कपास उत्पादक किसानों के लिए कपास के भाव (Cotton Price) को लेकर जरूरी खबर..
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Cotton Price | कपास एक कमर्शियल फसल है। इसकी अच्छी खेती हो तो किसानों को बंपर मुनाफा हो सकता है। लेकिन किसानों को फायदा तभी होगा जब बाजार में किसानों की उपज का अच्छा दाम मिलेगा।
कपास के दाम में गिरावट के चलते कपास की खेती करने वाले किसानों को पर्याप्त फायदा नहीं मिल पा रहा है। कपास की खेती सबसे अधिक महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में होती है।
महाराष्ट्र में अभी विधानसभा चुनाव होना है, यही कारण है कि चुनाव के पहले कपास के भाव Cotton Price को लेकर राजनीति गर्मा गई है।
हालांकि इसके पूर्व ही किसान कपास के भाव को लेकर सरकार से कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाने की लगातार मांग कर रहे हैं। आईए जानते हैं वर्तमान में कपास के भाव को लेकर यह जरूरी खबर..
एक नजर एमपी में कपास उत्पादन पर
उत्पादन का रकबा : 7.5 लाख हेक्टेयर
उत्पादन: 426.2 किग्रा लिंट / हेक्टेयर या करीब 20 लाख गठान ! Cotton Price
निमाड़ क्षेत्र में रकबा – करीब 4.5 लाख हेक्टेयर
उत्पादन – 6 लाख गठान
निमाड़ की कपास देश के कई राज्यों के साथ दूसरे देशों में निर्यात की जाती है।
(नोट :– यहां आंकड़े खरीफ 2024 के है।)
Cotton Price | कपास उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र के 40 लाख से अधिक किसान कपास की खेती करते हैं। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के मुद्दों पर राजनीति गरमाई हुई है।
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प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने केंद्र सरकार से कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने दावा किया कि इससे किसान प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि कपास की खरीद 7,122 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाए।
कपास के दाम पर गंभीर असर पड़ने की संभावना
कांग्रेस नेता ने कपास के भाव Cotton Price को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में पटोले ने कहा कि कपास उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में दूसरे स्थान पर है।
महाराष्ट्र के 40 लाख से अधिक किसान कपास की खेती करते हैं। उन्होंने कहा राज्य में पर्याप्त कपास उत्पादन के बावजूद 22 लाख गांठ कपास के आयात की खबरें हैं।
इससे स्थानीय स्तर पर कपास की कीमतों में भारी गिरावट की संभावना है, इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा। सरकार इसलिए तत्काल आदेश पारित करते हुए कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाए। ; Cotton Price
कपास की वर्तमान कीमत समर्थन मूल्य से कम
कपास की कीमत 6,500 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जो 7,122 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बाजार में कम कीमत के कारण किसान अपनी कपास बेचने से बच रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि कपास का स्टॉक किसानों के साथ-साथ सीसीआई के पास भी है। पटोले ने कहा कि जब देश में पहले से ही इतना बड़ा स्टॉक है, तो कपास का आयात करने से कपास बाजार ध्वस्त हो जाएगा। जिससे किसानों पर काफी असर पड़ेगा और केवल व्यापारियों को फायदा होगा। ; Cotton Price
इस वर्ष कपास की फसल को बहुत नुकसान हुआ
महाराष्ट्र में कपास किसान पहले से ही कम कीमतों, कृषि उपकरण पर 12 से 18% गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) और बेमौसम बारिश के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। : Cotton Price
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रतिकूल मौसम ने इस साल 19 लाख हेक्टेयर में कपास को नुकसान पहुंचाया है और केंद्र सरकार द्वारा घोषित मुआवजे की राशि केवल कागजों तक ही सीमित है। पटोले ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाती है।
सरकार से आयात प्रतिबंध लगाने की मांग
Cotton Price | भारतीय कपास निगम (CCI) के पास भी कपास का बड़ा स्टॉक है। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए केंद्र को कपास के आयात (Cotton Import) पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए और सीसीआई को गारंटी वाले मूल्य पर कपास खरीदने का निर्देश देना चाहिए, ताकि स्थानीय कृषकों को कपास बेचने पर उचित दाम मिले एवं फायदा हो।
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