जिप्सम खाद को लेकर सरकार ने नई योजना (Fertilizer Scheme) शुरू की है आईए जनते हैं डिटेल..
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Fertilizer Scheme | खेतों की मिट्टी को रसायन मुक्त बनाने के लिए सरकार किसानों को पोषक तत्व बढ़ाने और हरी खाद का उपयोग बढ़ाने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए जिप्सम व टैंचा के बीज के मिनी किट दिए जाएंगे। यह योजना खरीफ सीजन से लागू होगी।
इसके लिए सरकार द्वारा सहकारी काउंटरों पर 9 हजार मीट्रिक टन जिप्सम की व्यवस्था करवाई जा रही है। वहीं हरी खाद के लिए कृषि विभाग को टैंचा के बीज के तीन लाख मिनी किट उपलब्ध करवाए जाएंगे। क्या है पूरी योजना एवं किन्हें मिलेगा लाभ, जानिए..
क्या है पूरी योजना / Fertilizer Scheme
सरकार की योजना है कि जिन खेतों की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, उन खेतों की मिट्टी सुधार के लिए किसानों को जिप्सम निशुल्क दी जाएगी। शेष किसान सहकारी काउंटरों से 50 प्रतिशत अनुदान पर जिप्सम का बैग खरीद सकेंगे। एक किसान सरकारी खर्च पर अधिकतम 1.5 हैक्टेयर के लिए जिप्सम खरीद सकेगा।
किसानों की सूची 31 मई तक होगी तैयार
सरकारी योजना (Fertilizer Scheme) के तहत जिप्सम का वितरण निशुल्क व 50 प्रतिशत अनुदान यानी दो श्रेणी में होगा। टैंचा के बीज मिनी किट निशुल्क दिए जाएंगे। इसके लिए 31 मई तक किसानों की सूची तैयार की जाएगी।
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संयुक्त निर्देशक कृषि विभाग महेंद्र कुमार जैन के अनुसार प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार खरीफ सीजन में टैंचा बीज के मिनी किट व सरकारी खर्च पर जिप्सम उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए विभाग ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। इस योजना में महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह योजना राजस्थान के कृषकों के लिए है।
टैंचा घास की बुआई से मिलेगा फायदा
Fertilizer Scheme | टैंचा घास की बुआई कर बारिश के सीजन में खेतों को उपजाऊ बनाया जा सकता है। किसान को मिट्टी-पानी की जांच रिपोर्ट के अनुसार कम पोषक तत्वों वाले खेतों में ढैचा के बीज की बुआई करनी चाहिए। बुआई के बाद तीन से चार फीट ऊंचाई तक बढ़वार आने के बाद खड़ी फसल पर ट्रैक्टर से हल चलाकर मिट्टी में दबा देना चाहिए। ऊंचा की फसल मिट्टी में दबने के बाद बारिश होने से हरी खाद का रूप ले लेती है। इससे फसलों की अच्छी पैदावार मिलने लगती है।
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इधर समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन को लेकर अभियान शुरू (Fertilizer Scheme)
इधर दूसरी ओर राजस्थान के सभी जिलों में उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक जिले की ग्राम पंचायत स्तर पर कृषक गोष्ठियों का आयोजन कर मृदा की उर्वरा शक्ति बनाए रखने को लेकर लिए किसानों को जानकारी दी जा रही है। यह अभियान 12 जून 2025 तक चलेगा।
इस अभियान के तहत गांव-गांव में फसल उत्पादन के लिए गोबर की खाद सहित कार्बनिक खाद और नैनो उर्वरकों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। संयुक्त निदेशक (कृषि) वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि बुवाई के समय फास्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है। किसानों को फास्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर निर्भरता के कारण डीएपी की उपलब्धता मांग अनुरूप नहीं हो पाती है। : Fertilizer Scheme
इसलिए भूमि में संतुलित पोषक तत्वों की आपूर्ति व वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग उपयोग बढ़ाकर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए भारत सरकार की ओर से पीएम प्रणाम योजना क्रियान्वित की जा रही है। इसके साथ ही नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देकर परम्परागत उर्वरकों पर निर्भरता कम किए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्बनिक खादों का प्रयोग अधिक करें
Fertilizer Scheme | भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम कर कार्बनिक खादों यथा-गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, खली, खली, प्रोम, फरमेंटेशन ऑर्गेनिक मैन्योर, लिक्विड फरमेंटेशन ऑर्गेनिक मैन्योर, ऑर्गेनिक मैन्योर का अधिक से अधिक उपयोग के लिए कृषकों को प्रेरित किया जाएगा।
साथ ही जैव उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा व नैनो यूरिया व नैनो डीएपी जो कि एक आधुनिक तकनीकी से तैयार तरल उर्वरक है, जिसका बहुत कम मात्रा में उपयोग सीधा पौधों की पत्तियों पर छिड़काव से लागत में कमी तथा फसलों की उत्पादकता मे वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाता है।
उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की सलाह (Fertilizer Scheme)
कृषकों को बुवाई के समय डीएपी के विकल्प के रूप में एक बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग एसएसपी व एक बैग यूरिया के उपयोग की सलाह दी जा रही है। इससे फसलों को नत्रजन व फॉस्फोरस के अतिरिक्त गंधक व केल्सियम की आपूर्ति भी होती है। : Fertilizer Scheme
संयुक्त निदेशक ने बताया कि भूमि की उर्वरा बनाए रखने के लिए मुख्य पोषक तत्वों को आदर्श अनुपात 4:2:1 के रूप में देना। वर्तमान में यूरिया, एनपीके व एसएसपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होने से आगामी मौसम के लिए उर्वरकों की कम नहीं हो। इसके लिए किसानों को अपनी जरूरत के कुछ मात्रा में उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की सलाह दी जा रही है। : Fertilizer Scheme
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