खेती किसानी से एक एमपी का Farmer success story एक युवा किसान अच्छा प्रॉफिट कमा रहा है आईए जानते हैं सब कुछ..
Farmer success story | अर्थशास्त्र का एक नियम है “नो रिस्क नो प्रॉफिट” अर्थात जो जोखिम नहीं उठा सकता वह लाभ भी नहीं कमा सकता। लाभ कमाने के लिए जोखिम उठाना भी अति आवश्यक है। खेती किसानी में कई किसान इसी कहावत को चरित्रार्थ करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
परंपरागत खेती की बजाय आधुनिक खेती की जाए एवं खेती में कुछ नवाचार लाया जाए तो खेती किसानी से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। कई किसान नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके एवं नए-नए बीज का प्रयोग करके खेती से अच्छा लाभ कमा रहे हैं। एमपी के एक किसान ने यही कुछ किया, आईए जानते हैं पूरी जानकारी Farmer success story ..
दक्षिण अमेरिका से मंगाई काले आलू
Farmer success story मध्य प्रदेश के सागर जिले के युवा किसान दक्षिण अमेरिका में उगने वाले काले आलू की खेती कर रहे हैं। युवा किसान ने दक्षिण अमेरिका से काले आलू मंगाई और उसकी खेती की। इससे किस क एक एकड़ में खेती करने पर सालाना 5 लाख रुपए तक कमाई हो रही है। काला आलू औषधीय फसल है, जिसके गुण और कीमत सफेद आलू के मुकाबले ज्यादा होती है।
मल्टीलेयर प्राकृतिक जैविक खेती से शुरुआत की
मध्यप्रदेश में अब किसान परंपरागत खेती से हटाकर नई फसलों पर फोकस कर रहे हैं। सागर जिले के ग्राम कपूरिया के युवा किसान आकाश चौरसिया ने इस असंभव काम को संभव कर दिखाया। आकाश ने करीब 15 साल पहले मल्टीलेयर प्राकृतिक जैविक खेती शुरू की थी। अब दूसरे किसान भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं।
Farmer success story आकाश के पास 16 एकड़ जमीन है। इसमें से एक एकड़ पर काले आलू की फसल लगी है। आकाश ने सागर जिले समेत बुंदेलखंड में पहली बार काले आलू का उत्पादन किया है। उन्होंने एक एकड़ में यह फसल लगाई थी। इसमें करीब 100 क्विंटल पैदावार हुई। वह मध्यप्रदेश समेत उत्तर प्रदेश के किसानों को काला आलू उगाने की विधि सिखा रहे हैं।
आकाश चौरसिया ने मल्टीलेयर पद्धति से पहली बार खेती कर इस मॉडल को शुरू किया था। मल्टीलेयर पद्धति से खेती कर वह एक साथ चार फसलों का उत्पादन लेते हैं। वे खेत में बांसों की मदद से अस्थाई देशी ग्रीन हाउस तैयार करते हैं। उसके बाद खेत में काली हल्दी की बुआई करते हैं। साथ ही, उसी खेत में पपीता, कुंदरु, ककड़ी, सहजन जैसी फसलों को लगाते हैं। जमीन में कंद वाली फसल लगाकर ऊपर पालक, धनिया व अन्य भाजी लगाते हैं। Farmer success story
कैसे की जाती है काले आलू की खेती
Farmer success story आकाश चौरसिया ने बताया कि काले आलू की खेती दक्षिण अमेरिका के एंडिज पर्वतीय क्षेत्रों में की जाती है, लेकिन अब इसकी खेती सागर में शुरू की है। प्रयोग के तौर पर पहली बार काले आलू की खेती की, जो सफल रही। तीन महीने में फसल आ जाती है। इस आलू की ऊपरी सतह काली और आंतरिक भाग गहरे बैंगनी रंग का होता है। काले आलू की खेती करने में एक एकड़ में किसान को करीब 50 हजार रुपए का खर्च आता है।
काले आलू की खेती के लिए यह करें
Farmer success story आकाश बताते हैं कि काले आलू की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। बुआई करने के लिए सबसे अच्छा समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच का होता है। इसमें किसान को खेत की मिट्टी को उपचारित कर बुआई कर देना चाहिए। बुआई के बाद करीब 75 से 90 दिन में फसल तैयार हो जाती है। जिसकी खुदाई कर उत्पादन लिया जा सकता है। खेत की तैयारी के लिए गहरी जुताई करके मिट्टी भुरभुरी बना लेना चाहिए। Farmer success story
काले आलू की खेती करने का तरीका
- काले आलू की बुआई 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच करें।
- किसान काला आलू लगाने से पहले खेत की जुताई कर तैयार करें।
- काला आलू लगाने के लिए दोमट मिट्टी अच्छी होती है।
- 100 किलो चूने का पाउडर और 50 किलो नीम का पाउडर डालकर भूमि को उपचारित करें।
- खेत में 10 टन के हिसाब से प्रति एकड़ गाय का गोबर डालें।
- एक एकड़ में करीब 750 किलो काला आलू के बीज की जरूरत होती है।
- बुआई से पहले बीज को उपचारित करें, ताकि फंगस की बीमारी से बचा जा सकेंगे।
- 15 लीटर पानी में एक किलो चूना डालकर घोल बनाए। उस खोल में बीज को 10 मिनट डालकर रखे। फिर बुआई करें।
- काला आलू लगाते समय बुआई 8-8 इंच दूरी और 2-2 इंच गहराई पर करें।
- हर दस दिन में फसल में सिंचाई करें। पानी का जमाव नहीं होना चाहिए।
- 75 से 90 दिन में फसल पक कर तैयार हो जाएगी, जिसके बाद खुदाई कराएं।Farmer success story
आयरन की कमी दूर करता है काला आलू
Farmer success story आकाश ने बताया कि ब्लैक आलू आयरन रिच के नाम से भी जाना जाता है। काले रंग का आलू, जिसका छिलका काला और अंदर गूदा काले के साथ गहरे बैंगनी रंग का होता है। आयरन की कमी से ग्रसित कोई भी व्यक्ति यदि लगातार एक से दो महीने तक काले आलू का सेवन करे, तो उसकी आयरन की कमी दूर हो सकती है। इसके अलावा, काला आलू का उपयोग अन्य औषधि के उपयोग में होता है।
सफेद आलू की तुलना में काले आलू से अच्छा प्रॉफिट
सफेद आलू की तुलना में काले आलू की कीमत बाजार में अच्छी होती है। बाजार में यह 70 रुपए प्रति किलो और इससे ज्यादा में भी बिकता है। क्योंकि काले आलू में कई औषधीय गुण होते हैं। काला आलू शुगर फ्री होने के साथ ही आयरन से भरपूर होता है। आकाश बताते हैं कि इस आलू का रंग काला होता है। इसे खाने से आयरन की कमी पूरी होती है।
खून की कमी वाले मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। किसान आकाश चौरसिया ने बताया कि एक एकड़ में काले आलू की खेती में करीब 50 हजार का खर्च आता है। उत्पादन 5 लाख से अधिक का होता है। ऐसे में सफेद आलू की तुलना में काले आलू की खेती ज्यादा फायदेमंद है। Farmer success story
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