अब लाल नहीं बाजार में दिखेंगे काले टमाटर, किसान करेंगे लाखों की कमाई

Black Tomato Farming ; काले टमाटर किसानों को करेंगे मालामाल, जानें किस तरह होगा डबल मुनाफा..

Black Tomato Farming | ‘ टमाटर ‘ का नाम तो आपने सुना ही होगा। टमाटर एक ऐसी सब्जी है जो हर घरों में खाई जाती है। टमाटर में ऐसे कई खास गुण रहते है जो इसे बाकी सब्जियों से खास बनाते है। आमतौर पर टमाटर का इस्तेमाल चटनी में, चोखा में और तरह तरह के सूप में भू होता है। हालांकि अभी तक बाजारों में लाल टमाटर ही दिखाई देते थे। लेकिन अब किसान साथी काले टमाटर की खेती कर रहे है, जो बताया जा रहा है की काले टमाटर की खेती (Black Tomato Farming) किसानों को मालामाल कर देगी।

काले टमाटर में है कई औषधीय गुण

लाल Black Tomato Farming की तुलना में काले टमाटर को थोड़ा ज्यादा समय तक ताजा रख सकते हैं। वहीं इसमें औषधीय गुण भी लाल टमाटर के मुकाबले ज्यादा पाए जाते हैं। काला टमाटर बाहर से काला और अंदर से लाल होता है। अगर आप कच्चे टमाटर का सेवन करते हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह स्वाद में न ज्यादा खट्टा होता है न ज्यादा मीठा होता है, इसका स्वाद नमकीन जैसा होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वजन कम करने से लेकर, शुगर लेवल को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने में भी उपयोगी है।

भारत की मिट्टी काले टमाटर की खेती के लिए उपर्युक्त

ये Black Tomato Farming किसानों (farmers) की किस्मत में सफलता और समृद्धी के रंग भर देंगे। इनती डिमांड भारत (India) समेत अब पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ी है। देश में पिछले कुछ सालों में काले टमाटर की खेती का चलन बढ़ा है। काले टमाटर को इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से भी जाना जाता है। काले टमाटर को यूरोप के मार्केट में ‘सुपरफूड’ कहते हैं। भारत की जलवायु काले टमाटर की खेती के लिए भी उपयुक्त है। इसीलिए यह जान लीजिए कि काले टमाटर की खेती कैसे की जाती है।

कहां होगी काले टमाटर की खेती के लिए मिट्टी एवं जलवायु

Black Tomato Farming के लिए गर्म जलवायु सबसे ज्यादा मुफीद माना जाता है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पिएच लेवल 6 से 7 के बीच होना चाहिए। उत्तर भारत के कई इलाकों में काले टमाटर की खेती बड़े आराम से हो सकती है। कहा जाता है कि इस टमाटर में नॉर्मल टमाटर के मुकाबले ज्यादा विटामिन सी होता है और इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं।

काले टमाटर की बुवाई का समय

Black Tomato Farming की बुवाई करने के लिए जनवरी का महीना सबसे सही रहता है। जब आप इस समय काले टमाटर की बुआई करते हैं तो मार्च-अप्रैल तक आपको इसकी फसल मिलना शुरू हो जाती है। किसानों के लिए बड़ी बात ये है कि काले टमाटर की बाजार में कीमत लाल टमाटर से कहीं ज्यादा है और इसकी डिमांड भी आजकल खूब हो रही है। हालांकि, इसकी पैदावार लाल रंग के टमाटरों के मुकाबले थोड़ी देरी से शुरू होती है।

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Black Tomato Farming की शुरुआत

भारत में सबसे पहले काले टमाटर की खेती कहां हुई ऐसे देखा जाए तो ये फसल यूरोप की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रे ब्राउन ने जेनेटिक म्यूटेशन के जरिए काले टमाटर को तैयार किया था। इंग्लैंड में काले टमाटर की खेती सबसे पहले शुरू की गई, इसे यहां सुपर फूड कहा जाता है।

लेकिन अगर भारत की बात करें तो यहां काले टमाटर की खेती (Black Tomato Farming) सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई। यहां के किसान आज भी काले टमाटर की खेती करते हैं। इसके बीज पहले विदेश से मंगाए जाते थे, लेकिन जब से हिमाचल प्रदेश में इसकी खेती शुरू हुई, काले टमाटर के बीज भारतीय बाजार में भी बड़े आराम से मिल जाते हैं।

Black Tomato Farming में लागत और मुनाफा

अगर काले टमाटर की खेती में लागत की बात करें, तो एक एकड़ काले टमाटर की खेती करने में लगभग एक लाख रुपये का खर्च आता है। वहीं, उपज मिट्टी व बुवाई के समय पर निर्भर करता है। आमतौर पर एक एकड़ भूमि में लगभग 200 क्विंटल काले टमाटर का उत्पादन होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजार में यह लगभग 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है।

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