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Wheat Varieties of MP | इस वर्ष मानसून के लेट होने के कारण खरीफ फसलों की कटाई में देरी हो रही है। खरीफ फसलों की कटाई के पश्चात रबी सीजन के लिए हंकाई-जुताई एवं बुवाई का कार्य होगा।
रबी सीजन में सबसे अधिक गेहूं की खेती होती है, यही कारण है कि किसान गेहूं के बीज की व्यवस्था करने में लग गए हैं।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान गेहूं की कई वैरायटियां विकसित हुई है। अलग-अलग क्षेत्र में भूमि, जलवायु, सिंचाई को देखते हुए लगभग सभी वैरायटियां अच्छी मानी गई है।
लेकिन इनमें से कुछ वैरायटी लगभग सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन दे रही है, इन किस्मों (Wheat Varieties of MP) से किसानों को अच्छी पैदावार मिल रही है।
चौपाल समाचार के इस लेख में मध्य प्रदेश के लिए अनुशंसित गेहूं की प्रचलित वैरियटयों के साथ-साथ नवीन वैरियटयों की जानकारी दी जा रही है इसके साथ यह भी बताया जाएगा कि कौन सी वेराइटी कितनी सिंचाई में कितना पैदावार देने में सक्षम है, आईए पढ़ते हैं पूरी जानकारी..
पिछले वर्ष एवं इस वर्ष विकसित हुई गेहूं की प्रमुख नवीन वैरायटी में एच आई 1650 (पूसा ओजस्वी), एच आई 8830 (पूसा कीर्ति), एच आई 1655 (पूसा हर्षा) एवं एचडी 3385 प्रमुख है।
अलग-अलग क्षेत्र के किसानों द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार इन वैरायटियों में से एच आई 1650 पूसा ओजस्वी ने पिछले वर्ष सर्वाधिक पैदावार दी। बताया जा रहा है कि प्रति बीघा 17 क्विंटल तक का उत्पादन HI 1650 वैरायटी किस्म (Wheat Varieties of MP) से मिला।
इसके साथ ही पूसा कीर्ति H I 8830 वैरायटी ने भी किसानों को अच्छी पैदावार दी। इसका उत्पादन भी पिछले वर्ष 16 क्विंटल प्रति बिघा तक रहा। गेहूं की लेटेस्ट वैरायटी में एच आई 1655 एवं 3385 है 1655 कम पानी में पकने वाली बेहतरीन किस्म है, यह किस्म दो सिंचाई में भी अच्छी पैदावार देने में सक्षम है
कौन सी वैरायटी कितनी सिंचाई में कितना उत्पादन देगी, जानिए
Wheat Varieties of MP | Hi 1650 (पूसा ओजस्वी) :– गेहूं की इस वैरायटी ने पिछले वर्ष विपरीत परिस्थितियों के दौरान अच्छी पैदावार दी थी इस वर्ष भी इस वैरायटी की जबरदस्त डिमांड बनी हुई है। इस किस्म का अधिकतम उत्पादन आदर्श परिस्थिति में लगभग 73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है पर व्यवहारिक रूप से कुछ किसानों द्वारा इस किस्म का चमत्कारी उत्पादन 17 क्विंटल बीघा तक भी लिया गया है।
गेहूँ की बॉयो फोर्टीफाईड किस्म एच.आई. – 1650 ( पूसा ओजस्वी ) देश के मध्य क्षेत्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड क्षेत्र हेतु समय पर बोनी हेतु चपाती, ब्रेड, बिस्किट के लिये उपयुक्त हाल ही में जारी की है।
Wheat Varieties of MP | HI 8830 :– गेहूं के इस किस्म में किसानों द्वारा 3 से 4 सिंचाई में भी व्यवाहरिक रूप गतवर्ष कि विपरित मौसम एवं अधिक तापमान की परिस्थिति में भी लगभग 17 क्विंटल बीघा का उत्पादन लिया गया है।
इस किस्म की बीज दर 113 किलो हेक्टेयर या लगभग 45 किलो एकड़ है। गेहूं के इस किस्म की बोवनी 20 अक्टूबर से 25 नवंबर से पूर्व समय पर कर सकते हैं। आदर्श परिस्थितियों में यह किस्म 4 से 6 सिंचाई के दौरान 15 से 18 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन देने में सक्षम है।
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Wheat Varieties of MP | HI 1655 :– गेहूं की इस किस्म की अवधि सुजाता या अन्य शरबती किस्मों से कम है, यानि यह मात्र लगभग 115 से 120 दिवस है। जबकि इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता लगभग 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा व्यवहारिक परिस्थितियों में कुछ किसानों द्वारा इस किस्म का सर्वाधिक उत्पादन लगभग 13-14 क्विंटल बीघा लिया गया है। यह उत्पादन शरबती किस्मों में सर्वाधिक है। सामान्य परिस्थितियों में गेहूं की यह वैरायटी 1 से 2 सिंचाई में 8 से 10 क्विंटल प्रति बीघा का उत्पादन देती है।
Wheat Varieties of MP | लोक 1 :– भारत में सर्वाधिक क्षेत्र में व सर्वाधिक लोकप्रिय गेहूँ की किस्म लोक- 1 है। इसे मध्य क्षेत्र में बोनी हेतु इसे भारत सरकार द्वारा इसे प्रसारित किया गया। इसकी उत्पादकता 30-40 क्विंटल हेक्टेअर है।
व्यावहारिक परिस्थितियों में इस किस्म में 70-75 क्विंटल हेक्टेअर तक भी अविश्वसनीय किंतु सत्य उत्पादन दिया है। 4 से 5 सिंचाई व 100 से 125 किलो हेक्टेअर बीज रखने पर यह वैरायटी आदर्श परिणाम देती है।
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Wheat Varieties of MP | गेहूँ- एच. आई. – 1544 (पूर्णा) :– म.प्र. छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात के किसानों के उत्थान हेतु कम से कम समय 110 / 115 दिवस में, कम सिंचाई से अधिकतम उत्पादन देने वाली किस्म है। सामान्य परिस्थितियों के दौरान पूर्ण गेहूं की वैरायटी तीन से कर पानी देने पर 10 से 13 क्विंटल प्रति बिघा की पैदावार देने में सक्षम है।
गेहूँ-सी- 306 :- सूखा निरोधक किस्म होने के कारण यह कम से कम पानी / सिंचाई की स्थिति में भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इसकी उत्पादकता 25-30 क्विंटल हेम्टेयर है। बीजदर लगभग 100 किलो हेक्टेअर व 1 से 2 सिंचाई पर अच्छे परिणाम।
पूसा अहिल्या एचआईवी 1634 :– क्योंकि यह वैरायटी तीन से पांच पानी में 12 से 15 क्विंटल प्रति बिघा तक उत्पादन देती है। गेहूँ की पूसा अहिल्या किस्म चपाती एवं बिस्कीट हेतु एक सर्वश्रेष्ठ आदर्श किस्म Wheat Varieties of MP के रूप में म.प्र., राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झाँसी क्षेत्र देश के मध्यक्षेत्र में बोवनी हेतु अनुंशसित की गई है।
GW 513 :– गेहूं के यह वैरायटी 4 से 5 सिंचाई के दौरान 12 से 16 क्विंटल प्रति बिघा उत्पादन देने में सक्षम है। इस किस्म का अंकुरण व टिलरिंग अधिक होने से बीज भी कम लगता है।
इस किस्म की बीज दर 40 से 45 किलो प्रति एकड़ या 100 किलो हेक्टेयर पर्याप्त है। इस किस्म का उत्पादन लगभग 77.80 क्विंटल हेक्टेयर प्राप्त हुआ है। किंतु व्यवहारिक रूप से किसानों द्वारा इसे 85 क्विंटल हेक्टेयर अधिक बताया गया है।
GW 322 :– 322 गेहूं की वैरायटी (Wheat Varieties of MP) में 5 से 6 सिंचाई से 15 से 16 क्विंटल प्रति बिघा की पैदावार होती है।
एच. आई. – 8759 (पूसा तेजस ) :– गेहूँ की इस किस्म की अवधि लगभग 115 से 120 दिवस है। 3-5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम के रूप में व्यावहारिक रूप से 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा उत्पादन किसानों द्वारा लिया गया है।
एच. आई. 1636 (पूसा बकुला) :– गेहूँ की यह किस्म पूसा बकुला (Wheat Varieties of MP) को समय पर बोनी के लिये देश के मध्य क्षेत्र म.प्र., गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ एवं बुंदेलखंण्ड क्षेत्र के लिये अनुशंसित है।
व्यवहारिक परिस्थितियों में इस किस्म का बम्पर उत्पादन किसानों द्वारा 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक लिया गया है। इस किस्म की अवधि लगभग 122 दिवस है।
गेहूँ की इस किस्म (Wheat Varieties of MP) की बीज दर 55 किलो प्रति एकड़ या 135 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर है । इस वैरायटी के लिए चार से पांच सिंचाई की आवश्यकता रहती है।
गेहूँ – एच. आई. -8663 (पोषण) :- गेहूँ की इस किस्म की बीज दर 45 / 50 किलो एकड़, 4 से 5 सिंचाई व 10 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक बुवाई करने पर लगभग 70 से 75 क्विंटल हेक्टेयर तक उत्पादन की प्राप्ति होती है।
एच. आई. – 8713 ( पूसा मंगल) :- पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इंदौर से जारी कठिया (ड्यूरम) गेहूँ की यह नवीनतम किस्म (Wheat Varieties of MP) म.प्र., गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ वाले मध्य क्षेत्र हेतु अनुशंसित है।
गेहूँ की यह किस्म अधिकतम तीन से चार सिंचाई देने पर लगभगें 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन देने मैं सक्षम है। इस किस्म की अवधि लगभग 125 दिवस है।
गेहूँ- एच. आई. 8777 :– गेहूँ की यह कठिया (ड्यूरम) किस्म का उत्पादन 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक लिया गया है। यह किस्म अतिशीघ्र अपनी कुछ अलग विशेषताओं के कारण मालव कीर्ति किस्म के विकल्प के रूप में शीघ्र लोकप्रिय हो जावेगी।
गेहूँ – एच.डी. – 4728 (पूसा मालवी) :– गेहूँ की यह नवीनतम कठिया किस्म (Wheat Varieties of MP) की अवधि लगभग 120 दिवस है। गेहूं की यह किस्म में रस्ट, कर्नाल बंट एवं अन्य कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता व सर्वगुण सम्पन्न है।
इसमें सिंचाई की आवश्यकता इस किस्म के लिए सिंचाई की आवश्यकता 4 से 6 है। आदर्श परिस्थितियों में इसका उत्पादन 14 से 16 क्विंटल प्रति बिघा तक है।
गेहूं प्रधान :– गेहूं की यह वैरायटी 5 से 6 सिंचाई में 15 से 16 क्विंटल तक (प्रति बिघा) की पैदावार देती है।
एचडी 3385 :– इस वर्ष रिलीज हुई क्योंकि इस वैरायटी का बीज फिलहाल बाजार में इतना उपलब्ध नहीं है। कई जगह नकली बीज बेचा जा रहा है। इस किस्म (Wheat Varieties of MP) की उत्पादन क्षमता चपाती वाले गेहूँ में सर्वाधिक देखी गई है, जो कि अधिकतम लगभग 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर किंतु व्यवहारिक रूप से किसानों के द्वारा 80 क्विंटल हेक्टेयर से भी अधिक उत्पादन लिया गया है।
इस किस्म में जबरदस्त टिलरिंग बहुत अच्छी अंकुरण क्षमता के कारण बीज दर मात्र 20-25 किलो एकड़ या लगभग 80 किलो हेक्टेयर है। इस वैरायटी में सिंचाई 4-5 की आवश्यकता रहती है।
कहां से खरीदे इन किस्मों का बीज
Wheat Varieties of MP | वसुंधरा सिड्स
ऑफिस – 51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन – 456010 (म. प्र. )
फोन – 2530547
मो. नंबर – 9301606161, 94253-32517
गोडाउन का पता – बड़ी उद्योगपुरी, मक्सी रोड, महावीर तोल काँटे के पास गोल्डन टाइल्स के सामने, उज्जैन (म. प्र.)
मो. 9302139253, 9669176048
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अच्छी जानकारी से किसानों को सही बीजके चुनाव में सहजता होगी,और उत्पादन अधिक होगा जिससे किसान खुशहाल रहेगा।