सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं ? विशेषज्ञों से जानिए सोयाबीन भाव की फुल रिपोर्ट Soybean price report .
Soybean price report ; खरीफ फसलों की बोवनी में सबसे अधिक सोयाबीन की बोवनी होती है बहुत जल्द सोयाबीन की बोवनी शुरू होने वाली है। इसके पूर्व मंडियों में सोयाबीन की आवक बढ़ गई है सोयाबीन की बोवनी के समय मंडियों में सोयाबीन की आवक बढ़ गई है। किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी इस समय पुराना स्टाक निकल रहे हैं।
हालांकि किसानों एवं व्यापारियों दोनों को इस साल सोयाबीन के भाव ने निराश किया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन की डिमांड कम होने के कारण एवं सोयाबीन के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध होने के कारण अभी तक सोयाबीन के मन मुताबिक Soybean price report नहीं मिल पाए हैं। चौपाल समाचार के इस लेख में हम जानेंगे कि आने वाले सीजन के दौरान सोयाबीन के भाव किस प्रकार रहने वाले हैं एवं क्या सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं ? सब कुछ जानने के पहले सोयाबीन के भाव पर जिन बातों का सबसे ज्यादा असर पड़ता है उन्हें जानिए ..
पैदावार कम / ज्यादा होने से Soybean price report पर पड़ता है असर
विश्व में अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देशों में भी बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती होती है। कुल सोयाबीन उत्पादन में इन तीनों देशों का वर्चस्व है और ये पूरे विश्व में 80 प्रतिशत सोयाबीन की आपूर्ति करते हैं।
वहीं भारत में करीब 120 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन होता है। मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में पहले नंबर पर है। एमपी के बाद महाराष्ट्र राजस्थान एवं यूपी में बहुतायत से सोयाबीन की खेती होती है। पिछले साल मध्य प्रदेश में 41.8 लाख टन और महाराष्ट्र में 45.44 लाख टन सोयाबीन Soybean price report का उत्पादन हुआ था।
वैश्विक स्तर से लेकर स्थानीय स्तर पर सोयाबीन की पैदावार का सीधा सीधा असर सोयाबीन के भाव पर पड़ता है। सोयाबीन की पैदावार अधिक होने पर भाव कम मिलते हैं वही सोयाबीन की पैदावार कम होने पर भाव में बढ़ोतरी होती है मांग एवं आपूर्ति के कारण सोयाबीन के भाव निर्धारित होते हैं।
पाम तेल का सस्ता या महंगा होना
Soybean price report पर सबसे ज्यादा असर यदि किसी का पड़ता है तो वह है पाम तेल। पाम तेल यानी कि वनस्पति तेल। पाम तेल का सबसे ज्यादा उत्पादन इंडोनेशिया में होता है। वहां पर अधिक पैदावार होने के कारण एवं आयात / निर्यात होने के कारण भारत में पाम तेल की उपलब्धता सहायता से होती है जिसके कारण सोया तेल की मांग घट जाती है। जिसके कारण सोयाबीन के भाव में गिरावट होती है।
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आयात सस्ता होने से सोयाबीन के भाव घटे – Soybean price report
भारत में क्रूड संवर्ग के खाद्य तेलों पर 5.8 प्रतिशत एवं रिफाइंड खाद्य तेलों पर 12.5 प्रतिशत का आयात शुल्क लगता है। केंद्र सरकार प्रत्येक पखवाड़े कुछ महत्वपूर्ण खाद्य तेलों के लिए शुल्क आधारित बुनियादी आयात शुल्क (आधार आयात मूल्य या टैरिफ वैल्यू) का निर्धारण करती है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन खाद्य तेलों के दाम में होने वाले बदलाव के अनुरूप होता है। इसी टैरिफ वैल्यू के आधार पर सीमा शुल्क की वसूली की जाती है।
जिन खास तेलों के लिए टैरिफ वैल्यू का निर्धारण होता है, उसमें क्रूड पाम तेल (सीपीओ), आरबीडी पाम तेल, अन्य श्रेणी के पाम तेल, क्रूड पामोलीन, रिफाइंड पामोलीन, अन्य श्रेणी के पामोलीन तथा क्रूड डिगम्ड सोयाबीन तेल शामिल हैं।
सरकार ने टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) प्रणाली के तहत होने वाले खाद्य तेलों (सोयाबीन तेल) के आयात Soybean price report पर सीमा शुल्क को 30 जून 2023 तक पूरी तरह माफ कर दिया है। इससे खाद्य तेलों का आयात और भी सस्ता हो गया है जिससे भारतीय बाजारों में खाद्य तेलों के दामों में गिरावट का वातावरण बना हुआ है।
सोया तेल में मांग सुस्त, भाव ओर घटने की आशंका
Soybean price report; सोया तेल में मांग सुस्त है। सनफ्लावर की मिलगत अधिक सुगम हो जाने के बाद सोया तेल की मांग और अधिक घट सकती है। आगे- पीछे सनफ्लावर की आपूर्ति सुगम होना तय है। सोया तेल का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नजर नहीं आ रहा है। सोयाबीन की एमएसपी 4300 रुपए बढ़ाकर 4600 रुपए कर दी है, किंतु किसानों के लिए यह दर तभी सार्थक सिद्ध होगी, जब सरकारी खरीद हो। अभी तक सरकारी खरीदी नहीं हुई है। केवल मूंगफली एवं सरसों की अल्प मात्रा में की जाती है। सरसों का रकबा अगले माह घट जाए तब भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सरसों की एमएसपी 5450 रुपए है, जबकि अनेक मंडियों में इससे काफी नीचे भाव पर बिक रही है।
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खाद्य तेल बाजार में घबराहट का वातावरण, ग्राहकी ठप
Soybean price report’ खाद्य तेलों के भावों में लगातार मंदी की वजह से बाजारों में घबराहट बढ़ गई है। पिछले दिनों थोड़ी-बहुत ग्राहकी चल रही थी, वह भी ठंडी पड़ गई है। इसी बीच विदेशी बाजार भी अब साथ नहीं दे रहे हैं। पिछले दिनों अल्प समय के लिए तेजी आई थी।पाम तेल के भाव वर्तमान में काफी ऊंचे है। उसमें आज नहीं तो कल फिर से गिरावट आना ही है। संभव है पाम तेल की मंदी के बाद ग्राहकी निकले।
जानकार क्षेत्रों के अनुसार सरकार ने टीआरक्यू के अंतर्गत शेष बचे कोटे की इजाजत देकर बाजार को मंदी की और धकेलने में अहम भूमिका निभाई है। आयातकों ने बचे हुए सौदे लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। आयातित एवं घरेलू आपूर्ति बढ़ने एवं मांग कमजोर रहने से भावों में मंदी का वातारण बनता जा रहा है।
क्या अलनीनो कि चिंता से खाद्य / सोया तेल के भाव बढ़ेंगे?
Soybean price report एशियाई तेल उत्पादक देशों में आने वाले सीजन में अलनीनो के प्रभाव से सोया तेल का उत्पादन घटने की आशंका है। एशियाई देशों में अलनीनो के शुरुआती संकेतों से खाद्य तेल बाजार में हल्की सी तेजी आई है यह स्थाई रूप नहीं ले पाई। संभावना यह है कि अलनीनो का प्रभाव शुरुआती दिनों में पाम के फलों के लिए फायदेमंद भी रहेगा। पाम के फल जल्दी पक जाएंगे, जिसके कारण इसे तोड़कर क्रशिंग करना होगा। फलों की अगेती कटाई और पेराई से जून में भी पाम तेल का उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
व्यापारी धारणा सोया तेल में लंबी तेजी Soybean price report नहीं है। विश्व स्तर पर सोयाबीन की रिपोर्ट पैदावार से सीबोट सोयाबीन और सोया तेल में बड़ी पैनिक की स्थिति बनी हुई है। ब्राजील की अभी तक कि सबसे बड़ी क्राप ने सभी गणित बेकार कर दिए हैं। पिछले पांच महीने में सोयाबीन वायदा हर महीने पिछले महीने के लो को तोड़ रहा है। सोया तेल भी हर महीने नया लो बना रहा है।
वर्तमान वर्ष में क्यों नहीं बड़े सोयाबीन के भाव जानिए
वैश्विक स्तर पर भी सोयाबीन Soybean price report का उत्पादन एवं क्रशिंग बढ़ने से सोया तेल दबाव में आ गया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पाम तेल के उत्पादन में वृद्धि एवं सोयाबीन का वैश्विक उत्पादन अनुमान बढ़कर आने से भी मंदी आ रही है।
सामान्यतः यूएसडीए की रिपोर्ट का प्रभाव 24 घंटे में उतर जाया करता है, किंतु इस बार की रिपोर्ट ने तेल बाजार को हिलाकर रख दिया है। अभी तक अधिक उत्पादन से कारोबारी प्रभावित नजर आ रहे हैं। इसके अलावा पाम तेल की खपत में गिरावट आना तय है। इन भावों Soybean price reportपर कई देश खरीदी से हाथ खींचने लगेंगे। अर्जेंटीना में फसल को लेकर अनुमान बदलने लगे हैं। अर्जेंटीना में सोयाबीन में बड़ी गिरावट का अनुमान लगाया जाने लगा है।
सोयाबीन, पाम व अन्य खाद्य तेलों के दामों में अच्छी खासी नरमी आ चुकी है, जबकि मूंगफली तेल के दाम लगातार ऊंचे चल रहे हैं। इससे अब मूंगफली तेल की मांग घटने लगी है। उपभोक्ताओं की बेरुखी का असर दिखने लगा है। गुजरात के ज्यादातर प्लांटों से माल नहीं उठने के कारण प्लांटों में भरावा बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पा रहे हैं।
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क्या सोयाबीन के भाव ओर घटेंगे जानिए विशेषज्ञों से – Soybean price report
अमेरिकी के कुछ हिस्सों में शुष्क मौसम के पूर्वानुमान से वर्तमान में वैश्विक तेल-तिलहन बाजार में तेजी का वातावरण बना हुआ है। वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच भारतीय बाजारों में भी नीचे दामों पर लेवाली बढ़ने लगी है। हालांकि इसके बावजूद Soybean price report में तेजी आने की संभावना कम ही बनती नजर आ रही है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार ने फ्री आयात शुल्क की समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी है। मतलब भाव और गिरेगा।
भारत में खाद्य तेलों का आयात 22.29 प्रतिशत उछल गया है। तेल वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों के आयात के आधार पर साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने यह दावा किया है। इस अवधि में पाम तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। देश में नवंबर से अप्रैल के बीच कुल 80.02 लाख टन खाद्य तेल आयात हुआ। बीते वर्ष इसी अवधि में आयात का आंकड़ा 65.43 लाख टन था।
पाम और सूरजमुखी तेल का आयात तो बढ़ा है लेकिन सोया तेल का आयात घटा है। इस वर्ष सोया Soybean price report तेल का आयात 17.25 लाख टन है। बीते वर्ष इस अवधि में सोया तेल के आयात का आंकड़ा 22.06 लाख टन था।यानी सोया तेल का आयात 21.80 प्रतिशत घटा है। अमेरिकी में सोयाबीन के रिकार्ड उत्पादन अनुमान के चलते सीबीओटी सोयाबीन निचले स्तर पर बंद हुआ। यूएसडीए ने 2023-24 में विश्व सोयाबीन उत्पादन 410.59 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया है।
मंडियों में सोयाबीन की आवक कम हुई लेकिन भाव नहीं बढ़े
Soybean price report सोयाबीन की आवक में भारी कमी के बावजूद प्लांटों की सोयाबीन में लेवाली बेहद कमजोर बनी हुई है जिससे सोयाबीन के दामों में 50-75 रुपये प्रति क्विंटल की मंदी दर्ज की गई। दरअसल, विदेशों से बढ़ते तेल आयात की वजह से प्लांटों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। देशभर में सोयाबीन की कुल आवक 90 हजार बोरी की रही जिसमें से मध्यप्रदेश में मात्र 35 हजार बोरी की दर्ज की गई।
यूएसडीए के अनुसार, 2023-24 में अमेरिकी सोयाबीन का उत्पादन 5 फीसद बढ़कर 122.74 मिलियन टन होने का अनुमान है। सोया तेल के अधिक उत्पादन के पूर्वानुमान के चलते सीबोट सोया तेल लगभग 3 रुपये प्रति किलो गिर गया। इधर, घरेलू बाजारों में भी ऊंचे दामों पर ग्राहकी का सपोर्ट नहीं मिलने से सोया तेल में पुन: आंशिक गिरावट देखने को मिली है।
देशी खाद्य तेल बाजारों से आ रही रिपोर्ट Soybean price report आने वाले दिनों में खाद्य तेलों के दामों में ओर भी गिरावट का संकेत दे रही है। सोयाबीन और सरसों तेल के दाम दो वर्षों में सबसे निचले स्तर पर हैं।
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अल नीनो के प्रभाव से पाम तेल की कीमतें बढ़ेंगी
Soybean price report वर्ष 2023 की दूसरी छह माही में पाम तेल की कीमतों में तेजी की गुंजाइश है, जब तक गहरी वैश्विक मंदी और ऊर्जा की कीमतों में गिरावट नहीं आती। अल नीनो की घटना के परिणाम स्वरूप गर्म, शुष्क मौसम से मुख्य उत्पादक इंडोनेशिया और मलेशिया में उत्पादन में गिरावट आएंगी और खाद्य तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर वृद्धि होगी।
गोदरेज इंटरनेशनल के डायरेक्टर दोराब मिस्त्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच कालासागर निर्यात गलियारा एक और बड़ा कारक है। अगर ब्लेक सी एक्सपोर्ट कॉरिडोर खुला रहता है तब पाम तेल का वायदा 3400 से 4000 रिंगिट Soybean price report के बीच घूमता रहेगा। वर्ष 2023 में इंडोनेशिया में पाम तेल के उत्पादन में 15 लाख टन की वृद्धि हो सकती है। मलेशिया में उत्पादन अनुमान 18.5 मिलियन टन आंका गया है, जबकि पिछले वर्ष 18.45 मिलियन टन से बमुश्किल से बदला गया था।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सोयाबीन की बोवनी 35 प्रतिशत पूरी हो गई है और मौसम भी अच्छा है। इससे बोवनी शीघ्र पूरी होने के आसार नजर आ रहे हैं। दूसरी और ब्राजील में 95.4 प्रतिशत फसलों की कटाई शुरू हो गई है। इससे वायदा वालों में घबराहट फैल गई। ब्राजील से मई माह में 153 लाख टन सोयाबीन निर्यात होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 102 लाख टन का निर्यात हुआ था।
लॉ नीनो से अमेरिका में सोया फसल Soybean price report को भरपूर फायदा हो रहा है। इससे अगले सीजन में सोयाबीन की आपूर्ति अधिक मात्रा में हो सकती है। आगामी फसल का खली वायदे में बड़ी मात्रा में गिरावट आ सकती है। अमेरिका के मिडवेस्ट में सोयाबीन बोवनी के आंकड़े अच्छे आ रहे है। सोयाबीन का साप्ताहिक निर्यात 1.5 से 7 लाख टन के अंदर रहने की संभावना रखी जाने लगी है। दूसरी और अर्जेंटीना के रोसारियो ग्रेन एक्सचेंज ने सोयाबीन उत्पादन का संशोधन अनुमान 215 लाख टन का लगाया है।
अमेरिकी कृषि विभाग ने सोयाबीन एवं मक्का के पैदावार की रिपोर्ट दी है। इससे में सोयाबीन और मक्का दोनों फसलों की रिकार्ड फसल का पूर्वानुमान है। ज्यादा फसल आने के कारण आने वाले वर्ष में अमेरिकी मक्का और सोयाबीन की आपूर्ति में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। 2023-24 विपणन वर्ष के लिए सोयाबीन का अंतिम स्टाक 215 मिलियन से बढ़कर 335 मिलियन बुशल होने का अनुमान लगाया गया है।
वैश्विक बाजार में बड़ी तेजी की गुंजाइश नहीं
Soybean price report; विदेशी बाजार कुछ तेज होने से मंदी पर ब्रेक लग रहा है। व्यापारियों को लगातार नुकसान लगने से अब रेडी-रेडी का कारोबार करने लगे हैं। वैश्विक बाजार में बड़ी तेजी की गुंजाईश नहीं लग रही है। घरेलू बाजार में सरकार ने आयात शुल्क नहीं बढ़ाने की सूचना देकर ठंडा कर दिया है। पाम तेल वाले बायोडीजल को लेकर मंदी को रोक रखा है, किंतु बायोडीजल कब तक साथ देगा, यह कहना कठिन है।
अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन उत्पादन में वृद्धि की रिपोर्ट के साथ सोया तेल की आपूर्ति बढ़ने की संभावना से मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में दबाव बढ़ने की संभावना रखी जाने लगी है।
व्यापारियों का कहना है कि खाद्य तेल Soybean price report की तेजी आगे कुछ दिनों तक जारी रह सकती है लेकिन अभी फंडामेटल का सपोर्ट नहीं है। हालांकि टेक्निकल चार्ट पर सीबीओटी सोया तेल और केएलसी में सुधार दिख रहा है। लेकिन अंत में यह कहा जा सकता है कि फिलहाल सोयाबीन के भाव में यही स्थिति रहेगी।
प्लांटों में सोयाबीन के ताजा भाव
Soybean price report: अवी एग्री उज्जैन 5100, बंसल मंडीदीप 5200, बैतूल आइल 5250, कोरोनेशन 5175-5275, धानुका 5225-5330, धीरेंद्र 5215, दिव्य ज्योति 5200, हरिओम रिफाइनरी 5200, केएन एग्री 5150, लाभांशी 5175, आइडिया लक्ष्मी 5100, खंडवा 5150, एमएस साल्वेक्स 5200, नीमच प्रोटीन 5225, पतंजलि फूड 5125, प्रकाश 5200, रामा 5100, सांवरिया 5150, श्री महेश 5100, सालासर हरदा 5200 रुपये प्रति क्विंटल।
Soybean price report – एमपी के प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के भाव (रूपए प्रति क्विंटल में)
- इंदौर – 1850 से 5150
- नीमच – 3400 से 5180
- मंदसौर – 4200 से 5105
- उज्जैन – 3100 से 6900
- बेतुल – 4200 से 48801
- धामनोद – 4625 से 5000
- धार – 3362 से 5240
- खरगोन – 4596 से 5100
- खंडवा – 4251 से 5046
- टिमरनी – 4200 से 4981
- बदनावर – 3500 से 5225
- बडनगर – 4610 से 7000
- शाजापुर – 4000 से 5230
- आष्टा – 3000 से 7852
- छिंदवाडा – 4150 से 4891
- सीहोर – 3916 से 5800
- सागर – 4300 से 5200
- ब्यावरा – 4400 से 5050
- भीकनगांव – 4611 से 4970
- राजगढ़ – 3900 से 5139
- लटेरी – 3700 से 5050
- सनावद – 4675 से 4955
- खातेगांव – 3400 से 5080
- कालापीपल – 2550 से 5120
- सिरोंज – 4270 से 5020
- खुजनेर – 4700 से 5020 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
(नोट:- दिए Soybean price report भाव 23 जून के है।)
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