कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर है, आईए जानते हैं Rasi 659 Cotton variety की पूरी जानकारी..
Cotton variety Rasi 659 | कपास की खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है। गुजरात सबसे अधिक कपास का उत्पादन करता है, इसके बाद महाराष्ट्र और अंत में पंजाब का स्थान आता है। कपास पंजाब की सबसे अधिक उत्पादित खरीफ फसल है।
मध्य प्रदेश के खरगोन, खंडवा निमाड़ अंचल में कपास की खेती अधिक होती है। कपास की खेती में उन्नत किस्म का चयन करना सबसे अधिक आवश्यक होता है। कपास की उन्नत किस्म Cotton variety Rasi 659 को विकसित करने में सबसे ज्यादा नाम आता है रासी सीड्स का।
रासी सीड्स ने किसानों को कपास की नई किस्में दी। रासी सीड्स की कपास वैरायटी 659 किसानों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय है। कपास की इसी वैरायटी को लेकर कृषि विभाग में किसानों से अपील की है, आईए जानते हैं डिटेल..
कपास की किस्म रासी-659 के पकने की अवधि (Cotton variety Rasi 659)
कपास की सबसे अधिक पॉपुलर किस्म में सर्वप्रथम नाम आता है रासी-659 का, इस किस्म को किसान 155-160 दिन की अवधि में ही तैयार कर सकता है और उसके बाद, रबी की फसल गेहूं, चना या मक्का भी लगा सकता है। रासी-659, एक मोटे डेंडू और उच्च उत्पादन देने वाली किस्म है और इस किस्म का अंकुरण भी बहुत अच्छा होता है।
रासी 659 की पैदावार / उपज
देश की अग्रणी 45 वर्ष पुरानी कंपनी रासी सीड्स का कपास बीज को विकसित करने के मामले में बड़ा योगदान रहा है। Cotton variety Rasi 659 रासी सीड्स के पास बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाले और आधुनिक रिसर्च सेंटर है और अनुभवी वैज्ञानिकों की टीम है। इसी कारण कंपनी ने समय-समय पर किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले कपास के बीज उपलब्ध करवाए हैं।
जिसमें सर्वप्रथम रासी-659 का नाम आता है। यह वैरायटी मध्यम से भारी मिट्टी में बहुत ही अच्छी पैदावार देती है। किसान इस किस्म से 15-20 क्विं./एकड़ की पैदावार ले रहे है। रासी 659 के डेंडू का फुटाव बहुत ही अच्छा है। जिससे चुनाई में श्रम कम लगता है।
अंकुरण क्षमता के चलते लोकप्रिय हुई रासी-659
Cotton variety Rasi 659 पिछले वर्ष वर्ष खरीफ में म.प्र. में बोई गई रासी-659 का अंकुरण बहुत ही अच्छा रहा। अंकुरण अच्छा रहने से उत्पादन भी अच्छा मिला। रासी सीड्स ने पिछले वर्ष दो और नई किस्मों को लांच किया है। जिनका नाम रासी नियो और मेघना है, यह दोनों किस्म भी मध्यम अवधि और अधिक पैदावार देने वाली किस्म है लेकिन रासी नियो हल्की से मध्यम मिट्टी के लिये उपयुक्त है और वही मेघना मध्यम से भारी मिट्टी के लिए उपयुक्त है, दोनों ही किस्मों में रस चूसने वाले कीटों के प्रति बहुत ही अच्छी सहनशीलता है।
भारी ज़मीन के लिए एक और किस्म रासी मैजिक भी है, जो हरे मच्छर का सामना कर भरपूर उपज देती है. इसका स्प्रे खर्च कम आता है और डेंडू ज्यादा लगते हैं. यह अंत तक हरा -भरा रहता है. इसके अलावा रासी मैग्ना Cotton variety Rasi 659 भी भारी ज़मीन के लिए उपयुक्त और जांची परखी किस्म है. यह रसचूसक कीटों के प्रति सहनशील होने के साथ ही इसका लागत खर्च भी कम आता है। हल्की मध्यम ज़मीन के लिए रासी नियो भी उत्तम किस्म है, जो बेहतर उत्पादन देती है।
रासी 659 के संबंध में कृषि विभाग ने की अपील
राशि 659 कपास की किस्मत की उपलब्धता को लेकर कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है। खरगोन के कृषि उपसंचालक ने जिले के समस्त किसान बंधुओं से अनुरोध है कि रासी कपास किस्म 659 (Cotton variety Rasi 659) का वितरण अनाज मण्डी प्रांगण से बीज की उपलब्धता अनुसार टोकन के माध्यम से वितरण किया गया। वर्तमान रासी कपास किस्म 659 की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में नही होने के कारण अनाज मण्डी प्रांगण से टोकन वितरण का कार्य नही किया जावेगा।
आगामी चार से पांच दिवस में रासी 659 (Cotton variety Rasi 659) उपलब्ध होने की संभावना है। जिले में जैसे ही बीज उपलब्ध होगा, वैसे ही किसानो को पूर्व में सूचना दी जावेगी । किस्म विशेष के अतिरिक्त जिले में अन्य कम्पनियो की बीटी किस्में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिन्हे जिले के पंजीकृत विक्रेताओ से निर्धारित दर पर क्रय कर सकते है।
कपास की बुवाई कब करें
कृषि विभाग ने किसानों Cotton variety Rasi 659 से अपील की जाती है कि वर्तमान में मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों का तापमान सामान्य से अधिक है एवं गरम हवाएं भी चल रही है, जिससे कपास बीज का अंकुरण एवं पौधो की बढ़वार पर विपरित प्रभाव पड़ता हैं। जिससे फसल की स्थिति ठीक नही रहती है। अतः कपास की बुवाई 25 मई / तापमान कम होने के बाद ही करें।
कपास का बीज दर
Cotton variety Rasi 659 कपास की ज्यादा पैदावार कपास की अच्छी किस्मों और कपास की बुवाई यानि कपास की बीज दर पर निर्भर होती हैं जो निम्न है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार प्रति एकड़ दो पैकेट अर्थात 900 ग्राम बीज प्रति एकड़ रखना चाहिए।
कपास की उन्नत किस्में
- रासी 659 बीजी : – यह किस्म मध्यम भारी मिट्टी में लगाई जाती है। इसके बड़े बॉल होते है। यह किस्म 145-160 दिन की होती है।
- कावेरी मनी मेकर :– यह किस्म भारी मिट्टी में लगाई जाती है। इसके बड़े बॉल होते है। यह किस्म 145-160 दिन की होती है। Cotton variety Rasi 659
- आदित्य मोक्ष :- यह किस्म भारी मिट्टी में लगाई जाती है। इसके बॉल बड़े होते है। यह किस्म 145-160 दिन की होती है।
- नुजिवीडु गोल्ड कॉट :- यह किस्म भारी मिट्टी में लगाई जाती है। इसके बॉल मध्यम आकर के होते है। यह किस्म 155-160 दिन की होती है। Cotton variety Rasi 659
- अजीत 155 बीजी :- यह किस्म मध्यम हल्की मिट्टी में लगाई जाती है। इसके बॉल मध्यम आकर के होते है। यह किस्म 140-150 दिन की होती है।
- रासी नियो बीजी :- यह किस्म हल्की-मध्यम मिट्टी में लगाई जाती है। इसके बड़े बॉल होते है। यह किस्म 140-150 दिन की होती है। यह किस्म चूसक कीटों के प्रति प्रतिरोधक वाली है वाली है।
- नुजिवीदु भक्ति :- यह किस्म भारी मिट्टी में लगाई जाती है। इस किस्म के मध्यम बॉल होते है। Cotton variety Rasi 659
- यह किस्म 140 दिन की होती है। अमेरिकन और गुलाबी बोलवर्म प्रतिरोधी वाली किस्म है।
- कावेरी जादू बीजी :- यह किस्म हल्की-मध्यम मिट्टी में उगाई जाती है। इस किस्म के मध्यम बॉल होते हैं। यह किस्म 155-170 दिन की होती है। यह किस्म चूसक कीटों के प्रति प्रतिरोधक वाली है वाली है।
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