रबी फसलों की बुवाई (Rabi Crops Sowing) के पहले किसानों को किन-किन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए आइए जानते हैं..
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Rabi Crops Sowing | अक्टूबर माह का अंतिम सप्ताह चल रहा है गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू हो चुका है। पश्चिम मध्य प्रदेश के जिलों में बुवाई गेहूं की बुवाई का कार्य भी शुरू हो चुका है। हालांकि खरीफ सीजन में धान की फसल लेने वाले किसान नवंबर के प्रथम सप्ताह से ही गेहूं की बुवाई कर पाएंगे। गेहूं चना एवं अन्य रबी फसलों की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए बुवाई (Rabi Crops Sowing) के पहले किसान साथियों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आईए जानते हैं..
एमपी में गेहूं की बुवाई (Rabi Crops Sowing) शुरू…
मध्य प्रदेश के ऊपरी हिस्से में गेहूं की बुवाई शुरू हो चुकी है। सही बीज का चयन करें, इससे उत्पादन 20 से 25 फीसदी तक बढ़ जाता है। गेहूं- जौ – चने का बीज 3 और मक्का – सरसों का 2 साल बाद बदल लें। एक ही किस्म बोते रहने से रोग प्रतिरोधक, अंकुरण क्षमता घटती है। किसान साथी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि अनुसंधान केंद्र, बीज निगम या अधिकृत बीज विक्रेता कंपनी से ही बीच खरीदें।
खेती में बीज की किस्म (Rabi Crops Sowing) और फसलें प्राय: संबंधित क्षेत्र के फसली मौसम, मिट्टी की उर्वरता, जलवायु आदि के अनुसार चयनित होती हैं। जलवायु परिवर्तन, वर्षा मॉडल बदलने, तापमान में घटत बढ़त जैसी परिस्थितियों के चलते यदि पर्यावरण बदलता है तो पुरानी किस्म उतनी अनुकूल नहीं रहती।
नई जलवायु के लिहाज से नई किस्म ज्यादा उपयोगी होती है यानी मिट्टी, खाद और मेहनत तब ही रंग लाएगी जब बीज सही हो । यदि बीज सही चुनेंगे तो उपज में 20 से लेकर 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव है। बार-बार पुराने या मिलावटी बीज बोने से उसकी आनुवंशिक शुद्धता कम होती है। : Rabi Crops Sowing
इसके लिए हर 3-4 साल में बीज बदलना चाहिए और प्रमाणित बीज ही बोना चाहिए। गेहूं, जौ और चना में अंकुरण क्षमता 85% से कम हो जाए तो बीज अनुपयोगी माना जाता है। इनका बीज 3 साल बाद और मक्का-सरसों का बीज 2 साल बाद बदल लेना चाहिए।
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बीज एक ही तरह का, तो ये 2 नुकसान | Rabi Crops Sowing
अनुवांशिक : बीज कमजोर होता, दाने का रंग- आकार बदल जाता है। गेहूं की किस्म पीबीडब्ल्यू – 343 में एचडी – 2967 मिल जाए तो पौधा खराब हो जाता है।
गुणवत्ता : बीज की कोशिकाओं में ऑक्सीकरण व एंजाइम क्रियाओं की कमी हो जाती है। भंडारण सही न हो तो कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और वसा कम हो जाती है। नमी व तापमान के प्रभाव से झिल्ली टूट लगती है। इलेक्ट्रोलाइट रिसाव बढ़ता है। अंकुरण कम और धीरे होता है, पौधे छोटे पतले निकलते हैं। : Rabi Crops Sowing
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किस फसल का बीज कितने समय में बदलें
स्वपरागी: गेहूं, जौ, चना का बीज हर 3-4 साल बाद।
परपरागी: मक्का, सरसों, सूरजमुखी का बीज हर 2-3 साल बाद।
संकर : हाइब्रिड मक्का, कपास, धान का बीज हर साल नया लें।
सिथेटिक: मक्का, ज्वार का बीज हर 3 साल बाद।
समिश्रित : बाजरा, ज्वार का बीज हर 2-3 साल बाद। : Rabi Crops Sowing
बीज में होने वाले रोग और फसलों पर असर
गेहूं करनाल बंट रोग में दाने काले, बदबूदार हो जाते हैं। रस्टरोग में पत्तियों, तनों व बालियों पर पीले / काले धब्बे बनते हैं। स्मटरोग में दाने नहीं बनते, काली धूल जैसे बीजाणु दिखते हैं।
यह किस्में बोए : राज 3077 किस्म समय पर या देर से बोने, हल्की से मध्यम लवणता / क्षारीय मिट्टी के लिए उपयुक्त। राज 3765 व राज 3777 किस्म ज्यादा तापमान और रोगों के प्रति सहनशील होती है। सामान्य व बहुत देर से बोने के लिए भी अच्छी। राज 4037, राज 4083, राज 4079 किस्म गर्म इलाकों के लिए अनुकूल। : Rabi Crops Sowing
कैसे पहचानें… बीज असली है या नकली
असली बीज सीलबंद होता है। पैकेट पर कंपनी के नाम सहित लोगो, बैच नंबर और रजिस्टर्ड एड्रेस अंकित होना चाहिए, जबकि नकली बीज अक्सर ढीले/खुले बोरे या नकली लोगो में बेचे जाते हैं। बीज अधिनियम के अनुसार किसी भी अधिसूचित किस्म या प्रजाति के बीज के थैले या पैकेट पर लेबल लगा होना जरूरी है। : Rabi Crops Sowing
टैग पर फसल और किस्म का नाम, अंकुरण प्रतिशत (प्राय: 85 प्रतिशत), शुद्धता (98 प्रतिशत), नमी (12.प्रतिशत), पैकिंग और वैधता तिथि लिखी होती है। टैग या सील टूटी हुई हो तो बीज पर भरोसा न करें। बीज खरीदते समय बिल जरूर लें। यदि बीज खराब निकले तो बीज निरीक्षक, उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। बीज नकली हो तो मामला भी दर्ज करा सकते हैं।
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