कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की सोयाबीन फसल के लिए उपयोगी सलाह..

सोयाबीन की फसल पकने की कगार पर है इस समय किसान कौन-कौन सी जरूरी बातों का ध्यान रखें, आईए Agriculture Advisory जानते हैं..

Agriculture Advisory | सोयाबीन की फसल अब पकाने की कगार पर है। फसल लगभग 70 से 75 दिनों की हो गई है इस समय फलियां में दाने बन रहे हैं। सोयाबीन की फसल के लिए यह अवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण रहती है, इस समय सोयाबीन की सही तरीके से देखरेख हो जाए तो अच्छी पैदावार होना निश्चित है। किसी को देखते हुए कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी सलाह जारी की है

गौरतला विकी मध्य प्रदेश में मुख्य रूप से सोयाबीन की फसल ली जाती है। कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि वर्तमान में सोयाबीन की फसल की स्थिती संतोष जनक है। लेकिन कई क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल पर बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है, आईए जानते हैं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई सलाह..

कृषि विभाग में यह जारी की सलाह

कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों ने किसान भाईयों को सलाह जारी करते हुए बताया कि किसान इस समय अपने खेत की सतत निगरानी करें। खेत में जा कर 3-4 पौधों को हिला कर देखें कि इल्ली/कीट का प्रकोप तो नहीं है। यदि कहीं पर 1 वर्ग मीटर में 3 से 4 इल्लीयां दिखाई दें तो कीटनाशक का स्प्रे करना चाहिए। जहाँ पर सोयाबीन की फसल घनी होने पर गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप संभव है। Agriculture Advisory

इसकी पहचान है कि पौधे पर 2 रिंग बने हुए दिखाई देंगे व फसल लटकी हुई मुर्झाई देगी। उसको तोड कर खेत से बाहर फेंक देवे। जिला डायग्नोस्टिक दल एवं मैदानी कृषि अधिकारियों द्वारा क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा है एवं किसानों को कीट व्याधि से बचाव की जानकारी दी जा रही है।

सोयाबीन में होने लगा पीला मोजेक का प्रकोप

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि वर्तमान में सोयाबीन की फसल की स्थिति संतोषजनक है। कुछ क्षेत्रों में कहीं कहीं समतल क्षेत्र में सोयाबीन की फसल पीली होने की जानकारी प्राप्त हो रही है जो समानतः एन्थ्रेक्रोज रोग, पीला मोजेक एवं पोषक तत्वों की कमी के कारण पिरलक्षित हो रही है Agriculture Advisory

जिसका नियंत्रण किया जाना संभव है यदि कही पर कीट व्याधी का प्रकोप दिखे तो निम्नानुसार दवाईयों का उपयोग करें। सोयाबीन की मुख्य बीमारियां राईजोटोनिया एरिअल ब्लाईट / एन्थ्राक्रोस। पीला मोजेक मुख्य रोग है।

रोग प्रबंधन हेतु सलाह

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि राईजोटोनिया एरिअल ब्लाईटः इस रोग के लक्ष्ण दिखाई देने पर अनुसंशित फफूंद नाशक फ्लुक्सापग्रोक्साड पायरोक्लोस्ट्रोबीन (300 ग्राम / हेक्टे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन इपोक्कोसीकोनाजोल (750 एम.एल./हेक्टे) का स्प्रे करें। Agriculture Advisory

एन्थ्राक्रोसः इस रोग के लक्ष्ण दिखाई देने पर प्रारम्भिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु टेवुकोनाजोल 25.9 EC (625 एम.एल./हेक्टे) टेबुकोनाजोल 38.39 SC (625 एम.एल./हेक्टे) टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WG (1.25 कि.ग्रा./हेक्टे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% WP (1.25 कि.ग्रा./हेक्टे) या का स्प्रे करें।

पीला मोजेक / सोयाबीन मोजेक इसके लक्ष्ण दिखने पर प्रारम्भिक अवस्था में ही रोगग्रस्थ पौधों को उखाड़ कर खेत से बाहर कर देवें। इस रोग को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी/एफीड है। Agriculture Advisory

इसके नियंत्रण हेतु थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुझिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का छिडकाव करें। सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु किसान भाई अपने खेत में 20 से 25 स्थानों पर पीली ट्रेप भी लगाए।

कीट प्रबंधन हेतु सलाह

गर्डल बीटल (रिंग कटर) पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर / तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने बाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीटः गर्डल बीटल से प्रभावित पौधे को प्रारंभिक अवस्था में ही तोड कर नष्ट कर देवें। Agriculture Advisory

इन कीटों के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750 मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 9.30% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.)

या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1 ली. है) या इमामेक्टीन वेन्जोएट (425 स्तुत मिली / है) का छिडकाव पर्याप्त पानी की मात्रा (नेप्सेक स्प्रयेर या ट्रेक्टर चालित स्त्रयेर से 450 लीटर / हे पॉवर स्प्रेयर से 125 लीटर । हे न्यूनतम) का उपयोग करें। Agriculture Advisory

अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्रिय कृषि विस्तार अधिकारी/कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र पर संपर्क कर सकते है। अन्य कृषि कार्य जो किसान भाई सोयाबीन फसल में कर सकते है।

किसान जल जमाव नहीं होने दे

किसान भाईयों सोयाबीन की फसल में तीन दिन से अधिक जल जमाव नुकसानदायक होता है। अतिरिक्त या अधिक वर्षा होने की स्थिति में खेल से जल निकाश की उचित व्यवस्था करें। Agriculture Advisory

घनी फसल होने पर सोयाबीन फसल में गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप होने की अधिक संभावना होती है अतः सोयाबीन के तने पर 02 रिंग दिखाई देने पर ऐसी मुर्झाई। लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को प्रारंभिक अवस्था में तोड कर खेत से बाहर करें।

अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर कही कही पर पौधों कर हिलाकर सुनिश्चित करें की आपके खेत में कीट / इल्ली का प्रकोप हुआ है या नहीं यदि 1 वर्ग मिटर में 3-4 इल्ली दिखे तो उपरोक्त अनुसार कीटनियंत्रण करें। Agriculture Advisory

सोयाबीन की फसल में पक्षीयों के बैठने हेतु आकार के बर्डप्रचेस लगावें जिसपर पक्षी बैठकर सोयाबीन के हानिकार कीट / इल्ली को खाकर कीट की संख्या कम करेंगे।

किसान भाईयों जब भी किसी भी प्रकार की कृषि आदान (उर्वरक/बीज/कीटनाशक) सामग्री खरीदते हैं तो संबंधित दुकान से पक्का बिल जरूर लेवें। Agriculture Advisory

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