गेहूं के भाव को लेकर सरकार सजग हो गई है, उत्पादन में गिरावट के बाद Wheat prices forecast भाव की क्या स्थिति रहेगी जानिए..
Wheat prices forecast | प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में से केवल हरियाणा में गेहूं की बेहतर पैदावार बताई जा रही है इसके अलावा उत्तर प्रदेश राजस्थान पंजाब एवं मध्य प्रदेश में गेहूं के उत्पादन में गिरावट के समाचार हैं। इधर सरकार के बफर स्टॉक में वर्ष 2022 के बाद लगातार कमी आती रही। यही कारण है कि गेहूं के भाव में लगातार इजाफा हो रहा है। व्यापार क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार आनाज के स्टॉक ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीदी 2400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से होने के बावजूद गेहूं उपार्जन केदो पर किसान गेहूं बेचने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। पैदावार में कमी एवं मंडी में अच्छा भाव मिलने के कारण किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय नहीं कर रहे हैं। आने वाले दिनों में गेहूं के भाव Wheat prices forecast की क्या स्थिति रहेगी, आइए जानते हैं..
16 वर्षों में गेहूं का स्टॉक न्यूनतम स्तर पर
Wheat prices forecast केंद्र सरकार के भंडार में गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल को पिछले 16 वर्षों में सबसे कम हो गया है। यह अभी भी 74.6 लाख टन (एलटी) के बफर मानक से 42,000 टन ऊपर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 1 अप्रैल को सेंट्रल पूल का स्टॉक 75.02 था। इससे पहले साल 2008 में सेंट्रल पूल स्टॉक का न्यूनतम स्तर 58.03 लाख टन पर पहुंच गया था।
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व्यापारियों ने गेहूं की खरीद बढ़ाई
आने वाले दिनों में अनाज की कीमतों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, सरकारी भंडार में गेहूं का स्टॉक 16 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। जिसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो अगर स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले दिनों में गेहूं के भाव में वृद्धि होगी। यहां बड़ी बात ये है की जहां सरकारी भंडार में स्टॉक की स्थिति बिगड़ी हुई है, वहीं सरकारी आदेश के बाद भी निजी व्यापारियों ने गेहूं की खरीद Wheat prices forecast बढ़ा दी है।
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सरकार ने निजी व्यापारियों से सरकारी खरीद लक्ष्य पूरा होने तक बाजार से दूर रहने को कहा था। लेकिन, इसके बावजूद निजी व्यापारियों की खरीद जारी है। जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। इधर व्यापारियों का कहना है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कितना गेहूं खरीद Wheat prices forecast पाती है जिसको लेकर अभी कोई अंदाज नहीं है। ऐसे में यदि हम अभी व्यापारी यदि अभी गेहूं नहीं खरीदते हैं तो ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों के दौरान आता मिलो को जरूरत के अनुसार गेहूं नहीं मिल पाएगा।
व्यापारियों का कहना है कि “दक्षिण से मिल मालिकों की मांग पिछले साल की तरह सामान्य है और राज्य सरकार द्वारा एमएसपी ₹2,275/क्विंटल के ऊपर ₹125/क्विंटल का बोनस Wheat prices forecast देने के बावजूद उन्हें ऑर्डर में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखी गई है।” उन्होंने कहा कि छोटे किसान जो तुरंत पैसा चाहते हैं। वे सरकारी खरीद का इंतजार करने के बजाय मंडियों में बेचना पसंद करते हैं, जहां टोकन प्रणाली है और उन्हें केवल आवंटित तिथि पर ही बेचना होता है।
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सरकार ने गेहूं खरीदी का यह लक्ष्य तय किया
Wheat prices forecast केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले विपणन वर्ष में 372.9 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा है। अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष खरीद 310 लाख टन से 320 लाख टन के बीच हो सकती है। कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 1120.2 लीटर होने का अनुमान लगाया है। सरकार का लक्ष्य मध्य प्रदेश से 80 लाख टन गेहूं खरीदने का है।
मंडी में अच्छे भाव मिलने से किसान उत्साहित
किसान मंडी में गेहूं अधिक बेच रहे हैं। इसका प्रमुख कारण एक तो भाव अच्छा मिलना नहीं दूसरा बिना किसी औपचारिकता के नगद रुपए मिलना है। नगद मूल्य पर गेहूं बेचना किसान पसंद कर रहे हैं। सरकारी खरीद दर से अधिक भाव से व्यापारी खुले बाजारों में किसानों का गेहूं खरीद रहे हैं।Wheat prices forecast
आने वाले दिनों में गेहूं के भाव क्या रहेंगे
गेहूं का व्यापार पिछले दो वर्षों से मुनाफे वाला बना हुआ है। इस वर्ष गेहूं के औसतन भाव 2400 रुपए प्रति क्विंटल से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक बने हुए हैं। चपाती बनाने में प्रयुक्त होने वाले गेहूं की किस्मों के दाम अधिक बोले जा रहे हैं। इन वैरायटियों का गेहूं सरकारी खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंच रहा है। गेहूं कारोबारी के मुताबिक आने वाले दिनों में गेहूं के भाव मैं अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना कम है। बताया जा रहा है कि गेहूं के औसत भाव 28 सो रुपए प्रति क्विंटल के लगभग हो सकते हैं। Wheat prices forecast
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