तेजस गेहूं से 2 क्विंटल प्रति बिघा अधिक उत्पादन देने वाले गेहूं की नवीन वैरायटी की पूरी जानकारी..

मध्य क्षेत्र के लिए विकसित हुई गेहूं के अधिक पैदावार देने वाली किस्म (Wheat Variety HI 8830) की पैदावार, अवधि, सिंचाई व सभी विशेषताओं के बारे में जानिए..

 

Wheat Variety HI 8830 | मध्य भारत के राज्यों में रबी सीजन की बुवाई का कार्य शुरू होने वाला है। राजस्थान में सबसे अधिक सरसों की बुवाई हो रही है। वहीं मध्य प्रदेश में गेहूं की बुवाई अधिक होगी। पश्चिम मध्य प्रदेश में गेहूं की बुवाई का कार्य जल्दी शुरू होगा, वहीं दूसरी ओर खरीफ सीजन में धान की फसल लेने वाले किसान गेहूं की बुवाई थोड़ा लेट करेंगे।

मध्य प्रदेश में गत वर्ष 140 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें ली गई थीं। इस वर्ष अक्टूबर आधा बीत गया है, खरीफ की कटाई लेट होने के कारण रबी की बुवाई की गति धीमी है।

कृषि विभाग के मुताबिक इस वर्ष राज्य में 138 लाख 85 हजार हेक्टेयर में रबी फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रमुख फसल गेहूं की बोवनी 96 लाख 81 हजार हेक्टेयर में की जाएगी।

इधर इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में बढ़कर 2585 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है यह बढ़ोतरी इस वर्ष 160 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से हुई है। गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने के पश्चात अब गेहूं का रकबा बढ़ेगा। किसान अधिक से अधिक पैदावार देने वाली किस्मों का चयन करके गेहूं की बोवनी करेंगे। इसी को देखते हुए चौपाल समाचार गेहूं की नवीनतम वैरायटी की जानकारी लेकर आया है। यह (Wheat Variety HI 8830) वैरायटी पूसा तेजस 8759 की तुलना में प्रति बिघा 2 क्विंटल से अधिक की पैदावार देने में सक्षम है। आईए जानते हैं पूरी जानकारी..

यह है तेजस गेहूं से अधिक पैदावार देने वाली नई वैरायटी

प्राइवेट रिसर्च की गेहूं की कई वैरायटी अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है, किंतु इनकी उपलब्धता सीमित मात्रा में रहती है। यही कारण है कि किसानों को प्राइवेट रिसर्च की गेहूं वैरायटियां उपलब्ध नहीं हो पाती है। किसानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूसा संस्थान द्वारा अब तक विकसित की गई लगभग सभी वैरायटियों में अधिक उत्पादन देने की क्षमता पूसा तेजस एचआई. 8759 है।

पूसा तेजस वैरायटी पिछले कुछ सालों से अच्छी पैदावार दे रही है। जिसके कारण किसानों के बीच खासी लोकप्रिय है। इतना ही नहीं पिछले 2 वर्ष के दौरान गेहूं की तेजस वैरायटी का शुद्ध बीज आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

इसी को देखते हुए पूसा के सहयोगी संस्थान, गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इंदौर द्वारा देश के मध्यक्षेत्र म.प्र. दक्षिण राजस्थान, बुंदेलखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ के लिये समय पर बोवनी हेतु थुली, रवा, पास्ता हेतु अनुशंसित गेहूँ की यह नवीनतम् बॉयो फोर्टिफाईड किस्म हाल ही में जारी की है। गेहूं की यह वैरायटी एच आई 8830 (Wheat Variety HI 8830) के रूप में किसानों के बीच बहुत ही कम समय में लोकप्रिय होने लगी है।

एचआई. 8830 (पूसा कीर्ति) गेहूं की जानकारी

गेहूं की यह नई कठिया किस्म एच. आई. 8830 (पूसा कीर्ति) अति विशिष्ट श्रेणी की यह ड्यूरम किस्म है। इस किस्म (Wheat Variety HI 8830) का दाना आकर्षक, चमकदार, बोल्ड, रंग अम्बर (सुनहरा), थोड़ा कड़क, आकार दीर्घ वृत्ताकार (इलेप्टीकल), 1000 दानों का वजन लगभग 50 ग्राम बालियों में आरेकल ठोस (काम्पेक्ट) होने से खिरने की समस्या नहीं व परिपक्वता अवधि में थोड़ी वर्षा होने पर भी दाने का रंग खराब नहीं होता जिससे बाजार भाव अच्छे मिलते है।

एचआई. 8830 (पूसा कीर्ति) की विशेषताएं

गेहूं की यह वैरायटी (Wheat Variety HI 8830) बॉयो फोर्टिफाईड किस्म (Bio-fortified variety) होने से इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में जैसे जिंक (37.9) लोह तत्व (37.6) पी.पी.एम. तथा इसकी सेडीमेटेशन वेल्यू (33.8ML) होने से यह इसकी उच्चतम गुणवत्ता एवं अंतर्राष्टीय स्तर की क्वालिटी होने का एक तकनीकी प्रमाण है।

हमारे यहाँ प्रकृति ने कड़िया (ड्यूरम) गेहूँ के उत्पादन हेतु अत्यंत आदर्श वातावरण एवं पस्थितियाँ प्राकृतिक रूप से प्रदान की है जिसके कारण कठिया गेहूँ की इस किस्म की क्वालिटी अंतर्राष्टीय स्तर की व उत्पादन अधिकतम प्राप्त होता है जिससे इस किस्म की बड़ी स्थानीय माँग एवं निर्यात की असीम संभावनाएँ बनी हुई है। (Wheat Variety HI 8830)

एचआई. 8830 (पूसा कीर्ति) के पकने की अवधि (उम्र)

इस किस्म (Wheat Variety HI 8830) का पौधा मध्यम ऊँचाई का ऊँचाई लगभग 90 से.मी. पत्तियाँ चौड़ी, पर्ण कोण, सीधी सतह मोमी, मजबूत बालियाँ सफेद, बालियों पर रूए नहीं, काड़ी कड़क, ऊँचाई अधिक नहीं व जबरदस्त टिलरिंग होने के कारण इसके आड़ा पड़ने (लाजिंग) की समस्या नहीं।

इस किस्म (Wheat Variety HI 8830) पौधा घना, फैलावदार व अधिक कुचे वाले होने के कारण किसानों को भूसा भी अधिक प्राप्त होता है। इस किस्म का अंकुरण बहुत अच्छा होने से व टिलरिंग (कल्ले) अधिक होने से बीज दर भी कम लगती है तथा फसल की अवधि लगभग 120 दिन होने से कम सिंचाई में भी अधिकतम उत्पादन देने में यह किस्म सक्षम है।

एचआई. 8830 गेहूं की बीज दर व उर्वरक प्रबंधन

गेहूं की (Wheat Variety HI 8830) इस किस्म की बीज दर 113 किलो हेक्टेयर या लगभग 45 किलो एकड़ तथा लाईन से लाईन की दूरी 20 से.मी. रखने व 20 अक्टूबर से 25 नवंबर से पूर्व समय पर बोनी करने व अनुशंसित संतुलित उवर्रक एन.पी. के. व जिंक की मात्रा समय पर 100:50:25 उपयोग करने पर आदर्श परिणाम।

एचआई. 8830 में सिंचाई और पैदावार की जानकारी

इस किस्म (Wheat Variety HI 8830) में एक यह अच्छी बात है कि सीमित सिंचाई 1 से 2 देने पर भी यह किस्म अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इस किस्म में किसानों द्वारा 3 से 4 सिंचाई में भी व्यवाहरिक रूप गतवर्ष कि विपरित मौसम एवं अधिक तापमान की परिस्थिति में भी लगभग 17 क्विंटल बीघा का उत्पादन लिया गया है जो कि आश्चर्यजनक किंतु सत्य है।

इस किस्म (Wheat Variety HI 8830) में किसान भाई दाने में दूध भरने (जीव पड़ने) की अवस्था लगभग 85 से 90 दिन के बाद सिंचाई रोक देगें तो फसल के आड़ा पड़ने व दाने के पोट्या (धान्या) होने की संभावना नहीं के बराबर रहेगी जिससे किसानों को अधिकतम उत्पादन के साथ अच्छे बाजार भाव दोनों का लाभ मिलेगा।

यहां मिलेगा गेहूं की सभी उन्नत किस्मों का बीज 

बीज (Wheat Variety HI 8830) लेने के लिए किसान साथी वसुंधरा सीड्स उज्जैन से संपर्क कर सकते हैं। पता है – वसुंधरा सीड्स उज्जैन, ऑफिस : 51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन – 456010 (म.प्र.) फोन : 2530547  

मो. नंबर – 9301606161, 94253-32517

गोडाउन का पता : बड़ी उद्योगपुरी, मक्सी रोड, महावीर तोल काँटे के पास गोल्डन टाईल्स के सामने, उज्जैन (म.प्र.), 

मो. नंबर – 9669176048

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