एमपी के लिए अनुशंसित सोयाबीन जेएस सीरीज की सभी टॉप वैरायटियों की जानकारी, देखें डिटेल…

एमपी के लिए अनुशंसित सोयाबीन की टॉप जेएस वैरायटियों Soybean varieties of JS series की उत्पादन क्षमता, अवधी एवं विशेषताओ के बारे में जानिए..

Soybean varieties of JS series | खरीफ सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल अधिक बोई जाती है। मध्य प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों के लिए सोयाबीन की कौन-कौन सी वैरायटियां अनुसंशित की गई है। इन वैरायटियों में जेएस (जवाहर सोयाबीन) की वैरायटी सबसे ज्यादा प्रचलित है। गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से विकसित होने वाली सोयाबीन की वैरियटयों को जेएस वैरायटी कहा जाता है। आइए सोयाबीन की इन वैरायटियों Soybean varieties of JS series के बारे में जानते हैं..

सोयाबीन की नवीनतम किस्म जे. एस. 21-72

जेएस 2172 की विशेषताएं :– विगत कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान है कि जे.एस. 9305, जे.एस. 2069 के बाद एडवांस जनरेशन की विपरीत मौसमी परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन देने वाली मध्यम अवधि की पानी के लिये सहनशील, मोटा (बोल्ड), उच्च गुणवत्ता वाला, चमकदार सुन्दर दाना, मजबूत जड़-तंत्र, उत्तम अंकुरण क्षमता फली चटकने की समस्या न हो कम बीज दर वाली कीट एवं व्याधि हेतु बहुरोधी सहनशील किस्म उन्हें कब प्राप्त होगी। Soybean varieties of JS series

किसानों का इंतजार अब खत्म हो चुका है, क्योंकि वर्षों के गहन अनुसंधान एवं कड़े रिसर्च के बाद जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर (JNKVV) म.प्र. द्वारा किसानों की उक्त अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सोयाबीन की नवीनतम किस्म जे.एस. 21-72 हाल ही में जारी की है।

जे.एस. 21-72 इन क्षेत्रों के लिए अनुशंसित :– यह वैरायटी देश के मध्यक्षेत्र म.प्र., बुंदेलखण्ड, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र हेतु अनुशंसित की गई है जो कि मध्यम से अधिक वर्षा वाले व मध्यम से अधिक भारी मिट्टी (हेवी स्वाईल) हेतु उपयुक्त किस्म है।

जे.एस. 21-72 की अवधि (उम्र) :– इस किस्म की अवधि मध्यम लगभग 94-95 दिवस है जो कि वर्षों एवं भूमि मिट्टी की स्थितियों के अनुरूप थोड़ी परिवर्तित हो सकती है।

जे.एस. 21-72 की उत्पादन क्षमता :– सोयाबीन की इस वैरायटी की औसत उत्पादन क्षमता लगभग 25 क्विं /हेक्टे. है किंतु किसानों से प्राप्त आकड़ों एवं व्यवहारिक स्थिति में इस किस्म ने अधिकतम 30/35 क्विंटल हेक्टेअर तक उत्पादन देकर किसानों को अचरज में डाल दिया है।

जे.एस. 21-72 की पहचान :– इस किस्म का पौधा मध्यम ऊँचाई वाला, शाखाओं वाला, फैलावदार होता है एवं इसका तना हरा होता है। इस किस्म का दाना पीला, चमकदार, अत्यंत सुंदर, हायलम ब्राउन पत्तियाँ हरी एवं पत्तियाँ चोड़ी नुकीली (ओवेट शेप), फूलों का रंग सफेद तथा फलियाँ रोएदार चुपाई (डिबलिग) एवं चोड़ी बीजाई हेतु एक आदर्श किस्म लाईन से लाईन की दूरी 45 से.मी. पौधे से पौधे की दूरी 7-8 से.मी. रखने पर भी आदर्श परिणाम सामान्य स्थिति में 16 से 18 इंच दूरी रखने एवं बीज दर हेक्टेअर लगभग 80 किलो रखने पर आदर्श परिणाम। Soybean varieties of JS series

जे.एस. 21-72 सोयाबीन के गुण :– सोयाबीन की इस वैरायटी का तना मजबूत होने से (लाजिंग) आड़ा पड़ने की समस्या नहीं, पौधे की ऊँचाई एवं फैलाव अच्छा होने से हरवेस्टर से काटने हेतु उपयुक्त। फलियों में चटकने की समस्या न होने से कृषक को कटाई के समय नुकसान नहीं होता है। बायोटिक स्ट्रेस मौसमी तनाव हेतु बहुरोधी किस्म येलो मोजेक वायरस (YMV), चारकोल रॉट, पत्तियों पर बेक्टेरियल पाश्चुल एवं येलो स्पॉट के प्रति सहनशील किस्म होने से किसानों को बिमारियों से होने वाले नुकसान से एक सुरक्षा कवच एवं आत्मविश्वास प्रदान करती है।

फसलों के उत्पादन में भारी खर्च एवं बढ़ती लागत को देखते हुए यह आज एक बहुत बड़ी आवश्यकता बन गई है। अतः किसान भाई भी इस तरह की नवीन प्रतिरोधी, प्रमाणित सोयाबीन कि किस्मों का चयन करें ताकि बीमारी से होने वाले नुकसान के कारण बाद में पछताना न पड़े। सोयाबीन की जे.एस. 2172 किस्म अपने आदर्श गुणों के परिपेक्ष्य में अतिशीघ्र पुरानी परम्परागत किस्मों को विस्थापित कर एक आदर्श एवं उच्च स्थान बनाकर किसानों एवं बड़े क्षेत्र में आच्छादित होकर किसानों की पहली पसंद बनकर सफलतापूर्वक अपना नाम बनाने में सफल होगी। Soybean varieties of JS series

सोयाबीन जे. एस. 95-60

Soybean varieties of JS series कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान थे कि एक अच्छी प्रामाणिक अर्ली सोयाबीन किस्म में उनके पास कोई बेहतर विकल्प नहीं था। किसानों की इस अपेक्षा को देर से ही सही किंतु वर्षों के गहन अनुसंधान के पश्चात् जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (J.N.K.V.V.) म.प्र. द्वारा भारत में पहली अतिशीघ्र पकने वाली अन्य सभी किस्म जे.एस. 95-60 विकसित की गई है।

जे. एस. 95-60 की अवधि (उम्र) :– सोयाबीन की यह वैरायटी हाल ही में जारी सोयाबीन किस्म जे. एस. 93-05 से भी लगभग 8-10 दिन पूर्व में पक कर तैयार होजाती है तथा इसकी उत्पादन क्षमता एवं गुण शीघ्र पकने वाली अन्य सभी किस्मों की तुलना में सर्वाधिक है।

सम्राट एवं अन्य पूर्व में प्रचलित शीघ्र पकने वाली किस्मों जिसमें कई समस्याएं – कीट का प्रकोप अधिक होने के कारण उत्पादन ठीक प्राप्त नहीं हो रहा था को विस्थापित करने में एक आदर्श विकल्प के रूप में यह किस्म ने शीघ्र ही किसानों में अपना स्थान बना लिया है। आलू-प्याज, लहसुन, मटर, डालर चना, शरबती गेहूँ आदि अगाति फसल लेने वाले किसानों के लिए सोयाबीन की यह किस्म अर्ली चमत्कारी किस्म वरदान सिद्ध हुई। Soybean varieties of JS series

जे. एस. 95-60 की विशेषताएं :– तीखी-सकरी (भालाकार) पत्तियाँ होने के कारण एवं कॉम्पेक्ट/सघन प्लांट होने, शाखाऐं बहुत अधिक न होने के कारण हवा- प्रकाश एवं पौध संरक्षण औषधि छिड़काव के समय नीचे तक आसानी से पहुँचते हैं। जिससे कीट व्याधि नियंत्रण अधिक आसान एवं काफी प्रभावशाली रहता है। आखरी पानी न गिरने या देरी से पानी गिरते रहने, दोनों परिस्थितियों में समायोजन कर उच्च उत्पादन क्षमता वाली कीटव्याधि प्रतिरोध कता वाली यह किस्म शीघ्र पकने, सीधे बढ़ने के गुण के कारण यह किस्म मिश्र या अन्वर्तीय फसल पद्धति के लिये एकदम उपयुक्त किस्म है।

साथ ही सघन फसल चक्र के लिये जेसे सोया-आलू-लेट गेहूँ, सोया मटर-लेट गेहूँ, सोया-लहसुन-प्याज यह किस्म सबसे बेहतर सोया किस्म है। इस जाति में जल्दी कटाई होने के गुण के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए, असिंचित अवस्था में भी रबी फसलों की सूखा निरोधक किस्में ली जा सकती है। साथ ही जल्दी कटाई के कारण उत्पादन भी जल्दी प्राप्त होने से मंडी में उसे जल्दी विक्रय कर किसान मंड़ी में उच्चतम भावों का लाभ ले सकते हैं। Soybean varieties of JS series

जे. एस. 95-60 की बीज दर एवं उत्पादन क्षमता :– 80 किलो प्रति हेक्टेयर एवं कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. (1 फीट) रखने पर अधिकतम उत्पादन लगभग 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल की अवधि कम होते हुए भी आदर्श परिस्थितियों में देने की क्षमता इस किस्म में है। Soybean varieties of JS series

अधिकतम उत्पादन क्षमता 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व्यावहारिक रूप से आदर्श परिस्थितियायें में, फसल की अवधि 85-88 दिवस, रोग जड़-सड़न एवं पर्णीय बिमारियों के प्रतिरोधी क्षमता/सहनशीलता, कीटरोधक क्षमता पत्तीचूसने वाले कीट, पत्ती काटने वाले कीटों के प्रति रोधी क्षमता/सहनशीलता। Soybean varieties of JS series

जे. एस. 95-60 के प्रमुख गुण (केरेक्टर) :– दाने का आकार अण्डाकार, बोल्ड, नाभिका (हायलम) हल्का भूरा (धूसर), दाने का रंग पीला, चमकदार, 100 दानों का वजन 13-15 ग्राम, अंकुरण क्षमता 85-90 प्रतिशत, पौधे का प्रकार बौवनी किस्म, ऊँचाई 45-50 से.मी., पत्ती का रंग गहरा हरा, रोएँ तने, पत्तियाँ, फली, चिकनी, रोएँदार नहीं, आधे फूल आने की अवधि 30 दिवस, फूलों का रंग नीला, फली का रंग गहरा भूरा, फली का प्रकार 3-4 दानों की फलियाँ व 4 दानों की फलियाँ 25-30 प्रतिशत, फली चटकने की समस्या नहीं, आदर्श पौध संख्या 6 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर। Soybean varieties of JS series

सोयाबीन जे.एस. 20-34

विगत कई वर्षों में देर से वर्षा, बाद में अवर्षा की स्थिति में रबी में अगाती फसलों डॉलर एवं देसी चना, आलू, मटर, लहसुन-प्याज, शरबती गेहूँ लगाने वाले किसान, बिजली संकट से जूझ रहे किसान खेती में बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए अधिकतम प्रतिफल (आउटपुट) निकालने हेतु तीन फसल लेने की योजना का समायोजन करने हेतु, कृषकों का आकर्षण अर्ली (जल्दी) आने वाली किस्मों की तरफ बढ़ता जा रहा है। Soybean varieties of JS series

कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान थे कि एक अच्छी प्रमाणिक अर्ली सोयाबीन किस्म में उनके पास जे.एस. 95-60 किस्म के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था किंतु वर्षों के गहन अनुसंधान के पश्चात् जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने देश के मध्यक्षेत्र मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र हेतु अनुशंसित है।

जे.एस. 20-34 के पकने की उम्र (अवधि) :–यह किस्म जे. एस. 95-60 के लगभग व जे.एस. 93-05 से लगभग 8-10 दिन पूर्व पककर तैयार हो जाती है। इसी उत्पादन क्षमता एवं गुण शीघ्र पकने वाली अन्य सोयाबीन किस्मों की तुलना में सर्वाधिक है।

जे.एस. 20-34 की विशेषताएं :– गोल अण्डाकार पत्तियाँ होने के कारण कॉम्पेक्ट या सघन प्लांट होने से शाखाएं बहुत अधिक न होने के कारण हवा प्रकाश एवं पौध संरक्षण औषधि छिड़काव के समय नीचे तक आसानी से पहुँचते हैं जिससे कीट-व्याधि नियंत्रण अधिक आसान एवं प्रभावशाली रहता है। Soybean varieties of JS series

देरी से बोवनी होने, आखरी पानी न गिरने या देरी से गिरते रहने इन सभी परिस्थितियों में समायोजन कर उच्च उत्पादन क्षमता वाली कीट व्याधि हेतु सहनशील बहुरोधी क्षमता वाली शीघ्र पकने वाली, सीधे बढ़ने वाले गुण के कारण मिश्र एवं अन्तवर्तीय फसल पद्धति के लिए मध्यम व भारी जमीनों तथा मध्यम से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिये यह एकदम उपयुक्त किस्म है।

साथ ही बहु फसल चक्र सोया-आलू-लेट गेहूँ या सोया मटर-लेट गेहूँ या सोया-लहसुन- प्याज आदि के लिये यह एक अत्यंत उपयोगी साया किस्म है। सामान्य सोयाबीन किस्मों को आलू, प्याज, लहसुन के खेतों में लगाने पर जो कि अधिक खाद होने के कारण काफी उर्वरा शक्ति वाले होते हैं जिसके कारण सोयाबीन की वानस्पतिक वृद्धि काफी (Over Vegitative Growth) अधिक होती है। Soybean varieties of JS series

इस किस्म के विशेष गुण के कारण इस किस्म के पौधों की वृद्धि अधिक नहीं होती है, जिससे अधिक प्राप्त होने वाले तत्वा (Nutrients) का रूपान्तरण एवं प्रवाह पूरी तरह से पौधे की वानस्पतिक वृद्धि की ओर न जाकर फलियाँ/दाने की तरफ अधिक जाता है, परिणामस्वरूप इस किस्म में अधिकतम उत्पादन प्राप्त होती है। इस सोया जाति में जल्दी कटाई होने के गुण के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए असिंचित अवस्था में भी रबी फसलों की सुखा निरोधक किस्मों का भी उत्पादन लिया जा सकता है।

साथ ही जल्दी कटाई होने के कारण खेत खाली होने की स्थिति में अगाती (अर्ली) रबी की फसलें लहसुन-आलू-प्याज, मटर, चना डॉलर चना, शरबती गेहूँ लेने वाले किसानों के लिये यह किस्म एक आदर्श विकल्प है। Soybean varieties of JS series

जे.एस. 20-34 का बीज दर एवं उत्पादन क्षमता :– इस किस्म का बीज उत्तम अंकुरण क्षमता होने के कारण 75-80 किलो प्रति हेक्टेयर, कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. (एक फीट) रखने पर फसल की अवधि कम होने की स्थिति में भी इस किस्म में आदर्श परिस्थितियों में 22 क्विं. प्रति हेक्टेयर या इससे अधिक उत्पादन देने की क्षमता भी इस किस्म में है (आदर्श परिस्थितियों में) है। Soybean varieties of JS series

जे.एस. 20-34 के प्रमुख गुण (केरेक्टर) :– दानों का आकार – गोलाकार, मध्यम बोल्ड, 100 दानों का वजन 11-12 ग्राम, दाने का प्रकार – पीला चमकदार, नाभिका (हायलम) काला, अंकुरण क्षमता – उत्तम 80-90 प्रतिशत तक, पौधे का प्रकार – बौनी किस्म 40-45 से.मी. परिमित वृद्धि (डिटरमिनेट प्लांट), कम फैलने वाला, सीधा प्लांट (इरेक्ट), पत्तियों का रंग – गहरा हरा, पत्ती का आकार – गोल अण्डाकार, रोएं – फलियाँ रोएंदार नहीं।

आधे फूल आने की अवधि 34-36 दिवस (अर्ली) फूलों का रंग – सफेद, फली का रंग- पीला, फली का प्रकार – 2-3 दाने की फलियाँ, फलियाँ चटकने की समस्या नहीं, आदर्श पोध संख्या – 6 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर फसल की अवधि 85-88 दिवस, तेल की मात्रा 20-22 प्रतिशत, प्रोटीन की मात्रा 40-41 प्रतिशत। Soybean varieties of JS series

सोयाबीन जे.एस. 93-05

सोयाबीन की यह नवीनतम किस्म जे.एस. 93-05 अभी हाल ही में अधिसूचित होकर जारी की गई है। जिसका पंजीयन क्रमांक 296022 है।

जे.एस. 93-05 की अवधि (उम्र) एवं उत्पादन क्षमता :– यह किस्म जे.एस. 335 की तुलना में लगभग एक सप्ताह पूर्व पककर तैयार हो जाती है। इसकी अवधि लगभग 85-90 दिवस है तथा इसकी उत्पादन क्षमता शीघ्र पकने वाली अन्य किस्मों को विस्थापित करने में सक्षम हैं। Soybean varieties of JS series

जे.एस. 93-05 की विशेषताएं एवं प्रमुख गुण :– इस किस्म के दानों का आकार मध्यम, बोल्ड रंग गहरा पीला आकर्षक चमकदार, काली नाभि 100 दानों का वजन 12-13 ग्राम, अंकुरण क्षमता अत्यधिक 90 से 95 प्रतिशत तक। इसकी पत्तियाँ हरी, नुकीली लम्बी, फूलों का रंग बैंगनी तथा आधे फूल आने की अवधि 30-35 दिवस, फलियाँ बनने की अवधि 55 दिवस। Soybean varieties of JS series

अर्द्ध सीमित वृद्धि वाला मध्यम ऊँचाई का पौधा। तना व फलियाँ रोए रहित। फलियाँ पकने पर गहरे भूरे रंग की हो जाती है। फलियों में चार दाने वाली फलियों की संख्या काफी होती है। इसकी फली में चटकने की समस्या लगभग नहीं के बराबर होती है। पौधे की ऊँचाई अच्छी होने से हार्वेस्टर से कटाई के लिए उपयुक्त यह किस्म जड़ सड़न रोग के लिए प्रतिरोधी पाई गई है। Soybean varieties of JS series

सूखा तथा मौसम की अन्य प्रतिकूलता के प्रति यह किस्म सहनशील पाई गई है। बेक्टेरियल पाश्चुल व अन्य बिमारियों के प्रति भी यह किस्म सहनशील पाई गई। स्टेम फ्लाई (तना मक्खी) तथा गार्डल बीटल के अटैक इस किस्म में कम देखे गए हैं। तीखी संकरी पत्तियाँ (नेरो लीफ) होने से एवं कॉम्पेक्ट प्लांट होने के कारण हवा, प्रकाश व पौध संरक्षण औषधि छिड़काव के समय नीचे तक पहुँचते हैं जिससे कीट नियंत्रण अधिक आसान व काफी प्रभावशाली रहता है। Soybean varieties of JS series

शीघ्र पकने, सीधे बढ़ने के गुण के कारण यह किस्म अंतरवर्तीय फसल पद्धति के लिए एकदम उपयुक्त है। प्लांट के फैलाव/ब्रांचिंग व अंकुरण क्षमता बहुत अच्छी होने से डिबलिंग मेथड (चुपाई) (6X18) पद्धति से लगाने हेतु यह एक श्रेष्ठ किस्म है तथा कम पानी एवं हल्की जमीनों में भी इस किस्म में अच्छा उत्पादन देने की असाधारण क्षमता है। इस जाति में जल्दी कटाई हो जाने के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए असिंचित अवस्था में भी रबी फसलों की सूखा निरोधक किस्में ली जा सकती हैं।

साथ ही जल्दी कटाई के कारण खेत खाली होने की स्थिति में अगाती (अर्ली) रबी की फसलें आलू, प्याज, लहसुन, मटर, सुजाता गेहूँ लेने वाले किसानों के लिए भी यह किस्म एक वरदान है। Soybean varieties of JS series

जे.एस. 93-05 की बीज दर :–25-30 किलो प्रति एकड़ बीज दर कतार से कतार की दूरी 18 इंच रखने पर श्रेष्ठ उत्पादन औसत 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल की अवधि कम होते हुए भी आदर्श परिस्थितियों में लिया जा सकता है। Soybean varieties of JS series

सोयाबीन जवाहर जे.एस. 20-69

जवाहरलाल कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर (J.N.K.V.V.) मध्यप्रदेश द्वारा किसानों के लिए सोयाबीन की चमत्कारी किस्म जे.एस. 20-69 हाल ही में जारी एक नवीनतम किस्म है। Soybean varieties of JS series

सोयाबीन जे.एस. 20-69 की विशेषताएं :– यह एक शीघ्र पकने वाली प्रजाति व्याधियों जैसे पीला, मोजेक, चारकोल सड़न, झुलसन, जीवाणु धब्बा, पर्णीय धब्बे, तना मक्खी, चक्रभंग एवं पत्तिभक्षकों के लिए रोधी एवं सहनशील है। इसमें अंकुरण एवं दीर्घजीवी क्षमता उत्तम है। शीघ्र पकने के कारण यह द्विफसली प्रणाली के लिए अतिउपयुक्त है। यह अर्ध सीधे बढ़ने वाली प्रजाति है अतः अन्तरवर्तीय फसल प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है।

इस किस्म के दाने चमकदार, 100 दानों का वजन 10-11 ग्राम, फूलों का रंग सफेद, फूल आने की अवधि 40 दिन, फलियाँ भूरे रंग की, चटकने की समस्या नहीं। इस किस्म में अधिक वर्षा व बीमारी के प्रति विशेष प्रतिरोधकता व उच्च उत्पादन क्षमता होने के कारण यह नवीन किस्म किसानों के लिये वरदान सिद्ध होगी। Soybean varieties of JS series

सोयाबीन जे.एस. 20-98

Soybean varieties of JS series जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जे.एन.के.वी.वी.) मध्यप्रदेश द्वारा पुरानी सोयाबीन किस्मों के श्रेष्ठ विकल्प के रूप में किसानों की आवश्यकता एवं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निरन्तर गहन रिसर्च के पश्चात् सोयाबीन की नवीनतम किस्म जे.एस. 20-98 जारी की है। सोयाबीन की यह किस्म बोनी हेतु म.प्र. राजस्थान, गुजरात, बुन्देलखण्ड, मराठवाड़ा एवं विदर्भ क्षेत्र हेतु अनुशंसित की गई है।

जे.एस. 20-98 की विशेषताएं :– सोयाबीन की यह नवीन किस्म जे. एस. 335 से पहले व सोयाबीन जे. एस. 93-05 के लगभग पककर तैयार हो जायेगी। हल्की, सामान्य एव भारी जमीनों में तथा सामान्य एवं विपरीत परिस्थितियों एवं मौसम में भी इस किस्म में अत्यधिक उत्पादन देने की अद्भूत क्षमता इस किस्म में देखी गई है। Soybean varieties of JS series

उत्तम अंकुरण क्षमता एवं पौधे में फैलाव की अनुकूल स्थितियों होने के कारयण 75 किलो प्रति हेक्टेयर बीज दर रखने एवं 14 से 16 इंच कतार से कतार की दूरी रखने पर आदर्श परिणाम मजदूरों की समस्या व मौसम की अनिश्चितता के कारण यह किस्म ऊँचाई ठीक होने के कारण हार्वेस्टर से कटाई हेतु भी एक उपयुक्त किस्म है।

पूर्व में प्रचलित सोयाबीन किस्मों में कीट-व्याधि का अत्यधिक प्रकोप तथा उत्पादन एवं गुणवत्ता में लगातार आ रही गिरावट/कमी को देखते हुए सोयाबीन की यह नवीनतम किस्म जे.एस. 20-98 सोयाबीन की पुरानी किस्मों को विस्थापित कर उत्पादन गुणवत्ता के नए मानदंड एवं आयाम बनाकर किसानों के लिए एक आदर्श सोयाबीन किस्म का विकल्प बनकर शीघ्र प्रस्थापित हो जावेगी । Soybean varieties of JS series

जे.एस. 20-98 के प्रमुख गुण (करेक्टर) :- दाने का आकार गोलाकार, मध्यम (बोल्ड) 100 दानों का वजन 10.2 ग्राम, दाने का प्रकार पीला, चमकदार, नाभिका (हायलम) काला, अंकुरण क्षमता 80-90 प्रतिशत, पौधे का प्रकार मध्यम ऊँची किस्म, ऊँचाई लगभग 46 से 55 से.मी. अर्ध परिमित (सेमी डिटरमिनेट) यानी सीधा मध्यम फैलाव वाला पौधा (सेमी इरेक्टर), पत्ती का आकार तीखी-सकरी फलियाँ रोयेंदार (चिकनी नहीं) रोएं एवं फली का रंग भूरा, आधे फूल आने की अवधि लगभग 40-42 दिवस, फूलों का रंग सफेद, दो से तीन दाने की फलियाँ, फलियाँ चटकने की समस्या (शेटरिंग) नहीं, आदर्श पौध संख्या 4 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर।

जे.एस. 20-98 की उम्र (अवधि) एवं उत्पादन क्षमता :– फसल की अवधि लगभग 94 दिवस, दानों में तेल की मात्रा 19.30 प्रतिशत, प्रोटीन प्रतिशत 40.9, अधिकतम उत्पादन क्षमता व्यवहारिक तरीकों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर एवं उससे भी अधिक। Soybean varieties of JS series

जे.एस. 20-98 रोग प्रतिरोधी किस्म :– आदर्श पस्थितियों में 1 बायोटिक स्ट्रेस जैसे पीला मोजेक वायरस, चारकोल रॉट, ब्लाईट, बेक्टेरियल पाश्चुल, लीफ स्पॉट बीमारियों के लिए तथा मजबूत जड़ तंत्र के कारण अधिक वर्षा की स्थिति में जड़ सड़न सम्बंधी बीमारियों के लिए प्रतिरोधी किस्म एवं स्टेम बोरर, स्टेम फ्लाय एवं अन्य कीटों के प्रति सहनशीलता के गुण के कारण कृषक इस नवीन किस्म को लगाने हेतु निश्चित ही आकर्षित होगें। Soybean varieties of JS series. Soybean varieties of JS series 

किसान साथी सोयाबीन की इन सभी किस्मों  Soybean varieties of JS series के बीज लेने के लिए यहां संपर्क कर सकते हैं :–

वसुंधरा सीड्स / वसुंधरा बायो ऑर्गेनिक से सीड्स लेने के लिए यहां संपर्क करें :– पता – 51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन-456010 (म.प्र.)

मोबाईल9301606161 , 94253-32517

फोन 0734-2530547

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