गेहूं की फसल में पत्ती खाने वाली इल्ली का प्रकोप, बचाव के लिए तुरंत यह काम करें..

पत्ती खाने वाली इल्ली दिखे तो तुरंत इल्ली मारने की यह दवाई (Wheat worm medicine) इस्तेमाल करें..

Wheat worm medicine | गेंहू की फसल इस समय 35 से 45 दिनों की हो गई है। गेंहू की फसल में अब पत्ते खाने वाली इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। आमतौर पर सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों में इल्ली एवं कीट का प्रकोप देखा जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से गेंहू की फसल में भी इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। गेंहू में लगने वाली यह इल्ली रात में फसल को चट करती है।

गेंहू में सामान्यतः 3 प्रकार की भूरे, हरे और काले रंग इल्ली देखी जा सकती है। ऐसे में अब किसानों Wheat worm medicine को सावधान होने की आवश्यकता है। किसान भाई पौधे की जांच करते रहे, कही आपके खेत में तो नहीं पनप रही इल्लियां। यदि इल्ली फसल को चट कर रही है तो, इल्ली के लिए कौन सी दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए और यदि अभी तक इल्ली नहीं तो, प्रारंभिक उपाय क्या करें जिससे की, फसल में इल्ली लगने का खतरा कम हो। आइए चौपाल समाचार के आर्टिकल के माध्यम से पूरी बात पर चर्चा करते है…

नियंत्रण के बचाव करें, नही तो गेंहू की बालियां चट कर जायेगी

Wheat worm medicine | इस समय गेहूं में 3 से 10 मिमी लंबी इल्ली का प्रकोप दिखाई दे रहा है। आमतौर पर चना, मटर में लगने वाली इल्ली को गेहूं की फसल में देखकर किसान चिंतित हैं।

कृषि वैज्ञानिक भी इस पर चिंता जता रहे हैं उनका कहना है कि अभी गेहूं में बालियां नहीं लगी हैं, ऐसे में अगर किसान इल्लियों पर नियंत्रण कर लेते हैं तब तो कोई बात नहीं है लेकिन अगर ध्यान नहीं दिया तो इल्लियां बालियों को चट कर जाएंगी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इल्लियां गेहूं की पत्ती को काट कर खा रही हैं। इससे उपज बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। गौरतलब है कि इस बार प्रदेश में 3.44 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बोवनी हुई है।

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रात के समय ज्यादा नुकसान पहुंचाती है या इल्ली

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गेहूं पर दिख रही इल्ली भूरे, काली एवं हरे रंग Wheat worm medicine की हैं। जो संभवतः दूसरी और तीसरी अवस्था के स्टार में हैं। 7-7 दिन के हिसाब से इल्लियों की चार अवस्था होती है। 21 दिन बाद शुरू होने वाले चौथे स्टार में इल्ली कम नुकसान करती है।

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हालांकि इसी के बाद पतंगा बनने पर इल्लियां अंडे देती हैं। जो उड़कर आसपास के खेतों में भी जा सकती हैं। जिसकी लंबाई 3 से 10 मिमी है। यह इल्लियां लेपिडोप्टेरा गण Wheat worm medicine मे आती हैं। यह रात के समय ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं।

गेंहू एवं चने में इल्ली के लिए यह दवाई डालें

किसान कल्याण तथा कृषि विकास के उपसंचालक ने बताया कि इस कीट के नियंत्रण हेतु इमामैक्टिन बैंजोएट 100 ग्राम या फ्लूबेंडामइड 50 ग्राम या इण्डोक्सार्काब 125 ग्राम प्रति एकड 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

चने की फसल में इल्ली Wheat worm medicine के नियंत्रण हेतु प्राफेनोफॉस 50 ई.सी. या क्विनालफॉस 25 ई.सी. 1.5 लीटर, हेक्टेयर प्रयोग करें। मसूर या तिवडा में माहू नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड या एसीटामिप्रिड 125 ग्राम, हेक्टेयर दवा का उपयोग कर नियंत्रण करें। इसके साथ ही यदि आपके खेत में पुरानी सोयाबीन की फसल के पौधे उग आए ही तो, उन्हें अवश्य खेत से निकाल दे।

FAQ || वह जो आपके लिए जरूरी…

प्रश्न : गेंहू में इल्ली के लिए कौन सी दवाई डालें?

उत्तर : गेंहू में दो-तीन तरह की इल्लियां Wheat worm medicine दिख रही हैं। किसान भाई स्प्रिंकलर से सिंचाई करें। यूरिया का अधिक उपयोग न करें। यदि प्रति वर्ग मीटर में 1-2 से अधिक इल्लियां हों तब इमामेक्टिन बेंजोएट या फ्लूवेंडामाइड का छिड़काव करें।

प्रश्न : गेंहू में इल्ली की दवाई डालते समय क्या सावधानी रखें?

उत्तर : कीटनाशक छिड़काव से अधिकांश कीट नष्ट हो जाते हैं। प्रति एकड़ 200 लीटर पानी का घोल बनाएं। इसका शाम के समय छिड़काव करें। तयशुदा मात्रा का ही उपयोग करें। कीटनाशक Wheat worm medicine में अन्य कोई फफूंदीनाशक या पौधवर्धक बिना जानकारी के न मिलाएं।

प्रश्न : गेंहू में इल्लियां क्यों लगती है?

उत्तर : पिछले कुछ सालों से गेंहू की फसल में भी कीट एवं इल्लियों का प्रकोप Wheat worm medicine देखा जा रहा है। इसका मुख्य कारण है मौसम का परिवर्तन होना। साथ ही साथ आज के दौर में किसान भाई ज्यादा उत्पादन लेने के चक्कर में कीटनाशक एवं यूरिया का उपयोग करते है, जो कीट-पतंगे पनपने का मुख्य कारण हो सकता है।

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