गत 11 अगस्त को पीएम मोदी में आईएआरआई-नई दिल्ली में गेंहू की 2 नई किस्मों को लॉन्च किया है। जिनमें में से एक किस्म HI 1665 Wheat Variety की डिमांड बड़ी।
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HI 1665 Wheat Variety | हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आईएआरआई-नई दिल्ली में विभिन्न फसलों की 109 नई किस्मों जारी किया गया था।
इसमें गेंहू की 2 नई किस्में एचआई 1665 एवं एचआई 8840 भी शामिल थी। यह दोनों ही किस्में किसानों के लिए काफी मददगार साबित होने वाली है।
लेकिन एचआई 8840 गेंहू किस्म के मुकाबले एचआई 1665 किस्म की डिमांड लगातार बढ़ रही है। बता दें की, दोनों ही किस्मों को इंदौर आईसीएआर ने विकसित किया था।
यह दोनों किस्म के लॉन्च होने से पहले एचआई 1650 का काफी डिमांड रही है। लेकिन अब इसके साथ ही एचआई 1665 गेंहू HI 1665 Wheat Variety भी काफी डिमांड में है। आइए जानते है क्या है इसमें खास…
गेंहू किस्म एचआई 1655 की जानकारी (wheat variety HI 1655 detail)
HI 1665 Wheat Variety / गेंहू किस्म एचआई 1655 को आईसीएआर – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र , इंदौर (एमपी) द्वारा विकसित की गई हैं।
ICAR इंदौर ने इसे लोकप्रिय शरबती गेहूं की किस्मों एचआई 1531 (हर्षिता) और एचआई – 1544 (पूर्णा) को संकरण करके तैयार किया है।
यह किस्म समय पर बुआई, सीमित सिंचाई की स्थिति के लिए है एवं प्रायद्वीपीय और मध्य भारत (मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात) के लिए अनुशंसित की गई है।
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एचआई 1655 गेंहू की पैदावार एवं अवधि
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, एचआई 1655 गेंहू किस्म HI 1665 Wheat Variety की औसत उपज क्षमता 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देखी गई है।
वही, इस किस्म से बेहतर जलवायु एवं मिट्टी के हिसाब से अधिकतम 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक भी उत्पादन लिया जा सकता है।
एचआई 1655 गेंहू किस्म HI 1665 Wheat Variety बुवाई के 110 से 115 दिन बाद पक जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 85-90 सेमी एवं 1000 दाने का वजन 44 ग्राम तक देखा गया है।
एचआई 1655 गेंहू की मुख्य विशेषताएं
एचआई 1665 एक उच्च उपज देने वाली शरबती गेहूं की किस्म है, जिसमें चेक किस्म एच आई 1605 (पूसा उजाला) की तुलना में महत्वपूर्ण उपज लाभ है।
इस HI 1665 Wheat Variety में एक उत्कृष्ट जल उपयोग कुशल जीनोटाइप भी पाया गया, जिसमें एक सिंचाई (25.1%) और बिना सिंचाई की स्थिति में दो सिंचाई (66.4%) में उल्लेखनीय रूप से उच्च उपज लाभ दर्ज किया गया।
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इसलिए, यह अर्ध-बौनी प्रकृति के कारण बिना रुके पानी की बढ़ती उपलब्धता के बाद बढ़ती उपज प्रदान करता है। इस किस्म को सीमित जल उपलब्धता से लेकर सिंचित परिस्थितियों में उगाया जा सकता है।
यह एक काला और भूरा रतुआ प्रतिरोधी किस्म है। ये दोनों रतुआ मध्य और प्रायद्वीपीय भारत की प्रमुख बीमारियां हैं, क्योंकि इसमें पत्ती रतुआ (एसीआई – 3.0) और तना रतुआ (एसीआई – 1.0) के प्रति क्षेत्र प्रतिरोध का उच्च स्तर है।
HI 1665 Wheat Variety तना रतुआ के 19 परीक्षण पैथोटाइप और पत्ती रतुआ के सभी 23 परीक्षण पैथोटाइप के लिए अंकुर प्रतिरोध (सभी चरण प्रतिरोध) प्रदर्शित करता है।
यह कम ताप संवेदनशीलता सूचकांक (0.98) और सूखा संवेदनशीलता सूचकांक (0.91) वाली जलवायु-लचीली (गर्मी और सूखा प्रतिरोधी) किस्म है, इसलिए यह उन क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त है, जहां सीमित पानी की उपलब्धता और अनाज पकने के चरण में उच्च तापमान जैसी समस्याएं हैं।
एचआई 1665 गेंहू किस्म का बीज
HI 1665 Wheat Variety : लोकप्रिय शरबती गेहूं की किस्मों एचआई 1531 (हर्षिता) और एचआई 1544 (पूर्णा) को संकरण करके विकसित किया गया था। इसलिए, इसमें माता-पिता दोनों का उत्कृष्ट अनाज गुणवत्ता संयोजन है। इससे किसानों को प्रीमियम मूल्य मिलेगा।
एचआई 1665 उच्च कठोरता सूचकांक (85.5), उच्च हेक्टोलीटर वजन (81.5 किग्रा/एचटी), उत्कृष्ट चपाती गुणवत्ता (7.3), और बिस्किट स्प्रेड फैक्टर (7.6) के साथ एक उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली ब्रेड गेहूं की किस्म है।
यह एक बायो फोर्टिफाइड ब्रेड गेहूं है, जिसमें उच्च प्रोटीन सामग्री (12.0%) और अनाज जिंक (40.0 पीपीएम) औरअनाज आयरन (39.0 पीपीएम) का उच्च स्तर होता है।
एचआई 1665 गेंहू किस्म HI 1665 Wheat Variety में कम ग्लूटेन इंडेक्स (44) है जो इसे मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए एक बेहतर विकल्प बनाता है। जिससे बाजार में इस किस्म की अच्छी कीमत देखने को मिल जायेगी।
@ गेंहू किस्म 1650 एवं गेंहू किस्म 1665 में कौन है बेहतर?
चौपाल समाचार ने जब गेंहू किस्म 1650 एवं गेंहू किस्म 1665 HI 1665 Wheat Variety का निष्कर्ष निकाला तो, पाया की दोनों ही किस्में ए वन है। बाजार में इन किस्मों की डिमांड काफी ज्यादा है।
हालांकि, उत्पादन क्षमता में मामले में देखें तो गेंहू किस्म 1650 (पूसा ओजस्वी) की उपज क्षमता एचआई 1665 किस्म से कही ज्यादा पाई गई है।
अगर आप इन दोनों किस्मों में से एक खरीद रहे है, तो आपको बता दें की यह दोनों ही किस्म अच्छी है।
हालांकि, इनका बीज 2025 रबी सीजन में बहुत ही कम देखने को मिलेगा। किसान भाई अपने नजदीकी सीड्स कंपनी से संपर्क कर सकते है।
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