इस साल सबसे ज्यादा डिमांड वाली सरसों की टॉप 5 किस्में, जानें इनकी खासियत एवं क्यों रही ज्यादा डिमांड

जानें कौन सी है वह सरसों को डिमांड वाली किस्में (Demanding Mustard Varieties) एवं उनकी खासियत..

Demanding Mustard Varieties | सरसों सहित अन्य रबी फसल 60 से 70 दिन की हो गई है। यकीन है कि, सभी किसानों ने सरसों को बुवाई के लिए बेहतर से बेहतर उपज देने वाले बीज का चयन किया होगा। ऐसे में आज हम आपको यहां बताने वाले है इस साल कौन सी टॉप 5 सरसों की किस्में डिमांड में रही इसके साथ ही उनकी खासियत एवं क्यों रही ज्यादा डिमांड में। यह सब जानने के लिए आपको चौपाल समाचार के इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा।

टॉप डिमांड में रहने वाली सरसों की 5 किस्में

  • 1. पूसा डबल जीरो सरसों 31
  • 2. सरसों की पूसा जयकिसान – बायो 902 किस्म
  • 3. सरसों की पूसा बोल्ड किस्म
  • 4. पूसा डबल जीरो सरसों 31
  • 5. RH-761 किस्म

आइए अब इनकी जानकारी विस्तारपूर्वक जानें..

1. पूसा डबल जीरो सरसों 31 (Pusa Double Zero Mustard 31)

सरसों की उन्नत किस्म ‘पूसा डबल जीरो सरसों 31 को नई दिल्ली स्थित पूसा संस्थान द्वारा 2017 में रिलीज किया गया था। Demanding Mustard Varieties पूसा डबल जीरो सरसों 31, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के आसपास के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। सिंचित क्षेत्रों में पूसा डबल जीरो सरसों 31 बुवाई के लिए उपयुक्त है।

सरसों की यह उन्नत किस्म पीले बीज वाली किस्म है, जिसमें तेल की मात्रा 40.56 यानी 41 प्रतिशत होती है। बेहतर तेल और बीज आहार गुणवत्ता (कैनोला गुणवत्ता) पूसा डबल जीरो सरसों 31 किस्म सरसों को किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है। सरसों की इस किस्म Demanding Mustard Varieties की औसत बीज उत्पादन 23 से 25 क्विंटल/हेक्टेयर है।

2. सरसों की पूसा जयकिसान – बायो 902 किस्म

सरसों की इस किस्म Demanding Mustard Varieties की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में की जाती है। इस किस्म से औसतन 2500-3500 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इसमें तेल की मात्रा 40 प्रतिशत प्राप्त होती है। ये किस्म 155 से लेकर 165 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

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3. सरसों की पूसा बोल्ड किस्म

सरसों की इस किस्म Demanding Mustard Varieties की खेती राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र में अधिक की जाती है। ये सरसों की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है। ये किस्म मात्र 110 से लेकर 140 दिन के दौरान पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म में तेल की 40 प्रतिशत मात्रा होती है। इस किस्म से औसत 2000 से लेकर 2500 किलोग्राम तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

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4. पूसा डबल जीरो सरसों 31

सरसों की ये किस्म Demanding Mustard Varieties राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के मैदानी क्षेत्रों में ज़्यादातर उगाई जाती है। फसल 135 से 140 दिनों में पककर तैयार होती है। इस किस्म का 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। इसमें तेल की मात्रा लगभग 41 प्रतिशत होती है।

5. RH-761 किस्म

सरसों के इस किस्म Demanding Mustard Varieties की खासियत कम सिंचाई की जरूरत वाली है. वहीं ये पाले के प्रति सहनशील होती है. इस किस्म में किसानों को 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिलता है. इसमें 45 से 55 दिन में फूल आने लगते हैं. इस फसल को तैयार होने में 136 से 145 दिन का समय लगता है।

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