बंपर पैदावार देने वाली सोयाबीन की उन्नत किस्म KDS-726 (फुले संगम) के बारे में सब कुछ जानिए..

केडीएस 726 फुले संगम वैरायटी KDS 726 Phule Sangam Soyabean की सभी विशेषताएं, पैदावार (उपज) एवं अवधि के बारे में जानिए..

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KDS 726 Phule Sangam Soyabean | महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती सबसे अधिक होती है इन दोनों राज्यों में अलग-अलग सोयाबीन की वैरायटियां चलन में है। मध्य प्रदेश के लिए अधिक पैदावार देने एवं उपयुक्त किस्मों के रूप में आरवीएस 1135, जेएस 2172, जेएस 9560 वैरायटी उपयोगी है।

इसी प्रकार से महाराष्ट्र के लिए केडीएस की वैरायटी सबसे अधिक प्रचलित है केडीएस की वैरायटी में सबसे अधिक चर्चा केडीएस 726 फुले संगम की होती है। यह वैरायटी अपनी उत्पादन क्षमता एवं रोग प्रतिरोधकता के कारण जानी जाती है। फुले संगम केडीएस 726 किस्म की क्या क्या खासियत है, आईए जानते हैं..

केडीएस 726 फुले संगम वैरायटी

खरीफ सीजन की प्रमुख फसल सोयाबीन को लेकर किसान बीज की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। सोयाबीन की KDS 726 Phule Sangam Soyabean केडीएस 726 वैरायटी महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय राहुरी (महाराष्ट्र) के द्वारा वर्ष 2016 में विकसित की गई थी। सोयाबीन की यह किस्म फुले संगम के नाम से भी जानी जाती है। KDS-726 (फुले संगम) किस्म के सोयाबीन की खेती मध्यम से भारी मिट्टी, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में की जा सकती है। ये किस्म रस्ट के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखती है, और उपज के मामले में भी उत्कृष्ट है।

केडीएस 726 फुले संगम के पकने की अवधि (उम्र)

सोयाबीन की यह वैरायटी KDS 726 Phule Sangam Soyabean उन क्षेत्रों में लाभदायक है जहां पर मानसून के अंतिम दौर तक पानी गिरता हो। केडीएस 726 फुले संगम सोयाबीन फसल की अवधि (उम्र) के बारे में बात करें तो ये 105-110 दिन में तैयार हो जाती है।

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KDS 726 किन राज्यों के लिए अनुसंशित है

कृषि वैज्ञानिकों ने केडीएस 726 फुले संगम KDS 726 Phule Sangam Soyabean को महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के लिए अनुशंसित की गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र में केडीएस की अन्य वैरायटी आदि उपलब्ध किसान किसानों द्वारा बोई जाती है, इनमें प्रमुख हैं केडीएस 753 केडीएस 992 एवं केडीएस 344।

Kds 726 (फुले संगम) की पैदावार

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक KDS 726 Phule Sangam Soyabean केडीएस 726 की पैदावार उपज बेहतर है। सोयाबीन की यह वैरायटी प्रति हेक्टेयर 35 से 45 क्विंटल की पैदावार देने में सक्षम है। सोयाबीन 726 फुले संगम केडीएस की पैदावार 7 से 9 कुंटल क्विंटल प्रति बीघा होती है।

एमपी के लिए उपयुक्त नहीं है यह किस्म

KDS 726 Phule Sangam Soyabean केडीएस 726 वैरायटी मध्य प्रदेश के लिए अनुशंसित नहीं है। यह वैरायटी मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त भी नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों ने केडीएस किस्म को महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक के लिए अनुशंसित किया है। सोयाबीन की यह वैरायटी अधिक दिनों में पकती है जिसके कारण बाद में पानी नहीं मिल पाने के कारण इसका दाना पर्याप्त पक नहीं पाता है।

सोयाबीन या अन्य फसलों की प्रत्येक वैरायटी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जाती है। मौसम जलवायु मिट्टी एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखते हुए फसलों की किस्मों को अलग-अलग क्षेत्र के लिए अनुशंसित किया जाता है यानी कि फसलों की जो किस्में मध्यप्रदेश के लिए अधिसूचित/अनुशंसित है, वह किस्में अन्य राज्यों में बेहतर उपज नहीं दे सकती, वहीं अन्य राज्यों के लिए अनुशंसित किस्में मध्यप्रदेश में अधिक उपज नहीं दे सकती। महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की जलवायु मौसम में अंतर है।

केडीएस 726 फुले संगम किस्म की विशेषताएं

  • सोयाबीन की यह केडीएस 726 KDS 726 Phule Sangam Soyabean पत्ती खाने वाले लार्वा के प्रति कुछ हद तक सहिष्णु, लेकिन तांबरा रोग के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।
  • इसका पौधा अन्य पौधे के मुकाबले ज्यादा बड़ा और मजबूत है।
  • सोयाबीन की इस किस्म की परिपक्वता अवधि 100 से 105 दिनों की होती है।
  • इस किस्म की उत्पादन 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और फुले संगम केडीएस 726 की हाईटेक तरीके से खेती करने पर 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देखी गई है। इस किस्म की तेल की मात्रा 18.42 प्रतिशत है।

सोयाबीन की Kds वैरायटी बीज की कीमत क्या है?

सोयाबीन बीज व्यापारी एवं महाराष्ट्र के डीलर केडीएस KDS 726 Phule Sangam Soyabean सोयाबीन की वैरायटी के बीज 14000 से ₹16000 प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच रहे हैं।

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