गेंहू की फसल से अच्छी पैदावार (Tips for good wheat yield) के लिए किसानों को क्या करना चाहिए, जानेंगे आर्टिकल में पूरी जानकारी..
Tips for good wheat yield | हर किसान चाहता है, कि उसकी फसल उसको अच्छी पैदावार निकाल कर दे और उसे अधिक मुनाफा हो। पैदावार बढ़ाने के चक्कर में किसान भाई अपनी फसलों में विभिन्न तरह की दवाइयां, खाद एवं कीटनाशक का उपयोग करता है। लेकिन फिर भी कही न कही चूक होने के कारण अच्छी पैदावार नही मिल पाती है।
ऐसे में किसानों को बुवाई से लेकर फसल कटाई के चक्र को समझना चाहिए। यदि किसान सही समय पर खाद-पानी का उपयोग करे तो, वह बेहतर उपज Tips for good wheat yield प्राप्त कर सकता है। यहां हम आपको चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे की गेंहू की पैदावार कैसे बढ़ाई जा सकती है। किसानों को यहां बताए गए आसान तरीकों को फॉलो करना होगा..
गेंहू की अच्छी पैदावार के लिए यह करें किसान (Tips for good wheat yield)
1. अनुशंसित गेंहू किस्म का चयन एवं बीज क्वालिटी
सबसे पहले, किसानों को अच्छे बीज का चयन करना चाहिए, यदि बीज ही अच्छा नही है तो पैदावार भी सामान्य निकलकर सामने आयेगी। किसानों को अपने क्षेत्र की मिट्टी एवं जलवायु के हिसाब से ही अनुशंसित गेंहू की किस्मों का ही चयन करें, क्योंकि गेहूं की पैदावार पर क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का भी प्रभाव पड़ता है।
इसके साथ ही किसान को यह भी ध्यान रखना चाहिए की, बीज की क्वालिटी सही रहे। किसान को गेहूं की बुवाई करते समय बीज की क्वालिटी Tips for good wheat yield का विशेष तौर से ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए किसान को चाहिए कि वे हमेशा प्रमाणिक बीज का ही इस्तेमाल करें। इसके लिए भरोसेमंद दुकानों या बीज कंपनी से ही बीज खरीदे।
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2. गेंहू की बुवाई समय पर करें
Tips for good wheat yield | गेहूं की बेहतर पैदावार के लिए जरूरी है कि इसकी समय से बुवाई की जाए। सही समय पर गेहूं की बुवाई करने से पैदावार अच्छी मिलती है जबकि देरी से बुवाई करने पर पैदावार में कमी देखी गई है। गेहूं की बुवाई का उचित समय 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक होता है।
यदि किसी कारण वश समय पर बुवाई नहीं कर पाते हैं तो आपको 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक हर हाल में इसकी बुवाई का काम कर लेना चाहिए। इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि देर से पकने वाली गेहूं की किस्म की बुवाई समय पर अवश्य कर देनी चाहिए अन्यथा उपज में गिरावट Tips for good wheat yield आ जाती है।
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3. ज्यादा ठंड एवं गर्मी से गेंहू फसल को बचाए
Tips for good wheat yield | गेंहू की फसल में पाला का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिस समय ज्यादा ठंड हो और पाला पड़ रहा हो तब अधिक सिंचाई नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही गेंहू फसल को पाले से बचाने के लिए किसान रासायनिक एवं परंपरागत तरीके अपना सकते है।
वही, यदि तापमान में वृद्धि होती है, तो उस समय गेंहू का दाना कमजोर होता है। ऐसे में किसान सिंचाई का सहारा के सकते है। गेहूं के लिए बढ़ा हुआ तापमान नुकसान दायक हो सकता है। खासकर गेहूं के पौधों में जब दाना आना शुरू होता है। इस समय सही तापमान होना जरूरी है नहीं तो दाना कमजोर हो जाता है।
4. गेहूं की फसल में सिंचाई का रखें ध्यान
सामान्य तौर पर गेहूं की फसल Tips for good wheat yield को 4 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है। वहीं रेतीली भूमि में छह से आठ सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसके अलावा भारी दोमट भूमि में तीन से चार सिंचाई से ही काम चल जाता है। ऐसे में खेत की मिट्टी और तापमान को देखते हुए गेहूं की समय-समय पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
खास बात यह है कि गेहूं में दाना बनते समय सिंचाई अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि यह गेहूं की क्रांतिक अवस्था होती है ऐसे में गेहूं सिंचाई अवश्य करें जिससे दाना अच्छा बनाता है। सिंचाई करते समय खेत में जल भराव बिलकुल नहीं होना चाहिए, इसके लिए खेत में पानी निकाली की उचित व्यवस्था करें। Tips for good wheat yield
5. फसल को कीट व रोग मुक्त रखें
गेहूं की फसल में कई प्रकार के कीट व रोगों का प्रकोप बना रहता है। ऐसे में कीट व रोगों से फसल को बचाने के उपाय उचित समय पर करें। इसके लिए कीटनाशक का छिड़काव करें। वहीं फसल पर कीट का प्रकोप अधिक हो रहा है तो अपने जिले के कृषि विभाग के कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर इसकी रोकथाम के उपाय करने चाहिए।
6. खाद एवं उर्वरक का उचित मात्रा में उपयोग करें
Tips for good wheat yield | गेंहू की फसल में किसान पौषक तत्वों की पूर्ति के लिए अंधाधुंध खाद एवं उर्वरक का उपयोग करते है। किसानों को खाद एवं उर्वरक का उपयोग कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई सलाह के मुताबिक ही करना चाहिए। जैसे गेंहू की पत्तियां यदि पीली दिखाई पड़ती है तो, उस समय इफको यूरिया का उचित उपयोग करें। इसके अलावा किसान गेहूं की बुवाई करने से पहले खेत की मिट्टी की जांच कराएं और जरूरत के हिसाब से निर्धारित मात्रा में उर्वरकों का इस्तेमाल करें जिससे बेहतर उपज मिल सके।
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