प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत Crop insurance 2024 फसल बीमा प्रीमियम की राशि कम होगी आईए जानते हैं डिटेल..
Crop insurance 2024 | मानसून के सक्रियता के बाद खरीफ फसलों की बुवाई का दौर चल रहा है। खरीफ फसलों की बुवाई के तत्काल बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों का बीमा किया जाता है। पीएम फसल बीमा योजना अंतर्गत अब किसानों को आदि कीमत पर फसल बीमा किया जाएगा अर्थात किसानों को प्रीमियम की राशि आधी ही भरना होगी। इसका फायदा मध्य प्रदेश के लाखों किसानों को होगा। एमपी में 1.12 करोड़ किसानों में से 87 लाख किसान फसल बीमा योजना में रजिस्टर्ड है। आईए जानते हैं पूरी डिटेल..
क्या है फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना Crop insurance 2024 एक ऐसी योजना है। जिसके तहत किसानों को आपदा के कारण होने वाले फसलों के नुकसान को कवर किया जाता है। फसल खराब होने पर इस योजना के तहत बीमा कवर मिलता है। जिससे किसानों की आय स्थिर करने में मदद मिलती हैं। योजना के अंतर्गत देशभर के अब तक 36 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। इस योजना से नामांकित लगभग 85% किसान छोटे और सीमांत किसान है।
योजना के तहत किसानों की फसलें प्राकृतिक कारणों से बर्बाद हो जाती है तो सबसे पहले 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी की इसकी सूची देनी होगी। इस योजना के तहत पताल किसान को 25 % बीमा राशि का भुगतान करना होगा। यह प्रावधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किया गया है। किसानों की फसलें क्षेत्रीय तौर पर खराब होती है तो बीमा कंपनी अपने अधिकृत प्रतिनिधि को खेतों का मुआयना करने के लिए भेजेंगी। जिसके पश्चात खेतों में खराब हो चुकी फसलों का आंकलन कर बीमा कंपनी को रिपोर्ट दी जाएगी। Crop insurance 2024
सरकार एवं किसान दोनों देते हैं प्रीमियम
Crop insurance 2024 ; प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए दो प्रतिशत, रबी और तिलहन फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत और व्यावसायिक तथा बागवानी से जुड़ी फसलों के लिए पांच प्रतिशत की अधिकतम सालाना प्रीमियम राशि देनी होती है। बाकी की प्रीमियम राशि केन्द्र और राज्य सरकारें बराबर-बराबर बांटती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दावों का त्वरित निपटान करना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों का बीमा कराने की एवज में किसान 2% प्रीमियम देते हैं, बाकी प्रीमियम राज्य एवं केंद्र सरकार को वहन करना होता है।
किसानों को प्रीमियम का 2% देना होता है, जबकि शेष राशि केंद्र-राज्य सरकार वहन करती है। जब प्रीमियम की दर करीब 15% थी, तब सरकार को 13% भरना पड़ता था, अब उसे ताजा प्रीमियम दर में 5.48% पैसा भरना पड़ेगा। बीते 5 साल में किसानों को क्लेम का भुगतान 5300 करोड़ रुपए घटकर महज 755 करोड़ रुपए रह गया है। Crop insurance 2024
फसल बीमा क्लेम घटे
सरकार ने नई प्रीमियम दरों की अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के पश्चात पहली बार फसल बीमा की यह दर 10% से नीचे आई है। प्रति हैक्टेयर प्रीमियम की दर पहली बार औसतन 7.48% रह गई है। इसमें धान, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, ज्वार-बाजरा, अरहर, मूंगफली, तिल, कपास, मूंग, चना, सरसों, अलसी और उड़द शामिल है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे कि सबसे बड़ी वजह यह है कि किसानों ने बीमा कंपनियों से क्लेम लेना कम कर दिया है। बीते 5 साल में बीमा क्लेम में 6 से 7 गुना तक गिरावट आई है। यही कारण है कि अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा अब आधी कीमत पर मिलेगा। Crop insurance 2024
फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या घटी
2021 के बाद तो फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। साल 2021 और 2023 की तुलना करें तो बीमा लेने वाले किसान 18.70 लाख घट गए। Crop insurance 2024
आंकड़ों के मुताबिक, मप्र में वर्ष 2019 में 28.12 लाख किसानों ने 114 लाख हैक्टेयर फसल का बीमा कराया था। तब प्रीमियम की राशि 3970.88 करोड़ रुपए थी। ऐसे में कुल छह हजार करोड़ से अधिक के क्लेम का भुगतान किया गया। लेकिन 5 साल में फसलों का बीमा करने वाले किसान 2.33 लाख घटकर 25.79 लाख ही रह गए हैं।
इधर दूसरी ओर प्राकृतिक आपदा भी ऐसी नहीं हुई कि क्लेम बढ़े। इसके अलावा फसल उपज का आकलन सेटेलाइट रिमोट सेंसिंग तकनीक से किया जा रहा है। इसकी मदद से सटीकता ज्यादा है। लिहाजा राज्य सरकार ने बीमा कंपनियों से प्रीमियम की दर कम करा ली। Crop insurance 2024
रबी 2024 का फसल बीमा बाकी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी 2024 में मध्य प्रदेश के 25.79 लाख किसानों ने 89.68 लाख हैक्टेयर फसल का बीमा कराया था। योजना के अंतर्गत खरीफ 2023 के क्लेम का भुगतान किसानों को हो गया है। रबी का आकलन किया जा रहा है। Crop insurance 2024
सरकार को प्रीमियम के करोड़ों रुपए वापस मिले
Crop insurance 2024 ; सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के पूर्व के वर्षों में फसल बीमा प्रीमियम की दर 14% से अधिक थी। तब जो प्रीमियम भरा गया, उसकी तुलना में क्लेम काफी कम था। इसीलिए वर्ष 2021 में 2450 करोड़ और 2022 में 1657.47 करोड़ वापस मिले। वर्ष 2023 में भी ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बीमा कंपनियां 800 से हजार करोड़ तक राशि लौटाएंगी। इधर, अब प्रीमियम की दर के कम होने से सरकार को सीधे हजार करोड़ रुपए बचेंगे।
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