मौसम विभाग ने देर रात जारी किया मानसून (Monsoon) पूर्वानुमान, एमपी में इस बार जल्दी आयेगा मानसून, जानें पूरा पूर्वानुमान…
Monsoon | मौसम विभाग ने बुधवार देर रात मानसून आने की तारीख घोषित कर दी है। बता दें की, इस बार मानसून सामान्य तारीख से एक दिन पहले ही केरल दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल 1 जून की बजाए 31 मई को मानसून केरल पहुंचेगा। घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है।
यानी मानसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है। वही, मानसून Monsoon के जल्दी आने के साथ ही देशभर में 6% से ज्यादा बारिश होने का अनुमान भी जताया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की, पिछले साल 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था। लेकिन इस वर्ष यह 9 दिन पहले यानी 31 मई को आने का अंदेशा जताया है।
पिछले साल 8 जून को केरल पहुंचा था मानसून
IMD के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून Monsoon के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था। बीते चार साल की बात करें तो 2020 में मानसून 1 जून को, 2021 में 3 जून को, 2022 में 29 मई को और 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था।
इस वर्ष एमपी में 20 जून को पहुंचेगा मानसून/Monsoon
मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री की सामान्य तारीख 15 जून है। 2023 में 24 जून को प्रदेश में मानसून का प्रवेश हुआ था। इससे पहले साल 2017, 2018 और 2019 यानी लगातार 3 साल तक मानसून देरी से मध्यप्रदेश में पहुंचा था। लेकिन इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मानसून तय समय पर यानी 20 जून या उसके आसपास भोपाल पहुंच सकता है। इससे दो दिन पहले इसके मप्र में दाखिल होने की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग ने 31 मई को केरल में मानसून Monsoon के पहुंचने का अनुमान जताया है। साथ ही मध्यप्रदेश में यह 16 से 21 जून के बीच दस्तक दे सकता है। पिछली बार पूर्वी हिस्से यानी, अनूपपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी की तरफ से एंटर हुआ था। इस बार भी यही अनुमान है। इसी दौरान इसके भोपाल पहुंचने के आसार हैं। इससे 2 दिन पहले इसके मप्र में दाखिल होने की संभावना है।
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प्रदेश में इस बार 6% ज्यादा बारिश होने का अनुमान
बता दें की, अबकी बार प्रदेश में अच्छी बारिश होने के भी संकेत है। मई में जून से सितंबर यानी चार महीने तक प्रदेश में 104 से 106 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान जताया है। यह सामान्य से 4 से 6 फीसदी ज्यादा है। : Monsoon
इससे पहले, साल 2023 में प्रदेश में 100% यानी, एवरेज 37 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। इंदौर, उज्जैन समेत आधे एमपी में सामान्य से अधिक पानी गिरा था। मई के आखिरी सप्ताह में एक और वेदर रिपोर्ट आएगी। जिसमें बारिश की तस्वीर साफ हो जाएगी।
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एमपी के 6 संभाग में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान
मध्यप्रदेश की सामान्य बारिश 949mm यानी, 37.3 इंच है। मानसूनी सीजन के दौरान (जून से सितंबर के बीच) इतनी बारिश Monsoon होती है। पिछले साल की बात करें, तो प्रदेश में एवरेज 37.22 इंच बारिश हुई थी, जो सामान्य के बराबर ही थी।
रिपोर्ट के अनुसार इस बार पूर्वी मध्यप्रदेश के 4 संभाग- सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल में सामान्य से कम 98 से 99% बारिश होने का अनुमान है। वहीं, पश्चिमी मध्यप्रदेश के 6 संभाग- भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल में 101 से 102% या इससे अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। डॉ. सिंह ने बताया कि मानसून को लेकर मौजूदा परिस्थितियां काफी बेहतर है।
इसलिए अच्छी बारिश के संकेत
Monsoon | मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में भू-मध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम स्थिति बनी हुई है। नवीनतम मानसून मिशन क्लाइमेट फोरकास्टिंग सिस्टम के साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि मानसून के शुरुआती भाग के दौरान अल नीनो की स्थिति और कमजोर होकर तटस्थ अल नीनो-साउदर्न ऑशिलेशन स्थितियों में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके बाद मानसून के दूसरे भाग में ला नीना स्थितियां डेवलप होने की संभावना है।
क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। पिछले साल अल-नीनो सक्रिय था, जबकि इस बार अल-नीनो परिस्थितियां Monsoon इसी हफ्ते खत्म हुई हैं और संभावना बन रही है कि तीन से पांच हफ्तों में ला-नीना परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी। पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94% बारिश हुई थी। 2020 से 2022 के दौरान ला-नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109%, 99% व 106% बारिश हुई थी।
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