सरसों की बोवनी 4 लाख हेक्टेयर में हुई, बंपर पैदावार के लिए अभी यह काम करें..

जानें, सरसों की अच्छी खेती Good yield of mustard में शुरुआती समय में किन कामों को करने से होता है ज्यादा फायदा।

Good yield of mustard | इस समय रबी फसलों की बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है। सरसों की बात करें तो अभी यह 10 से 20 दिन की हो गई है। रबी फसल की प्रमुख फसलों में सरसों का भी अपना एक अलग स्थान हैं। यह तिलहनी फसलों में गिनी जाती है। सरसों व उसके तेल के बाजार भाव अन्य फसलों की अपेक्षा सही मिल जाते हैं। ऐसे में अधिकांश किसान इसकी खेती करते हैं।

एक तरह से देखा जाए तो सरसों की खेती से किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। हालांकि इसके लिए बाजार पर नजर और भावों में उतार-चढ़ाव की जानकारी रखनी जरूरी है ताकि इससे बेहतर लाभ लिया जा सके। सरसों की बुवाई Good yield of mustard  के बाद अच्छी फसल के लिए किसान भाईयों को कुछ महत्वपूर्ण काम करने होंगे। जिससे की सरसों की बंपर पैदावार हो। सरसों की अच्छी पैदावार के लिए जो काम करने होंगे, यहां आर्टिकल में आपको उनकी जानकारी दी जायेगी।

सरसों की बोवनी 4 लाख हेक्टेयर में अधिक

Good yield of mustard वर्तमान रबी सीजन में 27 अक्टूबर तक सरसों की कुल बोवनी 27.582 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि गत वर्ष 23.678 लाख हेक्टेयर में अर्थात गत वर्ष से 4 लाख हेक्टेयर में अधिक। राजस्थान में 14.042 लाख हेक्टेयर उत्तरप्रदेश 8.457 मध्यप्रदेश 4.93, पश्चिम बंगाल 0.035, अन्य 0.118 लाख हेक्टेयर में हुई है।

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सरसों में अंकुरण के बाद इस किट का प्रकोप..

सरसों में अंकुरण के बाद सरसों की फसल Good yield of mustard को पेंटेड बग कीट का प्रकोप होता है। यह कीट 7 से 10 दिन की अवस्था में पौधे की पत्तियों का रस चूसकर फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। ऐसे में इस कीट से फसल को बचाने के उपाय किसानों को करने चाहिए।

इसी प्रकार एक दूसरा कीट आरा मक्खी कीट भी सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाती है। इस कीट की सूंडी फसल को नुकसान पहुंचाती है और पौधे को पत्ती रहित कर देती है। केवल डंठल रह जाता है। ऐसे में किसानों के लिए सरसों की फसल Good yield of mustard की प्रारंभिक अवस्था में निगरानी करना बेहद आवश्यक है।

सरसों में पेंटेड बग और आरा मक्खी नियंत्रण के उपाय

Good yield of mustard  में पेंटेड बग कीट और आरा मक्खी के नियंत्रण के लिए खेत में बुवाई से पहले फसल अवशेषों व खरपतवारों को नष्ट कर देना चाहिए। हमेशा बीजों को उपचारित करके ही बोना चाहिए। पेंटेड बग एवं आरा मक्खी का प्रकोप अधिक हो तो इसकी रोकथाम के लिए सुबह व शाम के समय कीटनाशक रसायन का छिड़काव करना चाहिए।

सरसों कीट के लिए क्या करें रासायनिक उपाय

सरसों की फसल Good yield of mustard में कीटों का प्रकोप होने पर किसान इसके नियंत्रण के लिए रासायनिक उपाय भी अपना सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पेंटेड बग कीट के नियंत्रण के लिए थामोमिथेक्साम 30 एफएम, 5.0 ग्राम या इमिडाक्लोपिड 48 एफ.एस. 6.0 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार करके बुवाई करनी चाहिए।

वहीं पेंटेड बग और आरामक्खी कीट की रोकथाम के लिए क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20-25 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से सुबह या शाम के समय छिड़काव करना चाहिए।

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सरसों की फसल में लगने वाले कीट

सरसों की फसल Good yield of mustard में चेपा या माहू कीट का प्रकोप भी होता है। यह एक पंखहीन या पंखयुक्त हल्के स्लेटी या हरे रंग के 1.5-3.0 मिमी, लंबे, चुभाने एवं चूसने वाले मुखांग वाला छोटा कीट होता है।

इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर एवं क्षतिग्रस्त तो करता ही है, साथ ही रस चूसते समय पत्तियों पर मधुस्त्राव भी करते हैं। इस मधुस्त्राव पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है। इस कीट का प्रकोप दिसंबर-जनवरी से लेकर मार्च तक रहता है।

सरसों में चेपा या माहू कीट नियंत्रण के उपाय

Good yield of mustard चेपा या माहू कीट पर नियंत्रण के लिए आप प्राकृतिक और रासायनिक दोनों तरह के उपाय अपना सकते हैं। माहू/चेपा कीट के लिए प्राकृतिक शत्रुओं का संरक्षण किया जा सकता है जो इन्हें नष्ट करें। इस कीट से प्रारंभ में प्रकोपित शाखाओं को तोड़कर भूमि में गाड़ दें।

रसायनिक नियंत्रण – सके अलावा इसके लिए आप रासायनिक उपाय भी अपना सकते हैं। इसमें जब फसल में कम से कम 10 प्रतिशत पौधे की संख्या चेंपा से ग्रसित हो व 26-28 चेंपा प्रति पौधा Good yield of mustard हो तब एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एसपी 500 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 150 मिली. को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टेयर की दर से शाम के समय फसल पर छिड़काव करना चाहिए। यदि दुबारा से कीट का प्रकोप हो तो 15 दिन के अंतराल में पुन: इस छिड़काव को दोहराया जा सकता है।

सरसों तेल के भाव की स्थिति

Good yield of mustard वर्तमान तेल वर्ष नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 के प्रथम 11 माह के दौरान भारत में खाद्य तेल का आयात एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 1.26 करोड़ टन की तुलना में 1.54 करोड़ टन हुआ। एक अनुमान के अनुसार पूरे तेल वर्ष में 1.65 करोड़ टन हो सकता है।

जानकार सूत्रों के अनुसार पिछले 4 माह में कच्चे खाद्य तेलों के आयात को बढ़ावा मिला है। उपरोक्त अवधि में कच्चे खाद्य तेलों का आयात 1.34 लाख टन हो गया, जबकि गत वर्ष केवल 1.9 करोड़ टन का हुआ था।

Good yield of mustard वर्तमान तेल में सितंबर माह तक आरबीडी पामोलीन का आयात 20.53 लाख टन, सोया तेल और सनफ्लावर तेल का आयात 56.35 लाख टन से बढ़कर 63.87 लाख टन हुआ। कम कीमत होने की वजह से कच्चा पाम तेल और रिफाइंड तेलों सहित पाम तेल उत्पादों का कुल आयात एक वर्ष 70.30 लाख टन से बढ़कर 90.80 लाख टन हो गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट से अगस्त माह में आयात को बढ़ावा मिला है, किंतु घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ने से सितंबर माह में कच्चा पाम तेल का आयात 8.24 लाख टन से घटकर 7.5 लाख टन, आरबीडी पामोलीन 2.83 लाख टन से घटकर 1.29 लाख टन सनफ्लावर का आयात 3.65 लाख टन से घटकर 3 लाख टन रहा।

सितंबर माह में सोया तेल Good yield of mustard का आयात 3.59 लाख टन हुआ। सोया तेल में विशेष कामकाज नहीं हुआ और न बड़ी तेजी-मंदी। शुक्रवार को रात को शिकागो आंशिक रूप से सुधरकर आने से प्लांटों के भाव बढ़ा दिए गए। 

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