गेहूं के भाव कम करने के लिए सरकार ने लिया एक ओर बड़ा फैसला, पढिए डिटेल..

किसानों के लिए गेहूं के भाव को लेकर बड़ी खबर है, सरकार ने Gehun bhav कम करने के लिए क्या आदेश दिया है, जानिए..

Gehun bhav | देश भर में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हो चुकी है। इस वर्ष गेहूं की पैदावार कम बैठ रही है, वहीं दूसरी बार गेहूं के दाम मंडियों में अच्छे मिल रहे हैं। यही कारण है कि सरकार गेहूं के भाव को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रही है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और देश में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं और चावल की स्टॉक पर कड़ी नजर रख रहा है।

सरकार ने गेहूं की जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए आदेश जारी किया है कि देश में गेहूं के सभी खुदरा और थोक व्यापारियों को 1 अप्रैल से आधिकारिक पोर्टल पर अपने स्टॉक की स्थिति घोषित करनी होगी। निर्देश में कहा गया है कि अगले आदेश तक हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति अपडेट करनी होगी। इसी आदेश के साथ सरकार ने अब गेहूं के भाव Gehun bhav  कम करने के लिए एक ओर आदेश जारी किया है आईए जानते हैं पूरी डिटेल..

गेहूं के वर्तमान भाव

सरकार के भाव नियंत्रित करने के प्रयासों के बीच लोकवन, शरबती पूर्णा सहित कुछ अन्य वैरियटयों का गेहूं मंडियों में कम मात्रा में आ रहा है, जिसके कारण इनके भाव अधिक बने हुए हैं। जबकि अन्य वैरियटयों के दाम में कमी आई है व्यापारियों के अनुसार सरकार के हालिया आदेशों के पश्चात गेहूं के भाव में 100 से 200 रुपए की गिरावट हुई है।

गेहूं फ्लोर मिल डिलीवरी भाव – नीमरानी 2535 देवास 2515 बजरंग 2380 मिल 2510 सघवी फूड 2500 अदाणी 2560 चमेली 2560 कंमाडर 2560 पारख 2435 पीथमपुर 2450 अक्षत 2550 रानीसती 2590 बानापुरा 2440 रुपए प्रति क्विंटल। मंडियों में Gehun bhav गेहूं के भाव 1900 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल तक बने हुए हैं। Gehun bhav इंदौर की छावनी और लक्ष्मीबाई मंडी में अच्छी क्वालिटी के गेहूं की आवक न के बराबर है। बाजार स्थिर है। मिल क्वालिटी गेहूं 2400-2450, मालवराज 2400-2450, पूर्णा 2650-2700 और लोकवन 2800 से 2850 रुपये क्विंटल बिका।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।   

👉👉सोयाबीन के भाव में तेजी आई, प्लांटों ने खरीदी भाव बढ़ाए, जानिए प्लांटों एवं मंडी के भाव..

भाव नियंत्रण के लिए पहले यह आदेश जारी हुआ था

बीते साल गेहूं खरीदी के लक्ष्य में पिछड़ने और इस साल केंद्रीय गेहूं भंडार रिकार्ड स्तर पर फिसलने के बाद सरकार इस सीजन में किसी भी स्थिति में पर्याप्त खरीदी करना चाहती है। वहीं दूसरी ओर समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल से मंडी भाव अधिक हैं। एमपी और राजस्थान सरकार ने इस Gehun bhav भाव के अतिरिक्त 125 बोनस दिए जाने का आदेश दिया है, इन दोनों राज्यों में 2400 रुपए प्रति क्विंटल के मान से गेहूं की खरीदी हो रही है। इसके बावजूद सरकारी खरीदी बेहतर हो इसके लिए पिछले दिनों सरकार ने स्टॉक प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया था।

सरकार की अपेक्षा है कि इस तरह किसान समर्थन मूल्य पर Gehun bhav सरकार को ही माल बेचेंगे। हालांकि विश्लेषक मान रहे है कि इसका एक अर्थ यह भी निकाला जा सकता है कि सरकार को आशंका है कि खुले बाजार में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं, ऐसे में किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से बचने लगेंगे। सरकार की चिंता है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत भारी मात्रा में गेहूं का वितरण विपणन किया जाता है। भारतीय खाद्य निगम को कई अन्य योजनाओं में भी गेहूं की आपूर्ति करनी पड़ती है।

केंद्र सरकार नें दिसंबर 2023 में केंद्र ने गेहूं भंडारण की सीमा में संशोधन किया था। खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक खुदरा दुकान के लिए संशोधित सीमा 10 MT टन से घटाकर 5 MT टन कर दी गई। बिग चेन रिटेलर्स को अपने प्रत्येक आउटलेट के लिए 5 MT टन और अपने सभी डिपो पर 1,000 MT टन स्टॉक रखने की अनुमति दी गई थी।

Gehun bhav पहले यह क्रमशः 10 MT टन और 2000 MT टन था। सरकार ने कहा था कि अगर संस्थाओं के पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा में लाना होगा। इसके साथ ही सभी श्रेणियों की संस्थाओं द्वारा चावल स्टॉक की घोषणा पहले से ही की जा रही है।

स्टाक बढ़ाने के प्रयास में सरकार

Gehun bhav चीन के बाद भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। मई 2022 में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में इसके उत्पादों का निर्यात भी रोक दिया गया। प्रमुख उत्पादक राज्यों में नए गेहूं की फसल कटने लगी है। मगर मंडियों में इसकी आवक कम हो रही है। फ्लोर मिलर्स एवं व्यापारिक फर्मों के पास भी गेहूं का स्टाक समाप्त हो रहा है और किसानों के पास पिछला स्टाक ज्यादा नहीं है।

इसलिए उसे Gehun bhav गेहूं खरीदने की सख्त जरूरत है, मगर सरकार पहले अपने स्टाक को बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में इसकी खरीद करना चाहती है। इसलिए सरकार ने स्टॉक प्रदर्शित करने के अलावा अब अब केंद्र सरकार ने घरेलू व्यापारिक फर्मों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कहा है कि फिलहाल वे स्थानीय स्तर पर किसानों से नए सीजन के गेहूं की खरीद न करें।

सरकार ने अब यह आदेश जारी किया 

केंद्र सरकार ने वैश्विक व घरेलू कारोबारियों को घरेलू किसानों से नए सीजन का गेहूं खरीदने से बचने को कहा है। 2007 के बाद इस तरह की यह पहली सलाह है। सूत्रों ने कहा, सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के घटते भंडार को बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदने की तैयारी में है। इसलिए, निजी व्यापारियों को अनौपचारिक रूप से कम-से-कम अप्रैल में उन थोक बाजारों से दूर रहने को कहा गया है, जहां किसान अपनी उपज एफसीआई या इन व्यापारियों को बेचते हैं। Gehun bhav

छोटे व्यापारियों व प्रोसेसर को छोड़कर हर किसी को सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने शीर्ष गेहूं उत्पादक राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि निजी व्यापारी इस साल कम-से-कम तीन करोड़ टन गेहूं खरीदने की भारतीय खाद्य निगम की योजना के रास्ते में बाधा न बनें।

भारतीय खाद्य निगम ने 2023 के दौरान स्थानीय किसानों से 2.62 करोड़ टन गेहूं की खरीदारी की थी, जबकि सरकार की ओर से खरीदारी लक्ष्य 3.41 करोड़ टन रखा गया था। देश के अनाज बाजारों में सक्रिय व्यापारियों में कारगिल, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर लुईस ड्रेफस और ओलम समूह शामिल हैं। Gehun bhav

देश में सरकारी खरीद बीते वर्ष से बेहतर

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी Gehun bhav के लिहाज से ताजा सीजन सरकार के लिए बेहतर होता दिख रहा है। देश में अब तक 2.56 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीदी हो चुकी है, जो बीते वर्ष इसी अवधि के मुकाबले करीब 18 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी मप्र की है। इस सरकारी खरीद में मप्र में कुल 2.52 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। वहीं 3325 टन राजस्थान में और 147 टन उप्र के किसानों से खरीदा गया है।

Gehun bhav केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश की मंडियों में मार्च माह तक जितनी गेहूं की आवक हुई उसका 31 प्रतिशत सरकार खरीद चुकी है। देशभर की मंडियों में अब तक 8.26 लाख टन गेहूं की आवक देशभर की मंडियों में हुई है। आवक में इस साल बीते साल इसी अवधि के मुकाबले सिर्फ तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

इस लिहाज से सरकारी खरीद में 31 प्रतिशत की वृद्धि का आंकड़ा सरकार के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है। बीते साल के आंकड़े देखे तो इसी अवधि में Gehun bhav गेहूं की सरकारी खरीद मंडी में हुई कुल आवक का सिर्फ 13 प्रतिशत थी। सीधे तौर पर इस साल जल्दी गेहूं खरीद शुरू करने का लाभ सरकारी भंडार को मिलता दिख रहा है।

एमएसपी पर गेहूं खरीदी का आंकड़ा बड़ा

Gehun bhav सरकार के आदेश के पश्चात इसका असर भी दिखाई देने लगा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से भारत सरकार द्वारा गेहूं की खरीद अप्रैल के पहले तीन दिनों के भीतर 32 प्रतिशत बढ़ गई है। इस बढ़ोतरी में पिछले महीने खरीदी गई मात्रा शामिल नहीं है। हालांकि खरीद आम तौर पर 1 अप्रैल से शुरू होती है, सरकार ने इस साल जल्दी खरीद शुरू की और परिणामस्वरूप 31 मार्च तक 0.26 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च से शुरू होने के बाद से 3 अप्रैल तक गेहूं की खरीद 0.59 मिलियन टन थी, जो एक साल पहले के 0.35 मिलियन टन से 67 प्रतिशत अधिक थी। यह सरकार के लिए उत्साहजनक है, क्योंक‍ि प‍िछले दो सीजन से लक्ष्य ज‍ितनी खरीद नहीं हो पा रही थी। Gehun bhav कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन 112.02 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर होने का अनुमान लगाया है। उधर, खाद्य मंत्रालय ने संभावित खरीद 37.29 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है। हालांक‍ि, प‍िछले दो सीजन की बात करें तो सरकार खरीद लक्ष्य से काफी पीछे रही है।

गेहूं के भाव पर यह पड़ेगा असर

केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के पश्चात गेहूं के भाव Gehun bhav पर असर पढ़ने की संभावना बढ़ गई है। इस आदेश के पश्चात व्यापारी वर्ग अधिक मात्रा में स्टॉक नहीं कर पाएंगे। मंडी में गेहूं का भाव कम होने की संभावना है।

चपाती बनाने के लिए प्रयुक्त गेहूं की वैरियटयों के दाम कम होने की संभावना नहीं है। वर्तमान में गेहूं के भाव औसत रूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात 2400 रुपए प्रति क्विंटल के समकक्ष बने हुए हैं। सरकार द्वारा दिए गए निर्णय के पश्चात इसमें ₹200 तक की गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।

एमपी की मंडियों में गेंहू का भाव (5 अप्रैल)

  • उज्जैन मंडी Gehun bhav 1800 से 3171 रू,
  • नागदा मंडी 2151 से 2686 रु,
  • इंदौर लक्ष्मीबाई नगर मंडी 1950 से 2980 रु,
  • इंदौर संयोगितागंज मंडी 2400 से 3300 रु,
  • सीहोर मंडी 2005 से 4450 रु,
  • देवास मंडी 1800 से 3200 रु,
  • धार मंडी 1900 से 3162 रु,
  • हरदा मंडी 2150 से 2631 रु,
  • बैतूल मंडी 2000 से 2551 रु,
  • धामनोद मंडी 2100 से 2650 रु,
  • खरगोन मंडी 2150 से 2706 रु,
  • खंडवा मंडी 1800 से 2643 रु,
  • आष्टा मंडी 2200 से 4341 रु,
  • टिमरनी मंडी 2001 से 2520 रु,
  • शाजापुर मंडी 2095 से 2878 रु,
  • बदनावर मंडी 1800 से 2945 रु,
  • बड़नगर मंडी Gehun bhav 2108 से 3125 रु,
  • छिंदवाड़ा मंडी 2000 से 2611 रु,
  • करही मंडी 2285 से 2510 रु,
  • राजगढ़ (धार) मंडी 2276 से 3061 रूपये क्विंटल रहा।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।   

यह भी पढ़िए….👉 ग्रीष्मकालीन मूंग की ये वैरायटी किसानों को बनायेगी मालामाल, प्रति एकड़ देगी 30 क्विंटल पैदावार

👉बाजार में महिंद्रा के इन टॉप 5 ट्रैक्टरों की भारी डिमांड, जानें टॉप 5 मॉडल की कीमत एवं खासियत

👉कृषि विज्ञानियों ने तैयार की गेहूं की नई वैरायटी Hi-1650 पूसा ओजस्वी, इस वैरायटी की पैदावार व खासियत के बारे में डिटेल जानें

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment