सोयाबीन की फसल के लिए यह समय अति महत्वपूर्ण, अधिक पैदावार के लिए कृषि विभाग ने जारी की जरूरी सलाह

सोयाबीन की फसल 40 से 50 दिनों की हो गई है, ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों के किए जारी की एडवाइजरी (Soybean Advisory) …

Soybean Advisory | सोयाबीन की खेती किए जाने वाले क्षेत्रों की फसल वर्तमान में फूल आने की अवस्था में है तथा विगत दो सप्ताह से लगातार बारिश की स्थिति से गुजर रही हैं।

अधिकतर क्षेत्रों में चक्र भृंग एवं विषाणु जनित पीला मोज़ेक वायरस रोग प्रारंभिक अवस्था में देखा जा रहा हैं।

साथ ही अन्य कीट जैसे चने की इल्ली एवं सफ़ेद मक्खी जैसे रोग वाहक कीट तथा एन्थ्राक्नोज जैसे रोगों की प्रारंभिक अवस्था देखि जा रही हैं।

इस परिपेक्ष में सोयाबीन फसल पर प्रकोप करने वाले संभावित कीटों एवं रोगों के नियंत्रण हेतु केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा हाल ही में अनुशंसित कीटनाशक / रसायनों के छिडकाव कर नियंत्रण किया जा सकता हैं।

आइए जानते है कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए क्या साप्ताहिक सलाह Soybean Advisory जारी की है…

अ) महत्वपूर्ण सम-सामायिक सलाह

फुल आने की अवस्था में पत्ती खाने वाली इल्लियों को फूलों को भी खाते हुए देखा गया हैं, अतः फसल की सुरक्षा हेतु उपयुक्त अनुशंसित कीटनाशक का छिडकाव करें। Soybean Advisory

बीजोत्पादन वाले खेत में शुद्धता बनाये रखने के लिए फूलों के रंग एवं पौधों/पत्तियों/तने पर पाए

जाने वाले रोये के अधर पर भिन्न किस्मों के पौधों को अपने खेत से निष्कासित करें।

कई क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा होने की सूचनाये प्राप्त हुई हैं, कृषकों को सलाह कि जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल-निकासी सुनिश्चित करें।

Soybean Advisory मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में “कॉटन ग्रे वीविल”, एवं “टस्क मोथ” नामक कीटों का भी प्रकोप देखा जा रहा है। अधिक प्रकोप पाए जाने पर नियंत्रण हेतु क्विनाल्फोस 25% ई.सी. (1 ली/हे.) या प्रोफेनोफोस 50 ई.सी. (1 ली/हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. (333 मि.ली.) जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह हैं।

मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में सोयाबीन का रस चूसने वाले “जेवेल बग” नामक कीड़े का प्रकोप देखा जा रहा हैं। अधिक प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.)

या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 ई. सी. (333 मि.ली.) का छिड़काव करें। तना मक्खी के नियंत्रण के लिए भी इन्ही रसायनों का उपयोग करें।

महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में घोंघे (snails-slugs /गोगलगाय) का प्रकोप Soybean Advisory देखा जा रहा हैं। कृषकों को सलाह हैं कि वे सतर्क रहे एवं अपने खेतो में सतत निगरानी करते रहे। इसके लिए गुड के साथ मेटालडिहाइड 2.5% सूखे पेलेट का द्रावन बनाए तथा जूट के बोरे को इस द्रावन में भिगोकर अपने खेत में रात को रखे एवं अगले दिन निरिक्षण करें।

साथ ही सुरक्षात्मक रूप से अपने खेत के चारों ओर चुने की लकीर डालकर घोंघे को आने से रोके। समस्या अधिक होने पर सोयाबीन के लिए अनुशंसित कीटनाशक जैसे मेलाथिओंन 50 ईसी. (1500 मिली/हे) या इन्डोक्साकार्ब 15.8 इ.सी. (333 मिली/हे) या क्विनाल्फोस 25% ई.सी. (1 ली/हे.) का फसल एवं जमींन पर छिडकाव करें।

महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के ‘कुछ क्षेत्र जहाँ पर कई दिनों से बारिश नहीं होने से सुखी भूमि में सफ़ेद सुंडी का प्रकोप देखा जा रहा हैं। अतः Soybean Advisory सलाह है की इसके नियंत्रण हेतु खेत मे प्रकाश प्रपंच लगाए एवं व्हाइट ग्रब के वयस्कों को एकत्र होने पर नष्ट करें।

साथ ही फसल पर बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का सोयाबीन की फसल में पौधों में बीच छिडकाव करें।

रोग नियंत्रण के लिए कृषि विभाग की सलाह

1. पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोज़ेक रोग के लक्षण दिखने पर प्रारंभिक अवस्था में ही रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी / एफिड की रोकथाम हेतु Soybean Advisory एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) का छिडकाव करें।

इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन+ इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली/हे) का भी छिडकाव किया जा सकता हैं। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगणअपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

2. लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्राक्नोज रोग की सम्भावना अधिक होती हैं। अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह Soybean Advisory हैं कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्रातिशीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65% WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा/हे) से फसल पर छिडकाव करें।

3. रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट रोग के लक्षण दिखाई देने पर सलाह हैं कि नियंत्रण हेतु अनुशंसित फफूंदनाशक पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20% WG (375-500 ग्रा/हे) या फ्लुक्सापग्रोक्साड 167 g/l + पायरोक्लोस्ट्रोबीन 333 g/L SC (300 मिली/हे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपोक्कोसीकोनाजोल 50g // एस.ई. (750 मिली/हे) जैसे फफूंदनाशकों का अपने फसल पर छिड़काव करें।

कीट नियंत्रण के लिए सलाह

1. चने की इल्ली के नियंत्रण हेतु फसल Soybean Advisory पर इंडोक्साकार्ब 15.80 % EC (333 मिली/हे.) का छिडकाव करें। इसके लिये वैकल्पिक कीटनाशक हैं, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/ एस. सी. ( 42-62 ग्राम / हे), या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी ( 150मि.ली.) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब एस .सी . ( 875-825मि.ली/. हे).

2. चक्र भृंग के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस. सी . ( 750 मिली/हे) या इमामेक्टीन बेन्जोएट ( 425 मिली / है ) या आइसोसायक्लोसरम 9.2% W/W Dc (10% W/V) DC (600 मिली/हे) या कार्टाप हाइड्रो क्लोराइड 04%+ फिप्रोनिल CG % 00.50 (200 मिली/हे)

या एसिटेमीप्रीड 25 % + बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी. (250-300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी ( 1 ली है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस. सी 18.50% SC ( 150 मिली/हे) का छिड़काव करें। यह भी सलाह Soybean Advisory दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें।

3. सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मि.ली. हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300g / 1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम / हे), या फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी (250-300 ग्राम / हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस .सी (333 मि.ली / हे ),

या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई. सी. (1 ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी., ( 250-300 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली / है) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस. सी. ( 825-875 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली / है ) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/हे) का छिडकाव करें। Soybean Advisory

4. तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम/हे), या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू.जी (250-300 ग्राम/हे)

या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस सी (333 मि.ली / हे ), या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी., ( 250-300 मिली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी ( 450 मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें। Soybean Advisory

5. आपकी फसल में सेमीलूपर + चने की इल्ली + तम्बाकू की इल्ली एक साथ पाए जाने पर नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे),

या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस .सी (333 मि.ली/हे ), या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी ( 825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें।

6. पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर / तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी / चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु Soybean Advisory पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली./हे.) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (200 मिली./हे.) का छिडकाव करें।

7. यदि आपकी फसल में बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप है, इसके नियंत्रण हेतु फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी ( 150 मि.ली.) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस. सी. ( 42-62 ग्राम / हे), या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी ( 450 मिली/हे) का छिडकाव करें।

सोया कृषकों के लिए सामान्य सलाह..

1. पीला मोज़ेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं। Soybean Advisory

2. सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु “T” आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये। इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।

3. सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये।

4. अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर 3-4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली / कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये। Soybean Advisory

5. कीट एवं रोगों से फसल सुरक्षा हेतु उपयुक्त रसायनों का छिडकाव किया जाना चाहिए, भले ही सोयाबीन फसल फुल आने की अवस्था में हो।

6. ऐसे रसायन (कीटनाशक/खरपतवारनाशक फफूंदनाशक) जो सोयाबीन फसल में उपयोग हेतु भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा जारी सूचि में शामिल नहीं, उपयोग नहीं करें।

7. किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दूकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।

8. जिन रसायनों (कीटनाशक/खरपतवारनाशक फफूंदनाशक) के मिश्रित उपयोग की वैज्ञानिक अनुशंसा या पूर्व अनुभव नहीं है, ऐसे मिश्रण का उपयोग कदापि नहीं करें। इससे फ़सल को नुकसान हो सकता है। Soybean Advisory

9. सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली ) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1.0ली/ हेक्टे) का प्रयोग करें।

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