भारत में तेजी से बढ़ रहा Donkey Farming का ट्रेंड। इसकी वजह है गधी के दूध की कीमत। किसानों को कुछ ही समय में गधा बना सकता है करोड़पति।
Donkey Farming | गधे हो क्या? ये वाक्य तक बोला बोला जाता है जब हम किसी मंदबुद्धि जैसी हरकते कर रहे होते है। लेकिन सुस्त या मंदबुद्धि समझा जाने वाला ये जानवर आपको कुछ ही समय में करोड़ पति बना सकता है। आपको महज एक ये झूटी बात लग रही होगी। लेकिन आज हम आपको चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे की किस तरह एक गधा आपको करोड़पति बना सकता है। आइए जानते है Donkey Farming की पूरी डिटेल..
भारत में डोंकी फार्मिंग का ट्रेंड बढ़ा, वजह है गधी के दूध की कीमत
आमतौर पर गधों को व्यापार या सामान ढोने के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अचानक Donkey Farming (गधा पालन) का ट्रेंड अब भारत में भी तेजी से बढ़ने लगा है। इसकी वजह है गधी के दूध की कीमत। भारत में इसके दूध की कीमत 5000 से 7000 रूपये प्रति लीटर बिकता हैं।
वही, विदेशो में इसकी कीमत लगभग दोगुनी है। यही कारण है की, गधों की फार्मिंग का ट्रेंड अब भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। बिजनेस करने वाले गधी के दूध के साथ इससे बने कई महंगे प्रोडक्ट्स बेचकर लाखो करोड़ों रुपए कमा रहे है।
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इसलिए बढ़ रही गधी के दूध की कीमत
Donkey Farming गधी का दूध का काफी पौष्टिक माना जाता है। लेकिन विदेशो में मांस की डिमांड बढ़ने से गधों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसलिए इनकी नस्लों को बचाने के लिए दक्षिण भारत में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत दूसरे राज्यों में इन्हें पलकर खेती की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहां साल 2012 में इनकी संख्या लगभग 3.60 लाख थी। वही, 2019 में घटकर 1.27 लाख ही रह गई है। यही वजह है की, गधी के दूध की कीमत आसमान छू रही है।
प्राचीनकाल में रानी क्लियोपैट्रा करती थी गधी के दूध का इस्तेमाल
गधी के दूध की कहानी हजारों साल पुरानी है। इतिहासकारों के मुताबिक, प्राचीन मिस्र की रानी क्लियोपैट्रा के लिए गधी के दूध का इस्तेमाल करती थी। क्योंकि इससे शरीर की सुंदरता बढ़ती है। इतना ही नहीं प्राचीनकाल में लीवर की समस्या, प्वाइस्निंग, इन्फेक्शन और बुखार जैसे बीमारियों के इलाज के लिए भी यूनानी डॉक्टर हिप्पोक्रेट्स इसी के इस्तेमाल की सलाह देते थे।
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गधी के दूध में पोषक तत्व
Donkey Farming | मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गधी के दूध में विटामिन, प्रोटीन और टॉरिन जैसे कई जरूरी पोषक तत्व होते है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन A, विटामिन B1 व B2, विटामिन D और E पाया जाता है।
गधी के दूध से होने वाले फायदे
गधी के दूध में एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज यानी जल्दी बुढ़ापा नही आता है, डाईजेशन ठीक रहता है, सांस संबंधी दिक्कतें दूर होती है, स्किन के लिए वरदान माना जाता है, आंखो और दांतो के साथ महिलाओं में रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्या ठीक करने में भी कारगर है। इतना ही नहीं फैट की मात्रा कम होने की वजह से गाय या भैंस के दूध की तुलना में ये ज्यादा पोष्टिक माना जाता है। Donkey Farming
किसानों के लिए जैकपॉट की तरह है गधा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसानों के लिए Donkey Farming गधे जैकपॉट की तरह होते है। क्योंकि इनके रखरखाव में ज्यादा खर्च नही होता और बाजार में उनके दूध और दूसरे प्रोडक्ट्स अधिक कीमत में बिकते है। गधी के दूध के अलावा मार्केट में इससे बने स्किन प्रोडक्ट्स, साबुन, धूपबत्ती और मिल्क पाउडर की डिमांड बहुत है। इसी वजह से किसान कुछ ही समय में डोंकी फार्मिंग से करोड़पति बन सकते है।
गधी के दूध से कमाई कितनी होती है (Earning From Donkey Milk)
भारत में दूध के लिए परंपरागत रूप से गाय या भैंस का इस्तेमाल किया जाता है। जो दिन में करीब तीस लीटर तक दूध दे सकती है और वो करीब 65 रूपये प्रति लीटर बिकता है। वही सिर्फ आधा लिटर दूध देने वाली गधी के दूध की कीमत गाय भैंस की तुलना में 70 से 75 गुना ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Donkey Farming करने वाले बिजनेसमैन महीने में करीब 2 से 3 लाख रुपए कमा लेते है।
Allied Market Research Report के मुताबिक, साल 2019 में विश्वभर में गधे के दूध का मार्केट 235 करोड़ रूपए था, जो साल 2027 में 568 करोड़ रुपए होने के अनुमान है। इस व्यापार में यूरोपियन देश जैसे इटली, फ्रांस, स्पेन लिड कर रहे है। वही, एशिया में चीन, भारत और पाकिस्तान में गधी के दूध के अलावा इसके प्रोडक्ट्स का मार्केट साइज सबसे बड़ा है। Donkey Farming
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