दुग्ध उत्पादन में भैंस को टक्कर देने वाली गाय की टॉप 3 देशी नस्लों की जानकारी..

गाय की इन देशी नस्लों (Cow Breeds) से किसान बेहतर दूध उत्पादन कर सकते हैं, आईए देखते हैं पूरी जानकारी

Cow Breeds | देश में प्राचीन काल से ही खेती के साथ-साथ पशुपालन का प्रचलन रहा है किसान पशुपालन के माध्यम से दुग्ध उत्पादन करके अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं। पशुपालकों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें योजनाएं चला रही है।

सरकार ने पशुपालकों के लिए गोकुल योजना की शुरुआत की थी, जिसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी, जिसका उद्देश्य देशी गायों की नस्लों का संरक्षण और दूध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि करना है। इस योजना के पश्चात देसी गायों Cow Breedsको पालकर डेयरी फार्मिंग बढ़ा है।

देश में जिस तरह से दूध की मांग बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन की ओर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। दुग्ध उत्पादन के लिए किसान भैंस पालन को प्राथमिकता देते हैं।

किसानों का मानना है कि भैंस गाय की तुलना में ज़्यादा दूध देती है, लेकिन कुछ देसी एवं विदेशी गायों की नस्लें दुग्ध उत्पादन में भैंस Cow Breedsको भी टक्कर देती है। आईए देखते हैं, ऐसी देशी और विदेशी गाय की नस्लों की जानकारी..

देसी गायों की यह नस्लें अधिक दूध उत्पादन में सक्षम

साहीवाल नस्ल ; भारत की सबसे अधिक दूध देने वाली देशी नस्लों में से एक साहीवाल गाय की नस्ल है। यह प्रतिदिन औसतन 15 से 25 लीटर तक दूध दे सकती है। इसकी प्रमुखता पंजाब और राजस्थान के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह नस्ल अपने उच्च दूध उत्पादन और अनुकूल स्वभाव के कारण पशुपालकों के बीच काफी लोकप्रिय है। Cow Breeds

गिर नस्ल ; गुजरात के गिर जंगलों से संबंधित एक प्रमुख देशी नस्ल को गिर गाय की नस्ल कहा जाता है। इसकी पहचान इसके लंबे, पान के पत्ते जैसे कानों और ऊपर की ओर मुड़े हुए सींगों से की जा सकती है। यह नस्ल प्रतिदिन 10 से 20 लीटर तक दूध देती है और अपने उच्च गुणवत्ता युक्त दूध के लिए जानी जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।

हरियाणावी नस्ल ; हरियाणावी नस्ल की गाय एक बहुपयोगी नस्ल है जो न सिर्फ दूध देती है, बल्कि खेतों में काम करने के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है। यह प्रतिदिन 10 से 15 लीटर तक दूध दे सकती है। यह नस्ल अपने मज़बूत शरीर और श्रमशील स्वभाव के लिए किसानों की पहली पसंद बनी हुई है। Cow Breeds

विदेशी गाय की प्रमुख नस्लें

जर्सी गाय ; जर्सी गाय दुग्ध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यह नस्ल मूल रूप से ब्रिटेन के जर्सी द्वीप की है, लेकिन अब दुनिया के कई देशों में पाली जाती है, खासकर भारत में भी इसका पालन बड़े पैमाने पर होता है। इस गाय का रंग हल्का लाल, भूरा या गहरा भूरा होता है। यह गाय प्रतिदिन 15–25 लीटर दूध देती है। गर्मी सहन करने में सक्षम होने के कारण भारतीय मौसम में यह गाय ढल गई है। Cow Breeds

होल्स्टीन फ्रिज़ियन (HF) ; गाय कि यह नस्ल दुनिया की सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय मानी जाती है। यह नस्ल मूल रूप से नीदरलैंड (हॉलैंड) की है, लेकिन अब इसे अमेरिका, यूरोप, और भारत समेत कई देशों में पाला जा रहा है। गाय की यह नस्ल एक बार में 20 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है।

होल्स्टीन फ्रिज़ियन-क्रॉस गाय ; गाय कि यह नस्ल एक संकर (क्रॉसब्रीड) नस्ल है जो होल्स्टीन फ्रिज़ियन विदेशी नस्ल और भारतीय देशी गायों (जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर आदि) के मिलान से तैयार की जाती है। इस नस्ल का रंग काला-सफेद चित्तेदार (HF जैसा) होता है। गाय की यह नस्ल प्रतिदिन 15 से 30 लीटर दूध देती है। Cow Breeds

(नोट :– गाय की विदेशी नस्लों का पालन लाभदायक होता है, लेकिन इनकी देखभाल और रखरखाव की लागत अपेक्षाकृत अधिक होती है। हालांकि दूध उत्पादन से लाभ भी मिलता है डेयरी फार्मिंग के लिए यह सभी नस्लें अच्छी मानी जाती है।)

किसान साथी गाय की इन देशी एवं विदेशी नस्लों को अपनाकर कम लागत में ज़्यादा दूध उत्पादन और अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। सरकार की योजनाओं और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर पशुपालक न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि देश में दूध उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। Cow Breeds

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