ये है सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली सरसों की टॉप 10 रोगप्रतिरोधी किस्में, जानें पैदावार

सबसे अधिक उपज देने वाली सरसों की टॉप 10 किस्में (Mustard Varieties) कौन सी है, आइए जानते है।

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Mustard Varieties | भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और डीआरएमआर (डायरेक्टरेट ऑफ रैपसीड एंड मस्टर्ड रिसर्च) द्वारा विकसित राई-सरसों की किस्में भारतीय कृषि में एक महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

राई-सरसों की इन उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों को विशेष रूप से देश के विभिन्न कृषि पारिस्थितिकीय क्षेत्रों में उगाने के लिए तैयार किया गया है।

राई-सरसों की ये किस्में न केवल किसानों की पैदावार बढ़ाने में मददगार हैं, बल्कि जलवायु परिस्थितियों, जैसे लवणता और उच्च तापमान के प्रति सहनशीलता भी दिखाती है।

इसके साथ ही, इन Mustard Varieties पर सफेद रतुआ, अल्टरनेरिया ब्लाइट, स्क्लेरोटिनिया स्टेम रोट, पाउडरी मिल्ड्यू और एफिड्स जैसे प्रमुख रोगों का कम प्रकोप होता है, जिससे किसानों को बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।

राई-सरसों की इन किस्मों की खेती से किसानों को अधिक तेल प्राप्त होता है, जिससे देश की खाद्य तेल उत्पादन में वृद्धि होती है।

ऐसे में आइए आज सरसों की सबसे अधिक उपज देने वाली टॉप 10 किस्मों (Mustard Varieties) के बारे में विस्तार से जानते हैं-

1. सरसों की एनआरसीडीआर-2 किस्म

Mustard Varieties | इस किस्म को ज़ोन II (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान) के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 1951-2626 किग्रा/हेक्टेयर है।

साथ ही साथ इस किस्म में लवणता और उच्च तापमान सहनशीलता, सफेद रतुआ, अल्टरनेरिया ब्लाइट, स्क्लेरोटिनिया स्टेम रोट, पाउडरी मिल्ड्यू और एफिड्स का कम प्रकोप और तेल की मात्रा 36.5-42.5% तक है।

2. सरसों की एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड किस्म

Mustard Varieties | इस किस्म को ज़ोन III (राजस्थान, उत्तर प्रदेश) के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 1550-2542 किग्रा/हेक्टेयर है। साथ ही साथ इस किस्म में अधिक उपज और उच्च तेल की मात्रा 38.6-42.5% तक है।

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3. सरसों की एनआरसीडीआर-601 किस्म

इस किस्म को ज़ोन II (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान) के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 1939-2626 किग्रा/हेक्टेयर है।

साथ ही साथ इस किस्म में उच्च तापमान, लवणता सहनशीलता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और तेल की मात्रा 38.7-41.6% तक है। : Mustard Varieties

4. सरसों की एनआरसीएचबी-101 किस्म

इस किस्म को ज़ोन III (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान), ज़ोन V (बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम) के लिए अनुशंसित किया गया है।

इसकी उपज क्षमता 1382-1491 किग्रा/हेक्टेयर है। यह किस्म सिंचित और बारानी स्थितियों में देर से बुवाई के लिए उपयुक्त और तेल की मात्रा 34.6-42.1% तक है। : Mustard Varieties

5. सरसों की डीआरएमआरआईजे-31- गिरिराज किस्म

इस किस्म को ज़ोन II (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान) के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 2225-2750 किग्रा/हेक्टेयर है।

साथ ही साथ यह किस्म मोटे बीज वाली, अधिक उपज और इसमें तेल की मात्रा 39-42.6% तक है।

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6. सरसों की एनआरसीवाईएस-05-02 (पीली सरसों) किस्म

Mustard Varieties | इस किस्म को पूरे देश के पीली सरसों उगाने वाले क्षेत्र के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 1239-1715 किग्रा/हेक्टेयर है। इस किस्म की मध्यम ऊंचाई और उच्च तेल की मात्रा 38.2-46.5% तक है।

7. सरसों की डीआरएमआर 150-35 किस्म

इस किस्म को ज़ोन V (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असोम, ओडिशा) के लिए अनुशंसित किया गया है।

इसकी उपज क्षमता 1828 किग्रा/हेक्टेयर है। यह किस्म प्रारंभिक परिपक्वता, पाउडर फफूंदी और अल्टरनेरिया ब्लाइट के प्रति सहिष्णु और तेल की मात्रा 39.8% तक है।

9. सरसों की डीआरएमआर 1165-40 किस्म

इस किस्म को ज़ोन II (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर) के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 2200-2600 किग्रा/हेक्टेयर है। यह किस्म गर्मी, नमी तनाव सहनशील उपयुक्त और तेल की मात्रा 40-42.5% तक है।

10. सरसों की डीआरएमआरआईसी 16-38 (बृजराज) किस्म

इस किस्म को ज़ोन II (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर) के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 1681-1801 किग्रा/हेक्टेयर है। यह किस्म विभिन्न रोगों कीटों के प्रति सहनशील और तेल की मात्रा 37.6-40.9% तक है।

डिस्केलमर : इन उन्नत किस्मों के जरिए डीआरएमआर किसानों को अधिक उपज और बेहतर लाभ प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है। कृषि पारिस्थितिकी और उत्पादन को ध्यान में रखते हुए इन किस्मों का चुनाव कर किसान अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं।

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