गेंहू की अच्छी पैदावार के लिए बुवाई से पहले डालें यह खाद, किसानों को सब्सिडी भी देगी सरकार

भूमि सुधार और फसलों का उत्पादन बढ़ाएगा जिप्सम खाद, जिप्सम खाद पर सरकार से कैसे मिलेगी सब्सिडी (Fertilizer Subsidy), आइए जानते है…

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Fertilizer Subsidy | सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों की कटाई का कार्य अब लगभग समाप्त होने को है। इसके बाद सभी किसान रबी फसलों की बुवाई में जुट जायेंगे।

कई किसान गेंहू सहित अन्य रबी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए डीएपी, एनपीके सहित अन्य खाद का भी इस्तेमाल करते है। इन्हीं खाद एवं उर्वरक में से है जिप्सम खाद भी है।

जिप्सम की कमी के चलते है इस खाद का उपयोग किया जाता है। जिप्सम खाद से भूमि के स्वास्थ्य में सुधार होगा और फसलों की पैदावार भी अच्छी होगी।

जिप्सम से न केवल क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है, बल्कि इसके उपयोग से फसलों की पैदावार और क्वालिटी दोनों बढ़ाई जा सकती है। : Fertilizer Subsidy

आमतौर पर जिप्सम खाद की कीमत डीएपी से कही अधिक होती है। जिसके चलते कई छोटे एवं सीमांत किसान अपनी फसलों के लिए जिप्सम खाद नही खरीद पाते है।

इसी बाद को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार अब जिप्सम खाद पर सब्सिडी मुहैया करवा रही है। आइए आपको बताते है जिप्सम खाद के उपयोग एवं सब्सिडी Fertilizer Subsidy कैसे मिलेगी…

क्या है जिप्सम खाद?

जिप्सम एक प्राकृतिक द्वितीयक खनिज है। रासायनिक रूप में यह कैल्शियम सल्फेट (CaSO42H2O) के नाम से जाना जाता है।

इसमें सामान्यत: 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम और 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है। कृषि में यह क्षारीय भूमि के सुधार व पोषक तत्व के रूप में उपयोगी पाया गया है।

जिप्सम खाद के फायदे

Fertilizer Subsidy | क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाने और इससे अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिप्सम का उपयोग लाभदायक होता है।

पोषक तत्व के रूप में इसका उपयोग तिलहन, दलहन और गेहूं की फसलों में किया जाए तो इससे उनकी क्वालिटी और उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है।

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कब एवं कितना डालें जिप्सम खाद

Fertilizer Subsidy | जिप्सम को मिट्टी में फसलों की बुवाई से पहले डाला जाता है। जिप्सम डालने से पहले खेत को दो से तीन बार गहरी जुताई करके अच्छे से तैयार करना चाहिए। इसके बाद पाटा लगाकर जिप्सम का भुरकाव करना चाहिए।

इसके पश्चात्, एक हल्की जुताई करके जिप्सम को मिट्टी में मिला दें। सामान्यत: धान 10-20 किग्रा कैल्शियम प्रति हैक्टेयर एवं दलहनी फसलें 15 किग्रा कैल्शियम प्रति हैक्टेयर भूमि से लेती है।

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जिप्सम खाद डालते समय इन बातों का रखें ध्यान

Fertilizer Subsidy | जिप्सम को अधिक नमी वाले स्थान पर न रखें तथा जमीन से कुछ ऊपर रखें।

मृदा परिक्षण के उपरान्त जिप्सम की उचित मात्रा डालें।

तेज हवा बहने पर जिप्सम का बुरकाव न करें।

जिप्सम डालने से पहले अगर इसमें ढेले हैं तो इन्हे चूर कर लें।

जिप्सम का बुरकाव करते समय हाथ सूखे होने चाहिए।

जिप्सम को बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

जिप्सम का बुरकाव पूरे खेत में समान रूप से करें।

जिप्सम डालने के पश्चात उसको मिट्टी में अच्छी प्रकार से मिला दें। : Fertilizer Subsidy

20 हजार किसानों को मिलेगी जिप्सम पर सब्सिडी

राज्य सरकार की योजना के तहत वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 20,000 किसानों को क्षारीय भूमि सुधार एवं पोषक तत्व के रूप में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन एवं गेहूं के तहत दलहनी और गेहूं की फसलों में उपयोग के लिए जिप्सम का वितरण किया जाएगा जिस पर सब्सिडी दी जाएगी।

जिप्सम खाद पर किन किसानों को मिलेगी सब्सिडी एवं कितनी मिलेगी?

बता दें की, जिप्सम खाद पर सब्सिडी Fertilizer Subsidy सिर्फ राजस्थान के किसानों को ही दी जाएगी। कृषि विभाग दौसा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को क्षारीय भूमि सुधार के लिए जिप्सम पर शत-प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है जो अधिकतम 0.5 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए दिया जाएगा।

किसानों को जिप्सम की मांग के अनुसार अधिकतम 1.50 मैट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध कराया जाएगा।

राष्ट्रीय कृषि विकास के अंतर्गत संचालित सॉयल हैल्थ फर्टिलिटी कम्पोनेंट के तहत भूमि के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर एक किसान को अधिकतम दो हैक्टेयर क्षेत्र के लिए भूमि की जिप्सम मांग रिपोर्ट के अनुसार प्रति हैक्टेयर अधिकतम 5 मैट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध कराया जा सकेगा।

राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत दलहन फसलों में जिप्सम 250 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम 750 रुपए प्रति हैक्टेयर प्रति किसान अधिकतम 2 हैक्टेयर तक अनुदान दिया जाएगा। : Fertilizer Subsidy

जिप्सम पर सब्सिडी के लिए कहां करें आवेदन

सरकार की ओर से राज्य के किसानों को जिप्सम की मांग के लिए राज किसान साथी- सुविधा पोर्टल या एप के जरिये आवेदन करना होगा। इसके लिए किसान जनआधार नंबर से लॉगिन कर एप पर अपनी जिप्सम की मांग भेज सकते हैं।

भूमि सुधार कार्यक्रम के लिए जिप्सम की मांग के साथ ही मिट्‌टी परीक्षण प्रयोगशाला से प्राप्त जिप्सम मांग रिपोर्ट जो छह माह से अधिक पुरानी नहीं हो, उसे अपलोड करना होगा। : Fertilizer Subsidy

जिप्सम पर सब्सिडी की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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