जानें गेंहू की फसल में खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे Herbicide spraying कब-कब एवं कितने कितने दिन बाद करें..
Herbicide spraying | गेंहू एवं अन्य रबी फसलों में इस समय खरपतवार की दिक्कतें सामने आती है। यदि खरपतवार का प्रबंधन नहीं किया जाए तो, उत्पादन पर असर पड़ता है। गेंहू की अच्छी पैदावार के लिए किसान साथियों को फसल की देखभाल करना जरूरी है। हालांकि रबी सीजन में खरपतवार प्रकोप इतना ज्यादा देखा नही जाता है।
लेकिन खरपतवार तो खरपतवार Herbicide spraying रहती है। अगर खेत में ज्यादा खरपतवार रहे तो वह जरूर फसल को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में आज हम आपको यहां गेंहू की फसल में लगने वाली चौड़ी पत्ती, मिश्रित खरपतवार एवं संकरी पत्ती वाले खरपतवार के लक्षण एवं उनके प्रबंधन के बारे में जानकारी देने जा रहे है। तो आइए जानते है..
बिजाई के 35 से 40 दिन बाद डालें खरपतवार नाशक दवाई
Herbicide spraying | किसान बिजाई के 21 दिन बाद फसल में पहली सिंचाई करे, जबकि बिजाई के 35 से 45 दिन के बाद फसल में खरपतवारनाशक दवा का स्प्रे प्रति एकड़ 200 लीटर पानी का घोल बनाकर साफ मौसम में दोपहर के समय करें।
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गेहूं के खेतों में बहुत से अनावश्यक पौधे उग जाते हैं, जो खरपतवार होते हैं। खरपतवार नियंत्रण Herbicide spraying समय पर करना अति आवश्यक है। यदि किसान ऐसा नहीं करते तो उनके खेतों में पैदावार कम रह जाती है। खेती पर लागत पूरी होने के बाद उपज कम मिलने पर किसान चिंतित होते हैं। ऐसे में किसानों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
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ऐसे करें खरपतवार की रणनीति
Herbicide spraying | भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनिल खिप्पल ने कहा कि बुआई के लिए हमेशा खरपतवार रहित गेहूं के बीज का उपयोग करें। साथ ही साथ..
- खरपतवार नाशक को सही मात्रा, सही समय व उपयुक्त तकनीक से छिड़काव करें।
- बुआई के 35 से 45 दिन की अवधि में छिड़काव अवश्य कर दें।
- खरपतवारनाशी को अदल-बदल कर उपयोग में लाएं।
- फसल चक्र में चारे वाली फसलें जैसे बरसीम, जई आदि का समायोजन अवश्य करें।
- शाकनाशी प्रतरोधकता नियंत्रण Herbicide spraying के लिए जीरो टिलेज मशीन द्वारा बुआई करने से पहले ग्लाईफोसेट जमा फ्रेंडीमैथालीन का प्रयोग अवश्य करें।
- अधिक असर के लिए सल्फासल्फ्यूरॉन जमा मैटसल्फ्यूरान का पहली सिंचाई से पहले उपयोग करें।
गेंहू में जंगली जई गुल्ली डण्डा खरपतवार नियंत्रण जरूरी
Herbicide spraying/खरपतवार नियंत्रण यदि पहले से ही बिना खरपतवार का खेत हो तो गेंहू में खरपतवारों की समस्या नहीं होती है। यदि कम मात्रा में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार गेंहू के अन्दर उगे हुए हों तो उनसे पैदावार पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि कभी-कभी पैदावार बढ़ भी जाती है लेकिन जंगली जई गुल्ली डण्डा आदि हो तो इन्हें खेत से निकालना अथवा खत्म करना आवश्यक हो जाता है। यदि हाथ से खींचकर, खुरपी द्वारा या हो आदि चलाकर खत्म कर दिया जाय तो उत्तम रहता है।
जंगली जई. गुल्ली डण्डा खरपतवार नाशक दवाई :- गेंहू फसल मे बुवाई के उपरांत खरपतवार नियंत्रण Herbicide spraying जंगली जई. गुल्ली डण्डा निम्न खरपतवारनाशी का छिड़काव बुवाई के 30-35 दिन बाद 120-150 लीटर पानी में प्रति एकड़ फ्लैट फैन – नोजल के द्वारा करना चाहिए।
मिश्रित खरपतवार के लिए खरपतवारनाशक दवाई
Herbicide spraying | मिश्रित खरपतवार के लिए किसान भाई टोटल (सल्फोसल्फ्यूरान + मेंट्सल्फ्यूरान) 16 ग्राम उत्पाद प्रति एकड़ या वेस्टा (क्लोडिनोफाप + मेंट्सल्फ्यूरान) 160 ग्राम उत्पाद प्रति एकड़ या बाडवे (सल्फोसल्फ्यूरान + कार्फेन्ट्राजान) 25 + 20 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर दवाई का छिड़काव कर सकते है।
संकरी पत्ती के लिए खरपतवार नाशक दवाई
जमाव के बाद खरपतवारनाशी Herbicide spraying का प्रयोग 2-3 पत्ती की अवस्था पर करना चाहिए। यदि गुल्ली डंडा जिसे मंडूसी या गेहूं का मामा भी बोलते हैं (phalaris minor) थोड़ा अधिक बड़ा हो जाता है तो यह पाइरझोफॉप प्रोपेनील 15% से नियंत्रित नहीं हो पता है इसके लिए सिंजेंटा कंपनी का एक्सियल (Pinoxaden 5.1%) 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से स्प्रे कर कर सकते हैं।
परन्तु यह संकरी पत्ती के खरपतवार Herbicide spraying विशेष कर गुल्ली डंडा को ही नियंत्रित करता है। अवतार (पाइरझोफॉप प्रोपेनील 15%) 24 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति एकड़, लीडर/सफल/ फतेह (सल्फोसल्फ्यूरान ) 13.5 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति एकड़ या टापिक (क्लोडिनोफाप ) 60 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति एकड़ दवाई का छिड़काव कर सकते है।
चौड़ी पत्ती के लिए खरपतवार नाशक दवाई
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार प्रबंधन Herbicide spraying के लिए 2, 4-डी. सोडियम साल्ट 400 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति एकड़ या कॉनवो या एल्ग्रिप (मेंट्सल्फ्यूरान) 4 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर या एफिनिटि (कार्फेन्ट्राजान ) 08 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति एकड़का छिड़काव करें।
अवतार (पाइरझोफॉप प्रोपेनील 15%) 24 ग्राम सक्रिय तत्व( मतलब 160 ग्राम अवतार) प्रति एकड़ और कॉनवो (मेंट्सल्फ्यूरान 20%) का मिश्रित छिड़काव Herbicide spraying अच्छे परिणाम देता है। पाइरझोफॉप प्रोपेनील 15% गुल्ली डंडा (phalaris minor) को बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित करता है, और बहुत किफायती भी है।
गेंहू की फसल सुरक्षा
यदि बीज उचित स्थान संस्था से खरीदा गया है तो गेहूं की फसल में प्राय: कीट Herbicide spraying व व्याधि का प्रकोप नहीं होता है। इस समय पुरानी अधिकतर गेहूँ की प्रजातियाँ बीमारियों विशेषकर तना एवं पत्तियों के रतुआ के प्रति प्रतिरोधक क्षमता खो चुकी हैं तथा ब्लाइट (पत्तियों का प्रकोप भी देखा जा रहा है।
यदि पत्तियों या तने का रतुआ (रस्ट) का प्रकोप हो तो तुरन्त 10 दिन के अंतराल पर 0.1 प्रतिशत का प्रोपिकोनाजोल (टिल्ट 25 ईसी) का छिड़काव Herbicide spraying कम से कम दो बार करें यह दवा ब्लाइट के लिये भी प्रभावी है। कीट पर अन्य व्याधि का प्रकोप हो तो तुरन्त विशेषज्ञ सलाह से उपचार करें।
गेंहू में पीला रतुआ से ऐसे करें बचाव
पीला रतुआ गेहूं Herbicide spraying की फसल का रोग है, जिसके उत्तर भार में गेहूं की फसल प्रभावित होती है। फसल सत्र के दौरान उच्च आर्द्रता एंव वर्षा से पीले रतुआ के संक्रमण से लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करती हैं।
इस रोग का संक्रमण पौधों के विकास की प्रारंभिक अवस्थाओं में होने पर अधिक हानि हो सकती है। गेहूं की खेती में पीला, भूरा व काला रतुआ से बचाव के लिए किसान मैन्कोजेब (एम. 45) नामक दवाई का 800 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें। आवश्यकता पड़ने पर 10 से 15 दिन के अंतराल पर दूसरा छिड़काव Herbicide spraying करें।
खरपतवार नाशक दवाई का इस्तेमाल करते ये रखें सावधानी
Herbicide spraying | क्लोडिनफॉप/ फिनोक्साप्रॉप / फिनोक्साइडेन को 2.4 डी के साथ न मिलाएं, 2.4डी का छिड़काव पहले छिड़काव के एक सप्ताह के बाद करें। खरपतवारनाशी की अनुशासित मात्रा से कम या अधिक मात्रा में छिड़काव न करें। साथ ही खेत में खरपतवार के बीज न बनने दें।
|| DISCLAIMER || गेंहू में खरपतवार नाशी दवाई के उपयोग से पहले एक बार अपनी नजदीकी कृषि वैज्ञानिकों या दुकानदार से अवश्य सलाह ले लेवे।🙏
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