किसानों की परेशानी बढ़ी, बोवनी के पश्चात पानी नहीं गिरा, खंड वर्षा जैसी स्थिति, एमपी में किस तारीख से होगी झमाझम बारिश जानिए..

मध्य प्रदेश में बोवनी के पश्चात क्या स्थिति बनी है एवं बारिश का सटीक Heavy Rain Forecast अनुमान देखें..

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Heavy Rain Forecast | 23 जून से मध्यप्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया था मानसून की बारिश के बाद एमपी के लगभग 80 फीसदी किसानों ने खरीफ फसल की बोवनी कर दी है। कुछ जिलों में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण बोवनी नहीं हो पाई। इधर दूसरी ओर अब बारिश न होने से तेज धूप और गर्मी के कारण किसानों को खेतों में बीज अंकुरण न होने का डर सता रहा है। साथ जो अंकुरण जैसे-तैसे हो भी रहा है, तो तेज धूप से मुरझा रहा है। आसपास आए दिन बादल बरस रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है।

तेज धूप के साथ उमस और गर्मी बढ़ रही है। इसके कारण किसानों ने खेतों में जो बीज डाला है, वह जमीन सूखने से अंकुरित न होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। देखा जाए तो प्रदेश में खंड वर्षा जैसी स्थिति बन गई है। जबकि मानसून Heavy Rain Forecast अब आगे बढ़ चुका है। ऐसे में आने वाले समय के दौरान प्रदेश में बारिश की क्या स्थिति रहेगी एवं किस तारीख से प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू होगा आइए जानते हैं..

बोवनी को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने यह कहा

Heavy Rain Forecast | प्रदेश में बनी को लेकर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जहां खेत में नमी है, वहां बोवनी का बीज का दाना अंकुरित हो जाएगा। यदि ऊपर जमीन सूख गई है तो अंकुरण बाहर नहीं आ पाएगा। इससे दाना और फसल दोनों खराब होने की आशंका रहेगी। जहां जमीन के अंदर नमी नहीं है, वहां दाना अंकुरित नहीं होगा।

वहां बारिश के बाद अंकुरित हो जाएगा। दाना खराब नहीं होगा। हालांकि वर्तमान मौसम को देखते हुए दोनों ही स्थिति बनी हुई है। इस बारे में कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत किसान बोवनी कर चुके हैं। बारिश नहीं होने से खेतों की नमी धीरे-धीरे खत्म हो रही है। साथ ही तेज धूप से अंकुरित पौधे भी मुरझा रहे हैं। : Heavy Rain Forecast

मानसून की सक्रियता के बाद भी निमाड़ सूखा

23 जून से मध्यप्रदेश में सक्रिय मानसून होने के बाद भी निमाड़ क्षेत्र मानसूनी वर्षा से अछूता है। हल्की-फुल्की फुहार के बाद भी मानसून नहीं बरसा। ऐसी स्थिति में किसानों द्वारा अपने खेतों में बोई गई सोयाबीन की फसल प्रभावित होने की चिंता सताने लगी है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द बारिश नहीं होती है, तो दोबारा बोवनी करनी पड़ सकती है। : Heavy Rain Forecast

इन दिनों क्षेत्र में गर्मी और उमस से खेतों में नमी गायब होती जा रही है। ऐसी स्थिति में अंकुरित हुई सोयाबीन की फसल प्रभावित हो सकती है। कहीं ऐसा न हो कि लंबी खँच होने के कारण किसानों को फिर से बोवनी करनी पड़े।

अभी क्षेत्र में कपास, सोयाबीन, मक्का, पपीता, केला आदि की फसलें लगी हुई हैं। Heavy Rain Forecast जहां पर सिंचाई के साधन हैं। वहाँ पर किसान सिंचाई कर अपनी फसलों को बचा रहा है, लेकिन सोयाबीन जैसी फसलों को बचाने के लिए ऊपर से होने वाली बारिश की अधिक आवश्यकता है। तभी सोयाबीन की फसल बच सकती है।

किसानों को मौसम विभाग के अनुमान पर भरोसा नहीं

Heavy Rain Forecast | किसानों ने बताया कि एक तो बाजार में सोयाबीन के भाव नहीं है। इसके बावजूद सोयाबीन का विकल्प नहीं होने के कारण सोयाबीन की बोवनी करना पड़ रही है। किसानों ने बताया कि अगर इसी प्रकार मानसून की बेरुखी रही तो काफी नुकसान होने की संभावना है। अधिकतर क्षेत्रों में किसान बोवनी कर चुके हैं और बोवनी का समय भी बीता जा रहा है।

ऐसी स्थिति में किसान आगे बोवनी के पक्ष में नहीं है। इधर दूसरी ओर किसानों को मौसम विभाग के अनुमान पर भरोसा नहीं है। किसानों ने कहा कि मौसम विभाग की बार-बार सूचना ही प्राप्त होती है कि भारी बारिश होगी, लेकिन कहीं भी बारिश का नाम नहीं है। मौसम विभाग का अनुमान कभी कभार ही सटीक रहता है। : Heavy Rain Forecast

सोयाबीन, मक्का, कपास की बुवाई अधिक हुई

किसानों को उम्मीद थी कि बोवनी के बाद बारिश जारी रहेगी। इसके बाद बादल तो छाए, लेकिन बारिश नहीं हुई। बारिश के भरोसे किसानों ने खेतों में खाद डालकर सोयाबीन और मक्का, कपास सहित अन्य खरीफ की फसलों की बोवनी की है।

लेकिन अब किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। किसानों की माने तो एक दो दिन बारिश नहीं होती है, तो दोबारा बोवनी करनी पड़ सकती है। कृषि विभाग से मिली जानकारी प्रदेश में सोयाबीन, मक्का, कपास की बुवाई कीगई है। इसके अलावा अन्य फसलें की भी किसानों ने बोवनी की हुई है। : Heavy Rain Forecast

प्रदेश में बारिश की आगे क्या स्थिति रहेगी

मौसम विशेषज्ञ डॉ. सौरव गुप्ता के अनुसार फिलहाल प्रदेश में मानसून सिस्टम सक्रिय है। लेकिन अभी एक जैसी बारिश की स्थिति नहीं है। कहीं कहीं बारिश हो रही है। अभी एक सप्ताह ऐसी ही स्थिति रहेगी। 5 जुलाई से एक जैसी बारिश होने के आसार है। एक-दो दिन में मानसून पूरे भारत को कवर कर लेगा। : Heavy Rain Forecast

इससे समानता आ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से कोई प्रेशर नहीं चल रहा है। मानसून की सक्रियता के कारण कहीं कहीं बारिश हो रही है। प्रदेश में आगामी 5 जुलाई के पश्चात तेज बारिश का दौर शुरू होगा। इसके पहले खंड वर्षा होती रहेगी।

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पूरे प्रदेश में मानसून पहुंचा

Heavy Rain Forecast | गौरतलब है कि 21 जून को 6 जिले- पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिलों में सबसे पहले मानसून पहुंचा।

23 जून को 26 जिले- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, सीधी, सिंगरौली में मानसून एंटर हुआ। : Heavy Rain Forecast

25 जून को 17 जिले- झाबुआ, रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर, शाजापुर, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा और मऊगंज जिलों में मानसून आया।

27 जून को 6 जिले- ग्वालियर, श्योपुरकलां, भिंड, मुरैना, दतिया और निवाड़ी जिलों में मानसून पहुंचा।

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प्रदेश के इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट

Heavy Rain Forecast | मौसम विभाग ने भोपाल, ग्वालियर, श्योपुरकलां, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सिंगरौली, जबलपुर, उमरिया, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट आदि जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।

इसके साथ ही प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, देवास, गुना, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, शहडोल, अनूपपुर, सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी समेत पूरे प्रदेश का मौसम बदला रहेगा। इन जिलों में आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। : Heavy Rain Forecast

देश में मानसून की स्थिति

दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार में 19 मई को पहुंच गया था। केरल में इस बार दो दिन पहले, यानी 30 मई को मानसून पहुंचा। इसी दिन नॉर्थ-ईस्ट राज्यों को भी कवर कर लिया। फिर 12 से 18 जून तक (6 दिन) मानसून रुका रहा। 6 जून को मानसून ने महाराष्ट्र में एंट्री ली और 11 जून को गुजरात में दाखिल हुआ।

मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पूरी तरह कवर कर चुका था। साथ ही दक्षिण महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, दक्षिणी ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पश्चिमोत्तर राज्यों में पहुंच गया था। : Heavy Rain Forecast

18 जून तक मानसून महाराष्ट्र के जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद मानसून रुका रहा। 21 जून को मानसून डिंडौरी के रास्ते मध्य प्रदेश पहुंचा और 23 जून को गुजरात में आगे बढ़ा।

राजस्थान में मानसून ने 25 जून को एंट्री ली और मध्य प्रदेश के आधे के ज्यादा क्षेत्र को कवर कर लिया। 25 जून की ही रात मानूसन ललितपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ। 26 जून को मानसून MP और UP में आगे बढ़ा। 27 जून को मानसून उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तरी पंजाब में दाखिल हुआ। : Heavy Rain Forecast

28 जून को मानसून ने दिल्ली और हरियाणा में एंट्री ली। 3 जुलाई तक मानसून के दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान पूरी तरह कवर कर लेने का अनुमान है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम यानी 92% लंबी अवधि के औसत (LPA) से कम रहेगा।

राजस्थान सहित 9 राज्यों में आज भारी बारिश की चेतावनी

Heavy Rain Forecast | मौसम विभाग का अनुमान है कि मानसून के आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक परिस्थितियां बनी हुई हैं। आमतौर पर मानसून के पूरे भारत को कवर करने की सामान्य तारीख 8 जुलाई है। हालांकि, इस बार इसके एक हफ्ते पहले ही सभी राज्यों में पहुंचने की संभावना है।

IMD ने यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में 2 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी है। गुजरात, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। 2 जुलाई के बाद पूरा सेंट्रल इंडिया तेज बारिश की जद में होगा। : Heavy Rain Forecast

अब तक सामान्य से कम बारिश हुई

मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दो-तीन दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश से बीते गुरुवार (27 जून) तक जून में बारिश की जो कमी 19% थी, वह शनिवार (29 जून) को घटकर 14% रह गई है।

29 जून तक सामान्यत: 157.7mm बारिश होनी चाहिए, लेकिन शनिवार तक 136mm बारिश हुई है। यह तीसरा वर्ष होगा, जब जून में सामान्य से कम बारिश दर्ज होगी। 10 वर्षों में ऐसा चार बार ही हुआ है कि जून माह में बारिश सामान्य से ज्यादा हुई है। : Heavy Rain Forecast

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