सोयाबीन की एनआरसी 152 किस्म (Soybean variety NRC 152) की पैदावार, अवधि, एवं खेती की जानकारी जानें..
Soybean variety NRC 152 | प्रतिकूल मौसम की वजह से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति के कारण सोयाबीन की खेती में करने में कठिनाई आती जा रही है। सोयाबीन की फसल में फैलने वाले रोग एवं कम वर्षा के कारण सोयाबीन की पैदावार प्रभावित होती है। जिसके चलते किसानों की आय प्रभावित हो रही है।
किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (IISR) के वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की नई किस्म एनआरसी 152 (Soybean variety NRC 152) को विकसित किया है। इस किस्म की खास बात यह है कि, एनआरसी 152 किस्म सिर्फ 90 दिन की अवधि एवं कम वर्षा में पकेगी, साथ ही साथ ये बढ़िया उत्पादन देने में सक्षम है। तो आइए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से जानते है, सोयाबीन की एनआरसी 152 किस्म (Soybean variety NRC 152) के बारे में..
सोयाबीन एनआरसी 152 किस्म किस्म की जानकारी
Soybean variety NRC 152 | सोयाबीन की NRC 152 किस्म आईसीएआर-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर (मध्य प्रदेश) द्वारा विकसित की गई है। ये किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र का विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है। एनआरसी 152 नामक किस्म अतिशीघ्र पकने वाली, खाद्य गुणों के लिए उपयुक्त तथा अपौष्टिक क्लुनिट्ज़ ट्रिप्सिंग इनहिबिटर और लाइपोक्सीजेनेस एसिड -2 जैसे अवांछनीय लक्षणों से मुक्त है।
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सोयाबीन की एनआरसी 152 किस्म की अवधि एवं पैदावार
आईआईएसआर वैज्ञानिकों वर्षों की मेहनत के बाद अनुसंधान में विकसित सोयाबीन यह किस्म Soybean variety NRC 152 की प्राकृतिक गंध के लिए जिम्मेदार लाइपोक्सीजिनेज एसिड -2 से मुक्त है। सोयाबीन की एनआरसी 152 किस्म की अवधि की बात करें तो, यह किस्म सिर्फ 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके अलावा इस किस्म की पैदावार की बात करें तो, किसानों को अधिकतम 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देखने को मिलेगी।
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सोयाबीन की एनआरसी 150 किस्म के बारे में भी जानिए
Soybean variety NRC 152 | इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (IISR) के वैज्ञानिकों द्वारा सोयाबीन की ऐसी किस्मों को पहचाना गया है जो, मालवा मध्य प्रदेश की मौसम परिस्थिति के अनुसार अच्छी पैदावार दे सकती है।
इन्हीं किस्मों में से एक एनआरसी 150 किस्म भी है। इसकी विशेषता यह है कि यह मात्र 91 दिन में परिपक्व होती है। यह सोया गंध के लिए जिम्मेदार लाइपोक्सीजिनेज-2 एंजाइम से मुक्त है। यह रोग प्रतिरोधी भी है। वही यदि, इसकी पैदावार की बात करें तो, ये अधिकतम 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
सोयाबीन एनआरसी 152 किस्म का बीज कहां से ले
सोयाबीन की इस नई किस्म एनआरसी 152 (Soybean variety NRC 152) का बीज अपनी नजदीकी सीड्स कंपनी से खरीद सकते है। या इसके अलावा आप अपने नजदीकी सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (IISR) से संपर्क कर सकते है।
भारत में करीब 120 लाख टन होता है उत्पादन
Soybean variety NRC 152 | भारत में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसान प्रमुखता से सोयाबीन की खेती करते हैं। वहीं विश्व में अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देशों में भी बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती होती है। कुल सोयाबीन उत्पादन में इन तीनों देशों का वर्चस्व है और ये पूरे विश्व में 80 प्रतिशत सोयाबीन की आपूर्ति करते हैं। वहीं भारत में करीब 120 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन होता है। मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में पहले नंबर पर है।
मध्य प्रदेश में पिछले साल सोयाबीन की फसल पर कीटों ने हमला कर दिया था और मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण उत्पादन प्रभावित था। इस वजह से महाराष्ट्र पैदावार के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया था। पिछले साल मध्य प्रदेश में 41.8 लाख टन और महाराष्ट्र में 45.44 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। वहीं इस बार मध्य प्रदेश में करीब 52 लाख टन और महाराष्ट्र 48 लाख टन उत्पादन हुआ।
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बीज कंपनियां बता सकेंगी
बीज कहां पर मिलेग
बीज कंपनियों के पास मिल जाएगा, कई किसानों के पास में भी उपलब्ध है