जल्दी एवं कम पानी में बंपर उत्पादन देगी HI 1650 किस्म, 80 क्विं. पैदावार, जानें डिटेल..

इस साल किसानों के बीच एचडी 3385, डीबीडब्ल्यू 377 के बाद एचआई 1650 चर्चा में। आइए जानते है एचआई 1650 – पूसा ओजस्वी (HI 1650 Wheat Variety) की डिटेल।

👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

HI 1650 Wheat Variety | देशभर में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों की कटाई का कार्य चल रहा है। कही-कही फसलों की कटाई भी हो चुकी है।

इसके साथ ही रबी सीजन के लिए किसान साथी गेंहू का बीज खरीदने में जुट गए है। अच्छे उत्पादन या मुनाफे के लिए जरूरी है गेंहू का अच्छा बीज।

किसानों के बेहतर मुनाफे के लिए भारतीय अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, करनाल और इंदौर द्वारा गेंहू की कई किस्मों विकसित किया गया है।

इन्हीं किस्मों में गेंहू की एचआई 1650 – पूसा ओजस्वी किस्म (HI 1650 Wheat Variety) भी शामिल है। यह खासकर मध्यप्रदेश के लिए अनुशंसित की गई है। यह किस्म पिछले वर्ष ही लॉन्च की गई थी।

इस वर्ष इसका बीज भी उपलब्ध है। आइए आपको बताते है एचआई 1650 गेंहू की अवधि, पैदावार और खासियत सहित अन्य जानकारी के बारे में…

पूसा ओजस्वी – एचआई 1650 गेंहू की जानकारी

HI 1650 Wheat Variety | गेहूँ किस्म एच. आई. 1544 (पूर्णा) के बाद किसान एक ऐसी चमत्कारी, असाधारण खाने वाली गेहूं किस्म का इंतजार कर रहे थे जो कि पूर्णा या अन्य परम्परागत चपाती वाली किस्मों से अधिक उत्पादन, ज्यादा बाजार भाव, अच्छा सुडौल आकर्षक दाना,

कम ऊँचाई व कम बीज दर व जल्दी व कम सिंचाई में भी आने वाली, बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता वाली ऐसे सभी गुणों से सम्पन्न आल इन वन किस्म जिसका डंका पूरे भारत में बजे ऐसी किसानों की अपेक्षा के अनुरूप गेहूँ अनुसंधान केन्द्र (IARI) द्वारा जो कि पूसा नई दिल्ली का एक सहयोगी संस्थान है। ; HI 1650 Wheat Variety

कई वर्षों के गहन अनुसंधान के पश्चात गेहूँ की बॉयो फोर्टीफाईड किस्म एच.आई. – 1650 ( पूसा ओजस्वी ) देश के मध्य क्षेत्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड क्षेत्र हेतु समय पर बोनी हेतु चपाती, ब्रेड, बिस्किट के लिये उपयुक्त हाल ही में जारी की है।

गेहूँ की यह नवीनतम, एडवांस किस्म किसानों की सभी आवश्यकताओं एवं देश में बढ़ती ब्रेड, बिस्किट एवं चपाती वाले गेहूँ की मांग को पूरा करने में एक मील का पत्थर साबित होगी। इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्रमांक एस. ओ. 1056 (E) दिनांक 06.03.2023 है।

गेहूँ की यह अतिविशिष्ट नई जनरेशन कि किस्म HI 1650 Wheat Variety पर पूसा नई दिल्ली के द्वारा कई वर्षों के गहन रिसर्च एवं वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भारी खर्च वाले अनुसंधान कार्य के पश्चात् इस किस्म को जारी किया गया जिसके कारण इस किस्म का प्रजनक (ब्रीडर) बीज जो कि सीमित मात्रा में था उसका पूरा व सही लाभ किसानों को मिले।

👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

पूसा ओजस्वी – एचआई 1650 गेहूं की अवधि, पैदावार और विशेषताएं

HI 1650 Wheat Variety | गेहूं की इस किस्म की हाइट मीडियम रहेगी। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक तेजस गेहूं की हाइट के समान ही इस गेहूं की हाइट है। हाइट मीडियम सामान्य होने के कारण बारिश एवं हवा के दौरान गिरने की समस्या नहीं रहेगी।

मोटे तने और कम लंबाई के कारण फसलें जमीन पर नहीं लेटेगी और खूब पैदावार होगी। इसके अलावा इसकी प्रमुख खासियत विशेषता यह है ही इसकी बाली में 70 से 80 दाने रहते हैं एक रो में चार दाने रहेंगे।

ये भी पढ़ें 👉 गेंहू HD 3385 किस्म सहित 8 नई किस्मों के 40 और 10 किलो पैकेट का बीज मिलेगा, कब और कहां मिलेगा, जानें..

पूसा ओजस्वी का वैज्ञानिक नाम एचआई 1650 है अधिक सिंचाई वाले क्षेत्र में नवंबर माह में बोई जाएगी। एचआई 1650 गेंहू किस्म की औसत उत्पादन 60 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर जबकि, अधिकतम 80 क्विंटल तक पैदावार रहेगा। : HI 1650 Wheat Variety

इसकी बीज दर एक बीघा में 25 क्विंटल और एक हेक्टेयर में 100 किग्रा बीज की बुआई होगी। 90 से 95 सेमी पौधे की ऊंचाई होगी और 115 से 120 दिन में फसल पक जाएगी। 1000 दानों का वजन 45 से 50 ग्राम रहेगा। लंबे आकार का दाना चमकीला और कठोर रहेगा।

इस किस्म की बाली सफेद, पत्तियाँ चौड़ी, सतह मोमी, मजबूत पर्ण झूके हुए तथा पौधा मध्यम ऊँचाई का लगभग 90-92 से.मी. पौधा कम ऊँचाई का होने से आड़ा (लाजिंग) पड़ने की समस्या नहीं जिससे अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन में बढ़ोतरी इस किस्म का पौधा भरा हुआ पत्तियाँ चौड़ी व टिलरिंग अधिक होने से किसानों को अधिक भूसा भी प्राप्त होगा जो कि किसानों को एक अतिरिक्ति आय का लाभ भी निश्चित रूप से देगा। : HI 1650 Wheat Variety

चपाती और अन्य बेकरी आयटम के लिए उपर्युक्त

इस HI 1650 Wheat Variety किस्म का दाना सुडोल, चमकदार, आकर्षक, लम्बाकार रंग अम्बर ( सुनहरा), 1000 दानो का वजन लगभग 50 ग्राम, बाली में दाने खिरने की समस्या नहीं, बॉयो फोर्टिफाईड किस्म होने से इसमें जिंक ( 42.7), आयरन (39.5) पी.पी.एम. एवं प्रोटीन (11.4%) होने के कारण इस किस्म में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में है जो कि देश में कुषोषण की समस्या को दूर करने में भी यह किस्म एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।

इस HI 1650 Wheat Variety किस्म की रोटी सफेद, मुलायम, स्वादिष्ट, ब्रेड, बिस्किट एवं अन्य बेकरी आयटम के लिये अत्यंत उपयुक्त किस्म है क्यों कि इस किस्म की चपाती क्वालिटी एवं बिस्किट क्वालिटी इन्डेक्स लगभग 7.9 है तथा इस किस्म की सेडीमेटेशन वल्यू (39.00ML) है जो कि इस किस्म को चपाती, ब्रेड, बिस्किट हेतु एक सर्वोत्तम किस्म होने के दावे की तकनीकी रूप से भी पुष्टि करती है।

यहां से खरीदे पूसा ओजस्वी – एचआई 1650 गेंहू बीज

HI 1650 Wheat Variety | पूसा ओजस्वी – एचआई 1650 किस्म कम बीज दर, कम सिंचाई व कम दिवस में आने के कारण कम लागत पर अधिकतम उत्पादन व अच्छे बाजार भाव जिससे किसान को अधिकतम आय प्राप्त होगी। अगर आप बीज खरीद रहे है तो, यहां हम बीज कंपनी के कॉन्टैक्ट नंबर दे रहे है…

|| श्री गायत्री ट्रेडर्स बीज कंपनी : 9575699947 || 

खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए….👉 60 से 65 दिनों में बंपर पैदावार देने वाली मटर की टॉप 10 उन्नत किस्में

👉 GW 513 गेंहू के बाद रोगप्रतिरोधी GW 547 देगी बंपर उत्पादन, चपाती के लिए उपर्युक्त, जानें खासियत

👉सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी नई तकनीक, इस तरह 50% अधिक उत्पादन से कमा सकेंगे मोटा मुनाफा

👉अनुसंधान केंद्र ने मैदानी क्षेत्रों के लिए बंपर उत्पादन देने वाली GW547 सहित 5 किस्मों को चिन्हित किया

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment