FPO Yojana 2023 योजना बनाने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री का आभार माना। पूरी योजना की डिटेल जानें…
FPO Yojana 2023 | किसानों की से बढ़ाने एवं खेती को बड़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा नई नई योजनाएं चलाई जा रही है। मध्यप्रदेश के लाखों किसानों के लिए अच्छी खबर है। एमपी सरकार ने किसानों के लिए नई योजना बनाई है, इस योजना का नाम है “कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन योजना”।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को 2025 तक 50 करोड़ रुपए देने का प्रावधान है। FPO Yojana 2023 योजना की शुरुआत करने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है। यह योजना कैसे काम करेगी? इस योजना का उद्देश्य क्या है एवं अन्य डिटेल जानने के लिए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..
कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन योजना की जानकारी
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए “कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन योजना” FPO Yojana 2023 की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में न्यूनतम 2 कृषक उत्पादक संगठन के गठन को प्रोत्साहित करने के लिये नवीन योजना बनाई गई है। योजना का संचालन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा।
इस योजना का लाभ कैसे मिल सकेगा, जानें
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि प्रदेश में प्रत्येक विकासखण्ड में न्यूनतम 2 कृषक उत्पादक संगठन के गठन को प्रोत्साहित करने के लिये नवीन योजना FPO Yojana 2023 बनाई गई है। योजना का संचालन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा। योजना में गठित होने वाले एफपीओ को हेण्ड होल्डिंग प्रदान की जायेगी। इससे एफपीओ के सदस्यों को गुणवत्तापूर्ण आदान एवं उन्नत कृषि यंत्र के साथ ही पोस्ट हॉर्वेस्ट तकनीक के उपयोग में सहायता मिलेगी।
प्रति एफपीओ अधिकतम 18 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। योजना में 3 वर्षों के लिये प्रति एफपीओ अधिकतम 18 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। एफपीओ को इक्विटी अनुदान के रूप में प्रति किसान 2 हजार रुपये अधिकतम 15 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे।
कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। मंत्री श्री पटेल ने बताया है कि एफपीओ FPO Yojana 2023 को बाजार से जोड़ा जायेगा। कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को अपना स्वयं का संगठन मिलेगा इससे उन्हें कृषि यंत्र एवं उन्नत कृषि बीज आसानी से मिल सकेगा वहीं कृषि उपज बेचने के दौरान भी कृषि उपज का भाव अच्छा मिलेगा।
2025 तक 50 करोड़ की राशि का प्रावधान
कृषि मंत्री ने बताया कि FPO Yojana 2023 वर्ष 2025 तक संचालित होने वाली इस योजना में कुल 50 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें वर्ष 2023-24 के लिये 20 करोड़ 99 लाख एवं वर्ष 2024-25 के लिये 29 करोड़ एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
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कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री का आभार माना
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश के किसानों की ओर से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को समृद्ध करने के लिये बनाई गई नई “कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन योजना” FPO Yojana 2023 बहुत लाभदायक साबित होगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
जानिए एफपीओ के बारे में सब कुछ
दरअसल, छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने कृषि उपज की ब्रांडिंग और तैयारी से लेकर खेतीबारी, बागबानी, पशुपालन मछली पालन फूड प्रोसेसिंग जैसे तमाम कामों में फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन यानी एफपीओ FPO Yojana 2023 की भूमिका बढ़ती जा रही है, किसान एक कंपनी के रूप में एक एफपीओ का गठन कर अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। एफपीओ किसानों को न केवल कृषि उपज का मूल्य खुद ही तय करने का अवसर देता है, बल्कि छोटी जोत वाले किसान को दलालों, बिजोलियों और मंडियों के भंवरजाल से छूटकारा दिलाने में भी काफी मददगार साबित हो रहा है।
कृषि उत्पादन संगठन यानी एपीओ (FPO)
FPO Yojana 2023 : कृषक उत्पादन कंपनी, जिसे आम आमतौर पर एफपीओ यानी किसानी उत्पादन संगठन कहते हैं। यह किसानों का पंजीकृत समूह होता है, जो खेतीबारी से उत्पन्न काम में लगे हुए होते हैं। यही किसान कृषि उत्पादन कंपनी बनाकर खेती और उसे से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियां करता है।
एपीओ के के लिए पंजीकरण कैसे होता है?
कोई भी किसान जो खेतीबारी से जुड़ा हुआ है। संगठित होकर एफपीओ का पंजीयनकरण कंपनी अधिनियम के तहत कर सकते हैं, इसके लिए कम से कम 10 किसान सदस्यों का होना जरूरी है।
FPO के लिए आवश्यक दस्तावेज
पंजीकरण FPO Yojana 2023 के पूर्व इन किसानों को अपना पैनकार्ड, आधारकार्ड, पासबुक, दो-दो फोटो, खेत की खतौनी, मोबाइल नंबर व ईमेल, कंपनी के दो पृस्तावित नाम, निदेशक और शेयर धारकों की संख्या जरूरी है। एफपीओ के पंजीकृत कार्यालय के लिए नवीनतम बैंक स्टेटमेंट/ टेलीफोन या मोबाइल बिल/बिजली या गैस बिल को स्कैन की हुई प्रतिलिपि वह संपत्ति के मालिक से अनापत्ति प्रमाणपत्र की स्कैन की गई कॉपी भी जरूरी होती है। किसान कागजातों के साथ किसी भी सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटैंट से संपर्क कर पंजीयन की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।
एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है
पंजीयन के पूर्व एफपीओ में निदेशक यानी डायरेक्टर की भूमिका का निर्वहन करने वाले किसानों को डिजिटल सिग्नेचर बनाया जाता है, इस दौरान चार्टर्ड अकाउंटैंट किसानों के द्वारा सुझाए एफपीओ FPO Yojana 2023 के नाम की उपलब्धता की जांच व अप्रूवल के लिए कंपनी के रजिस्ट्रार को ओनलाइन आवेदन करता है, जब तक एफपीओ के नाम का अप्रूवल आता है, जब तक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा निर्देशक के डिन नंबर यानी डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर का आवेदन किया जाता है, जो केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है यह एक 8 अंकों की अवधि पहचान संख्या होती है जिसे आजीवन वैधता प्राप्त होती है।
एफपीओ के नियम एवं उद्देश्य
पंजीयन के साथ-साथ किसानों द्वारा कंपनी के उद्देश्य और नियम व निर्देशक के रूप में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन वह मेमोरेंडम एसोसिएशन बनाया जाता है, कंपनी संचालन के कर दो की पूरी जानकारी मेमोरी टर्न ऑफ सोशल व आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन लिखे होते हैं।
यह सभी प्रक्रिया पूरी करने की के बात कंपनी को पंजीयन FPO Yojana 2023 करके के लिए अपनी कंपनी रजिस्टर को ऑनलाइन आवेदन किया जाता है अगर ऑनलाइन आवेदन में कोई कमी नहीं होती है तो कंपनी रजिस्टर द्वारा पंजीयन करण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है साथ ही कंपनियों का पैन नंबर वह दिन नंबर जारी किया जाता है अगर आवेदन में कोई कमी है तो उसे सुधारने का मौका मिलता है।
FPO बनाने में कितना खर्चा आता है
FPO Yojana 2023 : कंपनी पंजीयन की प्रक्रिया आमतौर पर 35 से 40 हजार रुपए का खर्चा आता है, कंपनी के पंजीकरण के पश्चात कंपनी के नाम से किसी भी बैंक में एक खाता खोला जाना जरूरी है साथ ही, पंजीकरण के पंजीकृत होने के 90 दिनों के अंदर एनुअल जनरल मीटिंग करना जरूरी होता है। इस के अंदर सभी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए जाते हैं। इस के बाद एफपीओ में शेयरधारकों के रूप में किसानों को जोड़ कर कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है।
एफपीओ का संगठन ऐसा होता है
जब किसान संगठित होकर एफपीओ FPO Yojana 2023 को एक कंपनी के रूप में पंजीकृत कराते हैं तो इन्हीं किसानों में से अधिकतम 15 किसान डायरैक्टर्स और प्रमोटर्स के रूप में चुने जाते हैं, जो कंपनियां के मालिकाना हकदार होता है।
इसके बाद जब एफपीओ एक किसान के रूप में पंजीकृत हो जाती है, तब कंपनी के निर्देशक मंडल द्वारा एक सीईओ के नियुक्ति की जाती है इसके अलावा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कै साथ सूचनाओ के आदान-प्रदान के लिए एक कंपनी सेक्रेटरी की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है और कंपनी के सभी कानूनी कागजातों, वार्षिक विवरणी आदि को जमा करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटैंट की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है।
किसान किस प्रकार एफपीओ के जरिए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं ?
FPO Yojana 2023 : देश में कमजोर आय वाले किसानों की संख्या सबसे अधिक है, ऐसे किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है। इसकी प्रमुख वजह यह भी है, की कमजोर होने के चलते उनके पास कम मात्रा में कृषि उपज होती हैं ऐसे में कम मात्रा होने से उनकी कृषि उपज की विक्रय सही कीमत पर नहीं हो पाती है।
इस दशा में अगर यही छोटी जोत वाले किसान एफपीओ बनाकर अपने थोड़े-थोड़े कृषि उत्पादों को इकट्ठा कर उसकी बिक्री करते हैं, तो उन्हें उसकी न केवल वाजिब कीमत मिलती है, बल्कि अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग कर अगर बिक्री करें तो अधिक आय की संभावना बढ़ जाती है।
इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। किसान मंडी में गेहूं की कीमत प्रति किलोग्राम 18 से ₹20 की दर से बेचता है। पर वही जब आटे के रूप में प्रोसेस करके बेचा जाता है, तो वह 28 से ₹30 प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है इसके अलावा एफपीओ FPO Yojana 2023 खेतीबारी से जुड़े खाद, बीज, दबाव दवाओं और कृषि उपकरण आदि का निर्माण, खरीदबिक्री का काम भी कर सकता है।
एफपीओ के लिए जरूरी बातें
किसी भी एफपीओ के पंजीकरण के बाद वार्षिक रूप से कंपनी की एनुअल रिटर्न्स रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के कार्यालय में ओनलाइन माध्यम से चार्टर्ड अकाउंटैंट के जरिए। 30 दिसंबर तक जमा करना अनिवार्य होता है। इसके लिए एफपीओ FPO Yojana 2023 के खाते में हुए लेनदेन का ऑडिट करवाना पड़ता है। इस की वार्षिक विवरणी भरने के लिए सभी निर्देशकों का केवाईसी होना भी अनिवार्य है।
वीवरणी भरते समय शेयर्स होल्डर्स की लिस्ट, शेयर में हुए लंदन की लिस्ट, ऑडिटर जरूरी होती है। यह भी जानकारी समय से ना भरी जाए तो कंपनी के रजिस्टर द्वारा एफपीओ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आर्थिक मदद केंद्र सरकार से भी मिलती है
खेतीबाड़ी से जुड़े बिजनेस के अलावा एफपीओ FPO Yojana 2023 को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की तरह से कई तरह से माली इमदाद मिलती है, इसमें केंद्र सरकार के द्वारा शुरुआती संचालन के लिए 1500000 लाख रुपए तक की सहायता देती है, इसके अलावा भारत सरकार के लघु कृषि हुआ पानी एसएफएसी नाबार्ड सहित कई एजेंसियों द्वारा लोन व अनुदान मुहैया दिया जाता है।
एफपीओ कस्टम हायरिंग सेंटर कॉल सकता है
एफपीओ FPO Yojana 2023 के जरीए खेती-बाड़ी मे काम आने वाले कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर आदि पर फार्मा मशीनरी बैंक के लिए ₹1200000 लाख रुपए तक सहायता मिलती है, इसके बीच कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए ₹600000 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान है। एफपीओ के लिए सरकारें तमाम अनुदान योजना संचालित कर रही है, जिसमें आवेदन पर एफपीओ का लाभ उठा सकते हैं, इससे से एफपीओ से जुड़े किसान वाजिब रेट पर इन सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
क्या एफपीओ के लिए लाइसेंस जरूरी है?
सरकार द्वारा एफपीओ FPO Yojana 2023 को खाद, बीज, कीटनाशक, सरकारी रेट पर अनाज की खरीदारी के लिए लाइसेंस भी मुहैया कराया जाता है, किसान इसका लाभ लेकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं, फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी एफपीओ को एफएसएसएआई खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम खेत लाइसेंस लेना जरूरी होता है।
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