कई किसान थ्रेसिंग के दौरान होते हैं दुर्घटनाग्रस्त, रबी फसलों में थ्रेसिंग के समय बरतें यह सावधानियां..

देशभर में रबी फसलों की कटाई का कार्य चल रहा है। थ्रेसिंग के दौरान किसानों को किन बातों का ध्यान (Threshing Caution) रखना चाहिए? जानिए..

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Threshing Caution | रबी में गेहूं, चना, जौ और सरसों प्रमुख फसल हैं। इन फसलों की गहाई का कार्य थ्रेसर से किया जाने लगा है। अनाज को पौधे से अलग करने की उस प्रक्रिया को थ्रेसिंग अथवा गहाई कहते हैं। थ्रेसर चलाने के लिए ट्रैक्टर अथवा बिजली की मोटर का प्रयोग किसान करते है।

थ्रेसर के उपयोग से समय की बचत अवश्य होती है। लेकिन, सावधानी से काम नहीं करने पर दुर्घटना का डर बना रहता है। आधुनिक खेती में खेत पर होने वाली दुर्घटनाओं में सर्वाधिक दुर्घटनाएं थ्रेसर से होती हैं।

अतः थ्रेसिंग में न सिर्फ सुरक्षित यसर का प्रयोग आवश्यक है। थ्रेशर का सही उपयोग और उसकी कार्य क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी स्थापना किस स्थान पर और किस ढंग से की गई है।

थ्रेशर (Threshing Caution) को स्थापित करने से पहले सभी नट-बोल्ट को भली भांति कस लेना चाहिए और यह ध्यान में रखना चाहिए कि कोई भी पुर्जा ढ़ीला न रहे। थ्रेशर को स्थापित करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

थ्रेशर की दिशा | Threshing Caution

थ्रेसर का भूसा निकासी द्वार हवा की दिशा के साथ समानान्तर होना चाहिए। यदि इसकी दिशा हवा की विपरीत होगी तो गहाई के समय जो भूसा बाहर निकलेगा। वह हवा से उड़कर थ्रेशर पर काम करने वालों के ऊपर गिरेगा।

कचरा आंख में जाने से कार्य करने में रूकावट होगी। वहीं, दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है। साथ ही, भूसे के बारीक कण श्वांस के साथ फेफड़े में जाकर बीमारी का कारण भी बन सकते हैं।

थ्रेशर स्थिरता और समतलीकरण

थ्रेसर को काम में लाने के लिए उसका स्थिर होना जरूरी है। अगर थ्रेसिंग के दौरान थ्रेसर अपनी जगह से हिल जाता है तो इसका टैक्ट्रर अथवा मोटर से समन्वयन (एलाइनमेंट) बिगड़ जायेगा। : Threshing Caution

इसलिए थ्रेसर को स्थिर करने के लिए पहियों के नीचे छोटे गड्ढे खोद दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, जिसे स्थान पर गहाई की जा रही हैं, वहां यदि पक्का फर्श है तो थ्रेसर के पहियों के आगे पीछे बड़ी साइज के पत्थर रख देने चाहिये।

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थ्रेशर पुली का शक्ति स्त्रोत

Threshing Caution | थ्रेसर पुली और शक्ति स्त्रोत की पुली एक लाइन में होनी चाहिए। ताकि, बेल्ट बराबर चढ़ी रहे। अगर यह पुलि आपस में एक लाइन में नहीं होगी तो बेल्ट बार-बार उतरेगी।

जिससे कार्य बाधित होगा। यदि थ्रेसर टेलिस्कोपिक शाफ्ट द्वारा टैक्ट्रर से जुड़ा हुआ है तो इनके सीधी लाइन में न होने पर अत्यधिक कंपन के कारण शाफ्ट टूटने का भय बना रहता है।

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बेल्ट का तनाव

Threshing Caution | थ्रेसर की पुली बेल्ट में इतना तनाव होगा चाहिए कि जब उसे हाथ से दबाया जाये तो एक सेमी. से ज्यादा नहीं दबे अन्यथा बेल्ट पुली पर फिसलेगी। जिससे थ्रेसर की पुली के चक्र कम होगें और फसल की मड़ाई भली प्रकार से नहीं होगी।

थ्रेसर के पतनाले की ऊचांई

थ्रेशर के पतनाले की ऊचाई इतनी होनी चाहिए कि उसमें फसल आसानी से डाली जा सकें। अगर पतनाला ऊंचा है तो कोई भी लकड़ी का प्लेटफार्म रख लेना चाहिए। जिससे फसल को आसानी से पतनाले में डाला जा सके।

यदि शक्ति स्त्रोत बिजली की मोटर है तो यह देख लेना चाहिए कि कोई तार नंगा न हो, यदि ऐसा हो तो जोड़ों पर इसुलेशन टेप लगा दें। मुख्य स्विच और स्टार्टर जमीन से कुछ ऊपर परन्तु थ्रेसर चालक की पहुंच के अंदर रखे। इसके अलावा फसल की गहाई करने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि वह भली प्रकार सुखी हो। : Threshing Caution

सुरक्षा संबंधी सावधानियां

» अच्छे और सुरक्षा उपकरण लगे थ्रेशर को ही खरीदें। आई.एस.आई. मार्का लगा थ्रेसर सुरक्षित होता है। थ्रेसर के प्रत्येक घूमने वाले हिस्से यानि पुली, बेल्ट, फ्लाई व्हील आदि पूरी तरह से ढके हुए होने चाहिए अन्यथा दुर्घटना का भय बना रहता है।

» सुरक्षित पतनाला (फीडिंग ट्रफ लगा थ्रेसर ही खरीदे। पतनाले की कम से कम लंबाई 90 सेमी हो और वह ऊपर से कम से कम 45 सेमी ढका हो।

» थ्रेशिंग सिलिंडर के शाफ्ट पर खुरदरी चाभी, उभरे नट-बोल्ट नहीं होने चाहिए। अन्यथा इसमें लचीली फसल की लांक फंस सकती है और घर्षण से आग भी लग सकती है। : Threshing Caution

» घूमने वाले लोहे के पुर्जे खासतौर पर ड्रम के अंदर वाले पुर्जे कभी भी एक-दुसरे से रगड़ खाकर अथवा टकराकर नहीं चलने चाहिए। नहीं तो इससे आग लग सकती है।

श्रमिक संबंधी सावधानियां

थ्रेशर के बारे में बिना पर्ण जानकारी प्राप्त किए उसको न चलाएं। थ्रेसर पर काम करने वाले श्रमिक ध्यान रखें कि कभी भी फसल लगाते समय हाथ को अंदर न डाले।

थ्रेसर चलाते समय कोई भी समायोजन नहीं करें। थ्रेसर चालक को सभी सुरक्षा संबंधी बातों की जानकारी होनी चाहिये। प्रशिक्षित चालक और अनुभवी श्रमिको को ही फसल डालने का कार्य करने दें। : Threshing Caution

» थ्रेशर पर कार्य करते समय सदैव सचेत और जागरूक रहें। कार्य करते समय एक दूसरे से बातचीत न करें।

» नशीली चीजों का प्रयोग थ्रेशर पर काम करते समय कभी भी न करें। इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती हैं।

» कार्य के समय और खलिहान के पास धूम्रपान कदापि न करें। इससे आग लगने की संभावना बनी रहती है।

» काम करते समय चुस्त पोशाक पहनें। काम के समय ढीली-ढाली पोशाक जैसे धोती, लुंगी कुर्ता, ढीली कमीज, आदि न पहनें।

» बालों को खुला छोडकर थ्रेशर पर कार्य न करें। खलिहान में उचित रोशनी का प्रबंध रखें। : Threshing Caution

» ट्रैक्टर के धुंआ निकलने वाले पाइप पर चिनगारी अवरोधक को अवश्य लगावें। थ्रेसर और ट्रैक्टर को ऐसा फिट करें कि हवा के झोंके से चिनगारी उड़कर आग लगने का खतरा न हो।

» यदि थ्रेशर चलने में भारी लगे, ट्रैक्टर/ इंजन अधिक लोड के कारण बंद होने लगे, बेल्ट बार-बार उतरने लगे तो थ्रेशर को बंद करके उसकी बेल्ट को उतार दें और थ्रेशर के सिलिंडर का ढक्कन खोलकर साफ कर लें और फिर से चलाएं। यदि पुनः ऐसा होता है तो फिर थ्रेशर बंद करके उसके कारण का पता लगाएं और खराबी दूर करने के बाद ही थ्रेशर को चलाएं।

» छोटे-मोटी चोट के उपचार के लिए प्राथमिक उपचार बॉक्स खलिहान में अवश्य साथ रखें। : Threshing Caution

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