फसलों की बंपर पैदावार में जिंक सहायक, इसकी कमी से लगते है रोग, कौन सा खाद डालें एवं कीमत क्या है जानिए

किसी की फसल के लिए अच्छी पैदावार के लिए पौषक तत्व जरूरी है। आइए जानते है फसल में जिंक की कमी (Fertilizer for kharif Crop) के क्या नुकसान है एवं बचाव के लिए कौन सा खाद डालें।

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Fertilizer for kharif Crop | किसी भी फसल की पैदावार, मिट्टी में उपस्थित 17 आवश्यक पोषक तत्वों पर निर्भर करती है। जिनमें 9 प्रमुख व 8 सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं।

सूक्ष्म पोषक तत्व भी उतने ही आवश्यक होते हैं जितने की प्रमुख पोषक तत्व की आवश्यकता कम मात्रा में होती है।

जिंक भी एक अति महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है जो पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होता है।

यदि फसल में इसकी कमी होती है, तो पौधे में कई प्रकार के रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए की उनकी फसल में जिंक की कमी Fertilizer for kharif Crop तो नहीं।

आइए जानते है फसल में जिंक के महत्व एवं इसकी भरपाई के लिए किसान कौन सा खाद डाल सकते है।

फसल की वृद्धि के लिए जिंक आवश्यक

यह कई जैविक प्रक्रियाओं में भाग लेता है और पौधों की पोषण गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है।

जिंक Fertilizer for kharif Crop कई एंजाइमों का सह- कारक होता है, जो पौधों में जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।

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यह डीएनए संश्लेषण, प्रोटीन उत्पादन, और हार्मोन संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जिंक, क्लोरोफिल (पर्णहरित) के संश्लेषण में मदद करता है, जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए आवश्यक होता है।

इसका अभाव पौधों में पीलापन और विकास में रुकावट का कारण बन सकता है। जिंक पौधों की रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाता है।

यह पौधों को रोगाणुओं और प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों से बचाने में सहायता करता है। : Fertilizer for kharif Crop

अनेक रोगों से बचाव

जिंक धान की फसल में खैरा रोग की रोकथाम में सहायक होता है। जिंक की कमी से धान के पौधे कमजोर हो जाते हैं और खैरा रोग जैसी बीमारियों की फसल के लिए जो फसल को खैरा जल्दी लगती हैं।

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जिंक धान आवश्यक पोषक तत्व है। खैरा रोग जैसी समस्याओं से बचाव रखता है। जिंक ऑक्सिन नामक हार्मोन के उत्पादन में सहायक होता है, जो पौधों की वृद्धि और विकास को नियंत्रित करता है। : Fertilizer for kharif Crop

रासायनिक उर्वरकों के असंतुलित उपयोग के कारण मिट्टी क्षारीय होती जा रही है और क्षारीय मिट्टी में जिंक की उपलब्धता बहुत कम हो जाती है।

अतः पौधों में जिंक का अवशोषण सल्फर के बिना संभव नहीं है। मिट्टी में जिंक की पूर्ति के लिए जिंक सल्फेट या जिंक ऑक्साइड की अनुशंसित मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है।

चूंकि जिंक सल्फेट फॉस्फेटिक उर्वरक (डीएपी, एसएसपी, एनपीके आदि) के साथ प्रतिक्रिया कर फास्फोरस की उपलब्धता को कम कर देता है, अतः जिंक ऑक्साइड ही जिंक की पूर्ति का उपयुक्त विकल्प माना गया है। : Fertilizer for kharif Crop

जिंक के लिए- ‘टेक्नो -Z’ खाद डाले

‘टेक्नो -Z’ एसएमएल का एक पेटेंट उत्पाद है। ‘टेक्नो-Z’ मे 14 प्रतिशत जिंक ऑक्साइड व 67 प्रतिशत सल्फर होता है। ‘टेक्नो-2’ में सल्फर की उपस्थिति जिंक की उपलब्धता को सुनिश्चित करती है।

WDG फार्मूलेशन ‘टेक्नो -Z’ को अत्यधिक घुलनशील बनाता है। पानी के संपर्क में आते ही यह 2-4 माइक्रोन के कणों में बदल जाता है और पौधों द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है। : Fertilizer for kharif Crop

‘टेक्नो-Z’ की NUE ( पोषक तत्व ग्रहण क्षमता) लगभग 50 प्रतिशत होती है जबकि जिंक सल्फेट की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। अत: ‘टेक्नो-Z’ द्वारा पौधों को जिंक की उपलब्धता अधिक होती है।

‘टेक्नो-Z’ ओआरटी (जब चाहिए तब) तकनीक पर आधारित उत्पाद है जिसके कारण यह लम्बे समय तक कार्य करता है व फसल की विभिन्न अवस्थाओं पर जरूरत के अनुसार जिंक व सल्फर की पूर्ति करता रहता है।

अधिकतर किसान जिंक की आपूर्ति के लिए ‘टेक्नो -Z’ को प्रथम विकल्प के रूप में चुन रहे हैं। : Fertilizer for kharif Crop

यदि आप ई कॉमर्स साइट से टेक्नो Z खाद खरीद रहे है तो, यहां आपको 4 किलो बोरी की कीमत 649 रूपये से लेकर 849 रूपये तक है।

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