Soyabean varieties 2023 में सबसे ज्यादा डिमांड की जाने वाली सोयाबीन की प्रमुख किस्में कौन सी है, क्या ज्यादा सर्च किया जा रहा है, जानें..
Soyabean varieties | रबी सीजन के बाद अब खरीफ सीजन की तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। किसान साथी अच्छे उन्नत रोगप्रतिरोधी बीज की डिमांड कर रहे है। बीज के लिए किसान साथी बंपर उत्पादन देने वाले बीज ढूंढ रहे है।
ऐसे में किसान साथी को हम यहां चौपाल समाचार के इस लेख में बताने जा रहे है की, किसानों को कौन सी Soyabean varieties बोई जानी चाहिए। ऐसी कौन सी सोयाबीन की किस्में है जो गूगल (google) पर सबसे ज्यादा सर्च की जा रही है। सबसे ज्यादा डिमांड की जाने वाली सोयाबीन की किस्मों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..
1. सोयाबीन 9560 की जानकारी (soyabean Variety 9560 detail)
Soyabean varieties: सोयाबीन की इस 9560 किस्म की बुवाई का उचित समय 17 जून से 25 जून तक का होता हैं। इसकी बुवाई के लिए 40 किलों बीज दर की आवश्यकता होती है। वही इसकी पैदावार एक हेक्टेयर में करीब 25-28 क्विंटल तक ली जा सकता है। इस किस्म का दाना पीले रंग का होता है, मजबूत दाना होता है। इसके फूल बैंगनी रंग के होते हैं। इस किस्म से सोयाबीन की फसल 80-85 दिन में कटाई क लिए तैयार हो जाती हैं। अधिकतर किसानों के पास विकल्प नहीं रहने के कारण सोयाबीन 9560 की खेती करते है।
2. सोयाबीन किस्म 6124 की जानकारी (soyabean Variety 6124 detail)
इस Soyabean varieties की बुआई का उचित समय 15 जून से 30 जून तक का होता है। इसकी बुवाई के लिए 35 से 40 किलों बीज दर की आवश्यकता होती है। वही इसकी पैदावार 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ओसतन ली जा सकती है। इस किस्म की कालावधि 90 से 95 दिन तक की है। इस किस्म के फूल बैंगनी रंग के तथा पत्ते लम्बे होते हैं। उचित समय पर बुवाई करने पर अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है।
3. सोयाबीन की नई किस्म 2024 (soyabean Variety 2024 detail)
सोयाबीन Soyabean varieties की नई किस्म 2024 की बुवाई सामान्यतः जून के आखिरी सप्ताह एवं जुलाई के प्रथम सप्ताह तक कर सकते है। इसकी बुवाई के लिए लगभग 70 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता रहती है। इसके दाने का रंग पीला चमकदार, नाभि का रंग काला, अंकुरण क्षमता लगभग 80 से 85% पौधे का प्रकार सीधा मध्यम, ऊंची किस्म, फलिया चटकने की समस्या नहीं फुल आने की अवधि 32 से 36 दिवस फूलों का रंग सफेद एवं पकने की अवधि 91 से 94 दिनों की है। इस किस्म की खासियत यह है की यह पीला मोजेक रोग के प्रतिरोधी के अलावा 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देने की क्षमता।
👉 मध्यप्रदेश के लिए सोयाबीन की किस्में, जानें इनकी खासियतें एवं उपज क्षमता
4. सोयाबीन की नई किस्म MACS 1407 (soyabean Variety MACS 1407 detail)
सोयाबीन Soyabean varieties की MACS 1407 किस्म की बुवाई 20 जून से 5 जुलाई तक की जाती है। इसके पौधे में लगने वाले फूल का रंग सफेद होता है, वही बीज पीला तथा बीज की नाभि काले रंग की होती है। ‘ MACS 1407 ’ किस्म की बुवाई के 43 दिन बाद पौधे में फूल आते हैं, जबकि फसल पकने की अवधि कुल 104 दिन है एवं अधिकतम उत्पादन क्षमता 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है।
सोयाबीन की MACS 1407 किस्म की खासियत की बात करें तो यह किस्म बंपर पैदावार देने के साथ ही खतरनाक कीटों जैसे गर्डल बीटल, लीफ माइनर (leaf minor), लीफ रोलर (leaf roller), स्टेम फ्लाई (stem fly), एफिड्स (aphids) , व्हाइट फ्लाई (white fly) और डिफोलिएटर्स (defoliators) से बेअसर है।
5. सोयाबीन की किस्म जेएस 2034 (soyabean Variety 2034 detail)
Soyabean varieties इस किस्म की बुवाई जून के अन्तिम सप्ताह में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त है। इसके फसल का उत्पादन 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है। इसकी खासियत यह है की, पीला विषाणु रोग, चारकोल राट, पत्ती धब्बा, बेक्टेरिययल पशचूल पत्ती धब्बा एवं कीट प्रतिरोधी। कम वर्षा में उपयोगी। सोयाबीन की यह किस्म जे.एस. 95-60 के लगभग व जे.एस 93-05 से लगभग 8-10 दिन पूर्व पककर तैयार हो जाती है। इसकी उत्पादन क्षमता एवं गुण शीघ्र पकने वाली अन्य सोयाबीन किस्मों की तुलना में सर्वाधिक है।
👉 एमपी के लिए अनुशंसित सोयाबीन की यह नई किस्में, जलवायु परिवर्तन में भी देगी भरपूर पैदावार, जानिए
6. सोयाबीन 2098 की जानकारी (soyabean Variety 2098 detail)
सोयाबीन Soyabean varieties की यह नवीन किस्म जे.एस. 335 से पहले व सोयाबीन जे.एस. 9305 के लगभग पककर तैयार हो जायेगी। हल्की, सामान्य एवं भारी जमीनों में तथा सामान्य एवं विपरीत परिस्थितियों एवं मौसम में भी इस किस्म में अत्यधिक उत्पादन देने की अद्भुत क्षमता इस किस्म में देखी गई है। उत्तम अंकुरण क्षमता एवं पौधे में फैलाव के अनुकूल स्थितियां होने के कारण 75 किलो प्रति हेक्टेयर बीज दर रखने एवं 14 से 16 इंच कतार से कतार की दूरी रखने पर इस किस्म का आदर्श परिणाम प्राप्त होता है। शुरुआती 96-98 दिन एवं उपज क्षमता 25-28 क्विंटल/हेक्टेयर है।
7. सोयाबीन 1569 की जानकारी (soyabean Variety PS 1569 detail)
इस किस्म Soyabean varieties की बुवाई सामान्यतः जून – जुलाई में ही की जा जाती है। यह किस्म पानी के प्रति सहनशील वैरायटी होती है, जिससे किसान उनकी खेती कर प्रति बीघा 5 से 7 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते है। ये सोयाबीन की मध्यम अवधि में पककर तैयार होने वाली वेरायटी है जो मात्र 90 से 95 दिन के समय में तैयार हो जाती है। आप में से बहुत से किसान भी इस वैरायटी के बारे में नहीं जानते होंगे।
इस Soyabean varieties के पौधे की मध्यम उचाई होती है यानि की JS2034, JS 9560 सोयाबीन के मुकाबले इस वैरायटी की हाइट थोड़ी ज्यादा होती है। इस वैरायटी में रूहे दार फलियां आती है। नीचे से ऊपर तक रूहे दार फलियां आपको देखने को मिलती है। इस वैरायटी में कीट और रोगों का अटेक अन्य वैरायटी की तुलना में कम देखने को मिलता है। पीला मोजेक वायरस के बारे में बात करे तो उस रोग के प्रति भी ये मध्यम प्रतिरोधी वैरायटी है।
8. सोयाबीन जवाहर जेएस 2069 की जानकारी (soyabean Variety JS 2069 detail)
सोयाबीन Soyabean varieties की शीघ्र पकने के कारण यह द्विफसली प्रणाली के लिए अति उत्तम है। यह अर्ध सीधे बढ़ने वाली प्रजाति है, अतः अंतर्वती फसल प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है। इस किस्म के दाने चमकदार, 100 दानों का वजन 10 से 11 ग्राम, फूलों का रंग सफेद, फुल आने की अवधि 40 दिन, फलिया भूरे रंग की चटकने की समस्या नहीं। इस किस्मों में अधिक वर्षा व बीमारी के प्रति विशेष प्रतिरोधकता व उच्च उत्पादन क्षमता होने के कारण यह नवीन किस्म किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी।
9. सोयाबीन 1025 किस्म की जानकारी (soyabean Variety 1025 detail)
सोयाबीन की 1025 वैरायटी 9560 से अच्छी बताई जाती है। यह वैरायटी Soyabean varieties की बुवाई सामान्यतः जून के आखिरी पखवाड़े एवं जुलाई के पहले पखवाड़े में 9560 के जैसे ही की जाती है। यह किस्म मुख्यतः मध्य क्षेत्रों के लिए अनुसंशित की गई है। इसकी बुवाई के समय बीज दर 35 से 45 एवं फसल पकने की अच्छी 85 से 95 दिनों की है। साथ ही इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देखी गई है।
10. सोयाबीन केडीएस 726 किस्म (Soyabean varieties kds 726 detail)
कृषि वैज्ञानिकों ने केडीएस 726 फुले संगम को महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के लिए अनुशंसित की गई है। सोयाबीन केडीएस 726 किस्म में अधिक पानी की आवश्यकता लगती है। यह किस्म तांबरा रोग प्रतिरोधी Soyabean varieties के साथ 90 से 95 दिवस में पक कर तैयार हो जाती है। वही एमपी में यह 110 से 15 दिन की अवधि में पक कर तैयार हो जाएगी। वही बात करे इसके उत्पादन के तो यह किस्म की उत्पादन 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और फुले संगम केडीएस 726 की हाईटेक तरीके से खेती करने पर 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देखी गई है।
11. सोयाबीन आरवीएसएम 1135 किस्म (soyabean Variety kds 726 detail)
सोयाबीन Soyabean varieties की यह नवीनतम किस्म RVSM 1135 अधिक पैदावार, पीला मोजेक वायरस एवं चारकोल रॉट एवं जड़ सड़न के प्रति प्रतिरोधकता के आधार पर एक नई सोयाबीन किस्म आरवीएसएम 1135 के रूप में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात एवं बुंदेलखण्ड क्षेत्र के लिये अनुशंसा के रूप में चिन्हित किया गया है।
साथ ही इसमें शेटरींग की समस्या भी नही रहती है। गर्मी में भी 10-12 क्विंटल एकड उत्पादन देने वाली यह एक मात्र किस्म है। यह किस्म लगभग 94 से 96 दिवस की अवधि में औसत उत्पादन क्षमता लगभग 25-30 क्विं. हेक्ट. अधिकतम उत्पादन क्षमता व्यवहारिक एवं आदर्श परिस्थितियों में 30-35 क्विं. हेक्टे. है। एवं बता दे की, यह किस्म मंडी में 7000 से 8000 रूपए क्विंटल तक बिकती है।
👉 सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए यह 5 गलतियां भूल कर भी न करें, अच्छी पैदावार के लिए यह करें
👉 एमपी के लिए NRC की इन 3 वैरायटी को मिली मंजूरी, रोगप्रतिरोधक के साथ बंपर उत्पादन देने की क्षमता
Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.
👉 WhatsApp से जुड़े।