गेहूं के भाव को लेकर बड़ी खबर : 2023 में क्या रहेंगे गेहूं के भाव जानिए

गेहूं के भाव 2023 में बढ़ेंगे या नहीं ? क्या रहेंगे (Wheat price in 2023) गेहूं के भाव ? क्या रहेगा समर्थन मूल्य ? जानिए सभी कुछ …

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1 गेहूं के भाव 2023 में बढ़ेंगे या नहीं ? क्या रहेंगे (Wheat price in 2023) गेहूं के भाव ? क्या रहेगा समर्थन मूल्य ? जानिए सभी कुछ …

Wheat price in 2023 | रबी फसलों में प्रमुख फसल गेहूं पक कर तैयार हो चुकी है। एमपी एवं देश के अन्य राज्यों में कहीं-कहीं गेहूं की कटाई का कार्य भी शुरू हो चुका है। कुछ मात्रा में नया गेहूं मंडियों में भी आने लगा है। नए गेहूं का शुरुआती भाव अभी औसत 2500 रुपए प्रति क्विंटल के बना हुआ है।

जैसे-जैसे मंडियों में गेहूं (Wheat price in 2023) की आवक बढ़ेगी, वैसे वैसे गेहूं के भाव को लेकर किसानों में जिज्ञासा बढ़ेगी। किसान साथियों को यह जानने की जिज्ञासा है कि गेहूं के भाव आगामी सीजन में एवं 2023 के दौरान क्या रहेंगे। इसी को देखते हुए choupalsamachar.in हम आपको मंडियो में गेहूं के भाव एवं गेंहू भाव को लेकर पूरी रिपोर्ट यहां बताएंगे..

इस वर्ष गेहूं का रकबा बढ़ा

पिछले वर्ष गेहूं के भाव (Wheat price in 2023) अच्छे मिलने के कारण एवं प्याज एवं लहसुन की फसल से किसानों को घाटा होने के कारण इस वर्ष गेहूं का रकबा बढ़ गया। यही कारण है कि देश में गेहूं का रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। हालांकि फरवरी के अंतिम सप्ताह में जिस प्रकार से गर्मी बढ़ी है उससे पैदावार पर असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष 112 मिलियन टन (11.20 करोड़ टन) गेहूं उत्पादन होने की उम्मीद है।

पिछले साल के मुकाबले इस साल रबी फसलों की रकबा 22.71 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष सिर्फ गेहूं (Wheat price in 2023) का रकबा 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। इस बार 343.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। पिछले साल यह 341.84 लाख हेक्टेयर में थी। 2020-21 में देश ने रिकॉर्ड 10.95 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। 

एमपी में गेहूं का रकबा घटा

देश में भले ही गेहूं (Wheat price in 2023) का रकबा बढ़ गया हो किंतु एमपी में गेहूं का रकबा कम हुआ है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसका प्रमुख कारण किसानों द्वारा इस वर्ष रायड़ा की खेती अधिक की जाना है। एमपी में किसानों का रायड़ा के साथ-साथ मसूर के प्रति भी अधिक रुझान होने लगा है। इन दोनों फसलों का रकबा बढ़ता जा रहा है।

कृषि विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, जम्मू कश्मीर, असम आदि राज्यों में गेहूं का रकबा इस वर्ष बड़ा है। वहीं मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड एवं कर्नाटक में गेहूं का रकबा घटा है।

गेहूं के भाव को लेकर बाजार में हड़कंप मचा

इधर केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख टन गेहूं (Wheat price in 2023) की और बिक्री किए जाने की घोषणा से बाजार में हड़कंप मच गया है। गत वर्ष मार्च माह में निर्यात का माहौल था और 13 मई को बंद करने से हड़कंप मचा था।

इस वर्ष पिछले दो माह से गेहूं के भावों में लगातार तूफानी तेजी की वजह से गेहूं, आटा, मैदा एवं बेकरी उत्पाद के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे। ये निर्णय दो माह पूर्व लिए जाने थे। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने पिछले माह 30 लाख टन बेचने की घोषणा की थी, अब 20 लाख टन की बिक्री और कर दी।

मंडियों में गेहूं के भाव लगातार कम हो रहे, जानें 

केंद्र सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं (Wheat price in 2023) बेचने के इन निर्णयों से व्यापारी के साथ अब किसान भी नुकसान झेलेंगे। सरकार ने 20 लाख टन की घोषणा ऐसे समय की गई है, जबकि मध्यप्रदेश- गुजरात में फसलें पकने को तैयार है और कुछ मात्रा में आवक शुरू भी हो चुकी है। खाद्य निगम ने आरक्षित मूल्य घटा दिए है।

इससे गेहूं उत्पादकों पर बड़ी मात्रा में घाटा होने लगा है। गेहूं का सीजन शुरू होते ही किसानों के आंसू निकलने लगे हैं। आम धारणा यह बन गई है कि गोदाम भरने के लिए किसानों का माल एमएसपी पर बड़ी मात्रा में खरीदा जाए। यदि किसान मंडियों में अधिक मात्रा में गेहूं नहीं लाए तब बिक्री भाव 1980 एवं 1950 रुपए भी किए जा सकते हैं।

यहां तक तो ठीक है। जानकार वर्ग का यह भी मत है कि स्टॉक लिमिट लगाने का अधिकार खाद्य मंत्रालय खो चुका है। पिछले 4 माह पूर्व स्टॉक लिमिट (Wheat price in 2023) लगाना था, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। अब तो काफी सरल स्थिति है। अनेक मंडियों में गेहूं एमएसपी से नीचे बिक रहा है। तेजी का तूफान धूल चाटने लगा है।

गेहूं के भाव का 2023 में क्या भविष्य रहेगा जानिए – Wheat price in 2023

गेहूं के उत्पादन में 4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। लेकिन इसके पूर्व ही केंद्र सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने के निर्णय से देशभर में गेहूं के भाव (Wheat price in 2023) में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है देश में 2125 से 2150 रुपए में गेहूं बिक रहा है। इससे खाद्य निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है किंतु इसके ठीक विपरीत किसानों को आने वाले रबी सीजन में अरबों रुपए का घाटा हो जाएगा, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी।

किसानों ने जिस धारणा से गेहूं की बोवनी की थी, वह सपना चूर-चूर हो गया है। अंदरुनी रूप से लाखों किसान खाद्य में निगम से नाखुश हो सकते हैं। वर्तमान रबी सीजन के दौरान प्रमुख रूप से खाद्यान्न, गेहूं और प्रमुख मौसमी तिलहन सरसों के उत्पादन में वृद्धि होने का अनुमान है।

मंत्रालय ने उपरोक्त अनुमान व्यक्त किया है। मंत्रालय का कहना है कि भविष्य (Wheat price in 2023) में आकर्षक कीमत मिलने की आशा से तुलनात्मक रूप से बोवनी का क्षेत्रफल अधिक रहा है। इसके अलावा औसत उत्पादकता वाले बीजों का उपयोग करने से उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है।

केंद्र सरकार ने गेहूं के भाव नियंत्रित किए

गेहूं के संभावित उत्पादन की वजह से विश्व के इस प्रमुख खाद्यान्न फसल के दूसरे बड़े उत्पादक (Wheat price in 2023) को देश में तेजी को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। पिछले कुछ वर्षों से देश केंद्रीय पुल में करोड़ों टन का भंडार रहता आया है। गत वर्ष एक साथ अनेक ऐसी घटनाएं घट गई कि देश नहीं विदेशों में भी गेहूं के भंडार खाली हो गए और गेहूं जैसी सबसे सस्ती जिंस के भावों में अनसोची तेजी आ गई।

पहली मार गुजरात एव मध्यप्रदेश के किसानों पर पड़ेगी। जिनका गेहूं 2400 से 2500 रुपए क्विंटल में हाथों हाथ बिकने की संभावना थी। पूरे देश में एक मूल्य पर गेहूं बेचने का खामियाजा गेहूं उत्पादक किसानों को उठाने पड़ेगा। उत्पादक 3000 से 3250 रुपए गेहूं बेचने का सपना देख रहे थे, अब मूर्छित अवस्था में ला दिया है।

केंद्र सरकार ने गेहूं बिक्री (Wheat price in 2023) का हाल ही में जो निर्णय लिया है वह करोड़ों लोगों के लिए लाभदायक है और स्वागत योग्य भी है, किंतु इस निर्णय से किसानों की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी। जो अभी तक महंगा गेहूं बेचकर करोड़ पति बनने का सपना देख रहे थे। वह सपना चूर-चूर हो गया है।

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समर्थन मूल्य पर अधिक खरीदी के लिए यह किया

गत वर्ष फसल शुरू होते ही निर्यात खोलने से मध्यप्रदेश के किसानों का बड़ी मात्रा में गेहूं (Wheat price in 2023) विदेश चला गया था। इस वर्ष विदेश जाने का तो सवाल ही नहीं है, वरन् अन्य राज्यों में जाने के लिए भी तरस सकता है। इस रणनीति के पीछे यह राज हो सकता है कि किसान अधिकतम गेहूं खाद्य निगम को तौले।

जिससे केंद्रीय पूल के भंडार भर सके। इस वर्ष तो लगभग सभी गोदाम खाली हो गए हैं। मार्च अंत तक सरकारी भंडार का जितना भी माल है, वह भी खाली हो जाएगा। इसकी प्रमुख वजह यह है सभी राज्यों में एक समान भाव पर बिकवाने की पूर्व वर्षों में यह प्रणाली अपनाई गई थी।

यह सही है कि इस प्रणाली से पूरे देश में आटा, ब्रेड, बिस्किट एवं बेकरी आयटम (Wheat price in 2023) में अधिक फर्क नहीं रहेगा, वरन् गेहूं उत्पादक राज्यों की अपेक्षा सस्ते बिक सकते हैं। जानकार बताते हैं कि केंद्र सरकार ने रबी सीजन की शुरूआत के ठीक पहले खुले बाजार में गेहूं विक्रय करने का निर्णय इसलिए लिया ताकि गेहूं के भाव समर्थन मूल्य के समकक्ष हो जाए एवं समर्थन मूल्य पर अधिक से अधिक खरीदी हो।

तापमान बढ़ना शुरू हुआ, फसल की पैदावार पर असर पड़ेगा 

देश के कई भागों (Wheat price in 2023) में तापमान बढ़ना शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार महाराष्ट्र सहित दक्षिण-पश्चिम और मध्य भारत में 26 फरवरी के बाद से तापमान में 2-4 डिग्री की वृद्धि हो सकती है। उत्तर भारत में अगले एक महीने में

तापमान में असामान्य वृद्धि होने पर गेहूं खड़ी फसल पर

प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि इस दौरान गेहूं की बालियों में दाना आने का महत्वपूर्ण चरण शुरू होता है। गुजरात एवं मध्य भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। हालांकि आने वाले दिनों में तापमान उत्तर भारत में भी इस स्तर पर पहुंच सकता है।

गेहूं के भाव में 200 रुपए क्विंटल की गिरावट हुई

मंडियों में नए गेहूं के भाव 2000- 2050 रुपए खुल सकते हैं। सरकार ने 2150 रुपए में मिल वालों को गेहूं दिया। बेस्ट सुपर गेहूं जो 2800-2900 रुपए बिक रहा वह 2500 रुपए (Wheat price in 2023) हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। इस समय व्यापारियों के पास एक-दो गाड़ी गेहूं हाथ में होने से सीधे 200 रुपए प्रति बोरी नुकसान लगने की खबर है। व्यापारियों के अनुसार अब मार्के वाला गेहूं का व्यापार होली के बाद ही शुरू होगा। 

आटा, मैदा एवं रवा के भावों में भारी मंदी

केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री भाव में 2 रुपए किलो कम किए जाने से मैदा, आटा एवं रवा के भावों (Wheat price in 2023) में गिरावट का दौर शुरू कर दिया है। एक मिल ने मैदा 50 आटा 30 एवं रावा में 50 रुपए प्रति कट्टे की कमी की है। अगले सप्ताह अन्य मिलें भी भाव घटा सकती है। उसके बाद होटल-हलवाई एवं खेरची व्यापारियों को राहत मिलेगी।

वैसे भी भाव बढ़ने से थोक-खेरची में कारोबार करने वाले व्यापारियों को बड़ी मात्रा में पूंजी लगाना रही थी, और लाभ में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं हुई थी। किराना बाजार में ग्राहकी कमजोर (Wheat price in 2023) रही। आधा बाजार खुला था और आधा बंद था। अपरान्ह बाद शेष दुकानें भी बंद होना शुरू हो गई थी। बाजार में मैदा 1500 से 1560 रवा 1530 से 1580 आटा 1470 से 1540 रुपए के भाव बोले जाने लगे।

निर्यात खोलने की घोषणा अभी नहीं 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार एक वर्ष पूर्व हुए 10.959 करोड़ टन उत्पादन की तुलना में वर्ष 2022 में घटकर 10.774 करोड़ टन हुआ था। गेहूं (Wheat price in 2023) की फसल वर्ष में एक बार ही आती है। बोवनी नवंबर तक और कटाई फरवरी से शुरू होकर मई अंत तक होती चलती है।

निर्यात खोलना या न खोलने संबंधी घोषणाओं में आए दिन परिवर्तन होता रहता है। विचारों में निश्चितता का अभाव है। जब तक गोदामों में गेहूं नहीं आ जाता उसके पहले विचार कैसे कर सकते हैं। हवा में उड़ने एवं बिना सोच-विचार के गेहूं निर्यात के निर्णय ने देश की करोड़ों जनता को आर्थिक मुसीबत में डाला है।

2125 समर्थन दाम पर रिकार्ड गेहूं बिकेगा

सरकार ने सस्ते भाव का गेहूं (Wheat price in 2023) बाजार में छोड़ दिया। आटा मिल वाले 2150 में गेहूं खरीदकर सस्ता आटा निर्माण करेंगे। नए गेहूं की छिटपुट आवक में खरीदार पार्टी को 200 रुपए से अधिक का प्रति क्विंटल का नुकसान हो गया। इधर 10-12 दिन में आटा 5 रुपए प्रति किलो घट गया।

आगे और भाव घटेंगे। इस समय आटे की मांग ज्यादा चल रही है। सरकारी नीति में गेहूं सस्ता छोड़ने से उत्पादक किसानों को खुले बाजार में समर्थन दाम से नीचे भाव मिलेंगे। गेहूं पर सस्ते की मार से सबसे ज्यादा उत्पादक किसान प्रभावित होंगे, हालांकि सरकार ने 2125 रुपए भाव का ऑफर दे रखा है।

मंडियां नीचे बिकेगी तो एकतरफा गेहूं (Wheat price in 2023) सोसायटियों में ही बिकेगा। यह अलग कि आगे बोनस की संभावना प्रकट हो जाए तो किसान गेहूं उपज में मालामाल हो सकते हैं। मालवा क्षेत्र गेहूं उपज से फुल चल रहा है। तेजस मालवराज गेहूं ही अधिक है।

ऐसे में मंडियों में लोकवन गेहूं के भाव समर्थन दाम से ज्यादा मिल सकते हैं। गेहूं में महंगाई का लाभ लेने वाले अभी भी बड़ा दमदार गेहूं का स्टॉक करने का इरादा रखते हैं। गेहूं खपत वाली उपज होने से सस्ते के दौर में रिस्क ली जाने की खबर है। मार्के और टॉप गेहूं (Wheat price in 2023) की बड़ी ग्राहकी तो जावरा, रतलाम, महिदपुर तरफ चली गई।

MP एवं अन्य मंडियो में गेंहू के भाव

  • उज्जैन मंडी – गेहूं लोकवन आवक 7800 बोरी 2243 से 2729, गेहूं मालवराज आवक 171 बोरी 1881 से 2150, गेहूं पूर्णा (Wheat price in 2023) आवक 1176 बोरी 2102 से 2565 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • जावरा मंडी – गेहूं 2100 से 2840 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • इंदौर मंडी – गेहु 1976 से 2541 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • नीमच मंडी – गेंहॅू 2250 से 2560 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • मंदसौर मंडी – गैहु 2090 से 2541 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • बैतूल मंडी – गेहू 1950 से 2300 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • हरदा मंडी – गेहू 1990 से 2300 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • धामनोद मंडी – गेहू 2050 से 2331 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • धार मंडी – गेहू 1920 से 2560 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • खरगोन मंडी – गेहू 2100 से 2480 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • बडनगर मंडी – गेहू लोकवन 2010 से 2444, गेहू शरबती 2000 से 2271 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • छिंदवाड़ा मंडी – गेहू 2000 से 2556 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • शाजापुर मंडी – गेहू 2150 से 2382 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • खातेगांव मंडी – गेहू 1950 से 2230 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • कालापीपल मंडी – गेहू (Wheat price in 2023) लोकवन 2080 से 2495, गेहू मिल क्वालिटी 1890 से 2165, गेहू शरबती 2520 से 3510 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • भीकनगांव मंडी – गेहू 1975 से 2351 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • पन्ना मंडी – गेहू 1950 से 2000 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • देवली मंडी – गेहूं 2070 से 2201 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • इटावा मंडी – गेहूं 2165 से 2351 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • सिरसा मंडी – गेहूं 2000 से 2075 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • कोटा मंडी – गेहूं मिल दड़ा 2100 से 2150, गेहूं एवरेज 2150 से 2250 रूपए (Wheat price in 2023) प्रति क्विंटल रहा।
  • बारां मंडी – गेहूं का भाव 2050 से 2301 रूपए प्रति क्विंटल रहा।

NOTE – यहां दिए गए गेंहू के भाव 23 फरवरी के दिए गए है।

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