सोयाबीन की खेती के लिए तैयारी व भूमि :- सोयाबीन Soybean price report की बोने से पहले ध्यान रखे खेत समतल होना ज़रूरी होता है। जुलाई में बारिश का मौसम शुरू होने पर पानी का खेत में ठहराव ना हो सके। खेत में पानी भर जाने से सोयाबीन की फ़सल ख़राब हो सकती है। पथरीली भूमि को छोड़कर कर सभी जगह सोयाबीन को बोया जा सकता है।

समतल होने से पानी का निकास होगा ओर पैदावार भी अच्छी हो सकती है। चिकनी ओर दोमट भूमि उपयुक्त होती है। खाली खेतों की ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से अप्रैल से 15 मई तक 10 से 12 इंच गहराई तक करें।

सोयाबीन की उन्नत किस्में :- आरवीएस 1135 जेएस 2172 जे.एस. 203, जे.एस. 202, आर.वी.एस.2001-4, जे.एस. -95-60, जे.एस.- 1050, जे.एस. 20-29 2014, जे.एस. 20-34 2014, एन.आर.सी-86 2014। सोयाबीन को अधिक मात्रा में उत्पादन करने के लिए 95/60 ओर 1025 क़िस्म का उपयोग करने से पैदावार अधिक होती और किसानों को निश्चित लाभ भी मिलता है।

एक बीघा में सोयाबीन का उत्पादन 5/6 क्विंटल हो जाती है। सोयाबीन किसान 228 की नई प्रजाति है, यह एक कम अवधी में सोयाबीन क़िस्म हैं जो सभी क़िस्मों से अधिक उत्पादकता Soybean price report दूसरों की तुलना में बेहतर है। इस क़िस्म के पौधा 75/80 सेंटीमीटर की ऊँचाई होती है।

सोयाबीन के बीज :- 80/85 किलो बीज प्रती हेक्टेयर का उपयोग किया जाए। अंकुरण प्रतिशत 75/80 से कम नही होना चाहिए।

बीज उपचार :- बोने से पूर्व प्रति किलोग्राम बीज को थीरम व 1.0 ग्राम बोने से कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण के मिश्रण से शोधित कर लेना चाहिए अथवा कार्बेन्डाजिम 2.0 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से शोधित करना चाहिए। बोने से पहले बीज को सोयाबीन के विशिष्ट राइजोबियम कल्चर से भी उपचारित करें। एक पैकेट 10 कि.ग्रा. बीज के लिये पर्याप्त होता है।

एक पैकेट कल्चर को 10 कि.ग्रा. बीज के ऊपर छिड़क कर हल्के हाथ से मिलायें जिससे बी के ऊपर एक हल्की पर्त बन जाये। इस बीज की बुवाई तुरन्त करें। तेज धूप से कल्चर के जीवाणु के मरने की आशंका रहती है, ऐसे खेतों में जहां सोयाबीन Soybean price report पहली बार या काफी समय बाद बोई जा रही हो, कल्चर का प्रयोग अवश्य करें।

इन देशों में सोयाबीन का उत्पादन होता है

सोयाबीन का उत्पादन Soybean price report प्रमुख रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील अर्जेंटीना, भारत, चीन, पराग्वे, कनाडा, यूक्रेन, बोलीविया में होता है। सोयाबीन उत्पादन द्वारा देशों की सूची दुनिया भर में प्रति वर्ष 334,898,449 टन सोयाबीन का उत्पादन होता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका प्रति वर्ष 117,208,380 टन उत्पादन मात्रा के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक है। ब्राजील 96,296,714 टन वार्षिक उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर आता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील विश्व के कुल Soybean price report उत्पादन का 60% से अधिक उत्पादन करते हैं। भारत 14,008,000 के साथ चौथे स्थान पर है।

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