Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati : महाराष्ट्र के एक किसान को टमाटर की खेती ने एक माह में करोड़पति बनाया।
Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati : खेती किसानी से अच्छी आय अर्जित की जा सकती है। अभी टमाटर की बढ़ती महंगाई के बीच महाराष्ट्र के एक किसान टमाटर की खेती से करोड़पति बन गया है। किसान ने एक महीने में 13 हजार केरट बेचकर 1.5 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। देश भर में टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच महाराष्ट्र के पुणे जिला में टमाटर की खेती करने वाले एक किसान को खजाना मिल गया है। तुकाराम भागोजी गायकर और उनके परिवार ने एक महीने में 13,000 टमाटर की क्रेट बेचकर 1.5 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati की है।
करोड़पति किसान के बारे में जानिए
तुकाराम के पास 18 एकड़ कृषि भूमि है और 12 एकड़ भूमि पर वह अपने बेटे ईश्वर गायकर और बहू सोनाली की मदद से टमाटर की खेती Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati करते हैं। परिवार ने कहा कि वे अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर उगाते हैं। उर्वरकों और कीटनाशकों के बारे में उनका ज्ञान उन्हें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि उनकी फसल कीटों से सुरक्षित है।
1 दिन में 18 लाख की इनकम हुई
किसान ने टमाटर की एक केरट 2100 रुपए में बेची Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati किसान ने एक ही दिन में 21 सो रुपए के मान से 900 कैरेट टमाटर बेचे। जिससे एक ही दिन में लगभग 18 लाख 90 हजार रुपए की कमाई हुई। पिछले महीने उन्होंने 1,000 से 2,400 रुपए प्रति केरट की कीमत पर टमाटर की बिक्री की।
बता दें कि पुणे जिले के एक शहर जुन्नार में कई किसान टमाटर उगा रहे हैं। अधिकांश उनमें से करोड़पति बन गए हैं। वहां की बजार समिति ने टमाटर बेचकर एक महीने में 80 करोड़ रुपए का कारोबार किया है। इससे क्षेत्र की 100 से अधिक महिलाओं को रोजगार भी मिला है।
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किसानों ने की कड़ी मेहनत भाव बढ़ने से मिला अच्छा परिणाम
Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati किसान तुकाराम की बहू सोनाली रोपण कटाई और पैकेजिंग जैसे कार्यों को संभालती हैं। उनका बेटा ईश्वर बिक्री, प्रबंधन और वित्तीय योजना का काम संभालता है। पिछले तीन महीनों की कड़ी मेहनत का अच्छा फल मिला है। उन्हें बाजार की अनुकूल परिस्थितियों का अनुभव हुआ है। नारायणगंज स्थित झुन्नू कृषि उत्पादन बाजार समिति की मंडी में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर की क्रेट की अधिकतम कीमत 2,500 रुपए रही।
किसान के पास 12 एकड़ जमीन है
तुकाराम भागोजी के पास 18 एकड़ जमीन है। अपने बेटे और बहू की मदद से तुकाराम 12 एकड़ जमीन में टमाटर Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati उगाते हैं। परिवार का कहना है कि वे अच्छी क्वालिटी के टमाटर उगाते हैं। उन्हें उर्वरकों और कीटनाशकों के बारे में भी अच्छी जानकारी है। यही वजह है कि उनकी फसल अच्छी होती है।
ऐसे बना किसान करोड़पति
किसान तुकाराम भागोजी गायकर को इस साल टमाटर की फसल की लॉटरी लगी है। हाल ही में 11 जुलाई 2023 को टमाटर की केरट का मूल्य 2100 रुपये (20 किलो केरट) मिला। गायकर ने कुल 900 टमाटर की केरट बेचीं। उनको एक ही दिन में 18 लाख रुपये मिले। पिछले दिनों में उन्हें ग्रेड के आधार पर प्रति केरट 1000 रुपये से 2400 रुपये तक की कीमत मिली है। इसकी वजह वह करोड़पति Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati बन गए हैं।
हालांकि गायकर की तरह तालुक में 10 से 12 किसान हैं जो कि टमाटर की वजह से करोड़पति बन गए हैं। जबकि एक माह में बाजार समिति का टर्नओवर 80 करोड़ रुपये तक रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार टमाटर के टोकरे (20 किलोग्राम ग्राम) के लिए ऊंची कीमत 2500 रुपये यानी 125 रुपये प्रति किलोग्राम मिली है। इससे कई टमाटर उत्पादक लखपति और करोड़पति Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati बन गए हैं।
आप भी जानिए टमाटर की उन्नत खेती के बारे में…
टमाटर Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati एक ऐसी सब्जी है जो गर्म जलवायु में ही उगाई जाती है परंतु इसकी खेती ज्यादातर ठंडे मौसम में की जाती है। इसके सफल उत्पादन हेतु इसका तापमान 21 से 23 डिग्री अनुकूल माना गया है। लेकिन अगर हम बात करें, इसके व्यापारिक स्तर कि तो उसके लिए इसका सफल उत्पादन 18 से 27 डिग्री तापमान तक होता है।
टमाटर Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati एक ऐसी सब्जी है जो गर्म जलवायु में ही उगाई जाती है परंतु इसकी खेती ज्यादातर ठंडे मौसम में की जाती है। इसके सफल उत्पादन हेतु इसका तापमान 21 से 23 डिग्री अनुकूल माना गया है। लेकिन अगर हम बात करें, इसके व्यापारिक स्तर कि तो उसके लिए इसका सफल उत्पादन 18 से 27 डिग्री तापमान तक होता है।
टमाटर की फसल के लिए भूमि का चयन
Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati इसे अलग-अलग प्रकार की मृदाओं (मिट्टियों) में उगा सकते है। इसके लिए रेतीली दोमट से चिकनी काली कपासीय मृदा और लाल मृदा उचित मात्रा में जल निकास वाली होनी चाहिए। हालांकि, रेतीली दोमट मृदा (मिट्टी ) में जैविक पदार्थ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते है. जिस वजह से यह इस फसल की पैदावार के लिए अच्छी मानी जाती है।
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टमाटर की उन्नत किस्में
अगर हम टमाटर Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati की उन्नत किस्मों की बात करें तो इसमें कई किस्में आती है. जैसे – अर्का सौरभ, अर्का विकास, ए आर टी एच 3, ए आर टी एच 4, अविनाश 2, बी एस एस 90, को. 3, एच एस 101, एच एम 102, एच एस 110, सिलेक्शन 12, हिसार अनमोल (एच 24 ),
हिसार अनमोल (एच 24 ) हिसार अरुण (सिलेक्शन 7 ), हिसार लालिमा (सिलेक्शन 7 ), हिसार लालिमा (सिलेक्शन 18 ), हिसार ललित (एन टी 8 ) कृष्णा, के एस 2, मतरी, एम.टी एच 6 ), एन ए 601, नवीन, पूसा 120, पंजाब छुहारा (ई सी 55055 X पंजाब ट्रोपिक), पंत बहार, पूसा दिव्या, पूसा गौरव, पूसा संकर 1, पूसा संकर 2, पूसा संकर 4, पूसा रुबी, पूसा शीतल, पूसा उपहार, रजनी, रश्मी, रत्न, रोमा और रुपाली आदि।
टमाटर की बुवाई
Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati हमारे देश में उत्तरी मैदानों में शरद एवं बसंत ऋतू में आमतौर पर दो फसलें ली जाती है। अगर हम बात करें, दक्षिणी भारत की तो वहां तीन फसलें ली जाती है. जिनकी बुवाई जून – जुलाई, अक्टूबर – नवंबर और जनवरी – फरवरी में होती है. जबकि पंजाब में केवल बसंत से ग्रीष्म ऋतु मौसम की फसल ली जाती है। क्योंकि शरद ऋतू में लीफ कर्ल मोजैक ज्यादा मात्रा में लगता है।
टमाटर की फसल के लिए खाद एवं उर्वरक
टमाटर की फसल Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati की ज्यादा पैदावार के लिए इसकी फसल में 100 किलो नाइट्रोजन के साथ 60 किलो स्फूर एवं 60 किलो पोटाश की जरूरत प्रति हेक्टेयर के हिसाब से होती है। इसके साथ ही संकर जातियों के लिए 213 किलों नाइट्रोजन, 240 किलो स्फूर एवं 250 किलो पोटाश की जरूरत प्रति हेक्टेयर होती है।
इस फसल को खाद देते समय ध्यान रहें कि रोपाई के समय नाइट्रोजन देने के लिए यूरिया की जगह आप दूसरी मिश्रित खाद या अमोनियम सल्फेट का प्रयोग कर सकते है या फिर टाप ड्रेसिंग हेतु भी यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं।
खरपतवार नियंत्रण
टमाटर की खेती Tamatar Ki Kheti Se Bana Karodpati करते समय इसकी फसल के साथ कई तरह के खरपतवार उग जाते है। जो फसल को काफी हानि पहुंचते है। आज कल फसलों में खरपतवार की समस्या इतनी तेजी से बढ़ रही हैं कि कई खेत में फसल की जगह खरपतवार ही दिखाई देता है. इसलिए समय – समय पर निराई कर खेत को अच्छे से साफ रखें।
टमाटर की फसल के लिए कीटनाशक का प्रयोग
- – फ्लूक्लोरेलिन 1 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से
- – मेरिटेंजिन (सेन्फोर) 0.25 – 0.50 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिए।
- – एलैक्लोर (लासों) 2.0 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिए।
(Note- यह जानकारी कृषि विशेषज्ञों एवं अलग-अलग स्त्रोतों से जुटाई गई है। किसान बंधु स्व विवेक से फसलों एवं fertilizer का चयन करें।)
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