रोग-इल्ली से फसल (Kharif Crop Advisory) बचाने के लिए तय मात्रा में दवा का छिड़काव कारगर साबित होगा, उत्पादन भी बेहतर होगा : कृषि विभाग
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
Kharif Crop Advisory | इस समय सोयाबीन, धान सहित अन्य खरीफ फसलें 30 से 50 दिनों की हो गई है।
कई क्षेत्रों में अभी उड़द की फसल में पीला मोजेक रोग तो सोयाबीन की फसल में सेमीलूपर इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है।
बेहतर उत्पादन के लिए इन घातक किट एवं रोग पर जल्द से जल्द नियंत्रण पा लिया जाए इसके लिए कृषि विभाग ने सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों के लिए जरूरी सलाह जारी की।
कृषि विभाग का कहना है की, रोग-इल्ली से फसल Kharif Crop Advisory बचाने के लिए तय मात्रा में दवा का छिड़काव कारगर साबित होगा और उत्पादन भी बढ़ेगा…
कृषि विभाग ने दवाई एवं छिड़काव की सलाह दी
Kharif Crop Advisory | खरीफ की फसल में कीट रोग का प्रकोप शुरू हो गया है। कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए दवाओं के छिड़काव की सलाह दी है।
फसल को रोग व इल्ली से बचाने के लिए अलग-अलग दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इनका तय मात्रा में उपयोग कारगर है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कीटनाशक दवा का तय मानक से ज्यादा या कम दोनों तरह से उपयोग गलत है।
उन्होंने किसानों को अलग-अलग फसल Kharif Crop Advisory और उनमें रोग व इल्ली से बचाव के लिए दवा के साथ छिड़काव के तरीके बताए हैं।
जिससे वे ना केवल फसलों को खराब होने से बचा लेंगे बल्कि बेहतर उत्पादन भी ले सकेंगे।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
पीला मोजेक रोग की स्थिति में यह करें किसान
Kharif Crop Advisory | सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों में पीला मोजेक बीमारी के प्रकोप की स्थिति में रोग-प्रसित पौधों को उखाड़कर गढ्ढे में गाढ़ दें तथा रोग फैलाने वाली रोगवाहक (वेक्टर) कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम लैम्बडा सायहेलोप्रिन (125 मिली/हेक्टे)
या बीटासायफ्लुथ्रिन इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हेक्टे) का 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। : Kharif Crop Advisory
ये भी पढ़ें 👉 फसलों की बंपर पैदावार में जिंक सहायक, इसकी कमी से लगते है रोग, कौन सा खाद डालें एवं कीमत क्या है जानिए
रसचूसक किट पर नियंत्रण के लिए यह दवाई डालें
गूलर के गिरने की समस्या तो प्रोफेनोफॉस 50 ईसी या ट्रायजोफॉस छिड़कें रसचूसक कीटों नियंत्रण हेतु डाइमिथोएट 30 ईसी / 2 मिली/लीटर या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल/0.2 मिली/लीटर
या फिप्रोनिल 5% एससी/ 2 मिली/लीटर की दर से प्रति हैक्टेयर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर 10 से 15 दिन के अन्तराल से दो बार छिड़काव करें। : Kharif Crop Advisory
फसल में कीट के कारण प्रारंभिक अवस्था में गूलर के गिरने की समस्या हो रही हो तो प्रोफेनोफॉस 50 ईसी (2 मिली/ली पानी) अथवा ट्रायजोफॉस 40 ईसी (2 मिली/ली पानी) का प्रति हैक्टेयर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
अरहर की फसल के लिए सलाह
जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें। अरहर में बुवाई के 30 और 45 दिन बाद खुरपी या हस्तचलित हो द्वारा निंदाई-गुडाई करनी चाहिए जिससे खरपतवार नियंत्रण हो जाये। साथ ही साथ मिट्टी में पर्याप्त वायु संचार बना रहे। : Kharif Crop Advisory
मूंगफली की फसल के लिए सलाह
मूंगफली की फसल में 40-45 दिन की अवस्था के पूर्व मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें। पुष्पन की अवस्था सिंचाई के लिए कान्तिक होती है। इस अवस्था पर वर्षा न होने की दशा में फसल की स्थिति अनुसार सिंचाई का प्रबंध करें।
मक्का की फसल के लिए जरूरी सलाह
Kharif Crop Advisory | मक्का में अनुसंशित नत्रजन उर्वरक की 1/3 मात्रा यूरिया के रूप में फसल में 08 पत्तियां होने पर (बुआई के 25-30 दिन बाद) व 1/3 नाइट्रोजन की मात्रा फसल पुष्पन अवस्था (सिल्किंग) में हो या फूल (टेसलिंग) आने के समय देना चाहिए।
फॉल आर्मी वर्मका अधिक नुकसान होने पर स्थिनेटोरम 11.7 एस.सी. का 0.5 मिली/ ली पानीया
क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एस.सी. का 0.4 मिली/ ली पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
मूंग एवं उड़द की फसल के लिए सलाह
Kharif Crop Advisory | अतिरिक्त पानी के निकास की व्यवस्था करें। मूंग एवं उड़द में इस समय रसचूसक कीटों (माहू, जैसिड, थ्रिप्स एवं सफेद मक्खी) की संभावना हो सकती है।
अतः दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु मिथोएट 30 ईसी / 2 मिली/लीटर या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल/ 0.2 मिली/लीटर या फिप्रोनिल 5: एससी/2 मिली/लीटर की दर से प्रति हैक्टेयर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर 10-15 दिन के अन्तराल से दो बार छिड़काव करें।
मूंग की फसल को पर्णदाग रोग से बचाने के लिए मेन्कोजेब फफूंदनाशी का छिड़काव 3 ग्राम / ली. पानी की दर से करें।
खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
एच आई पूसा ओजस्वी 1650 गेंहू किस्म की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें..
यह भी पढ़िए….👉गेंहू एचआई 1650 के बाद लॉन्च हुई इस नई किस्म की डिमांड बड़ी, जानिए क्या इसमें खास…
👉बंपर उत्पादन देने वाली आलू की 3 नई किस्में रिलीज की गई
👉 किसानों को मिलेगा तगड़ा मुनाफा, धान की यह किस्म देगी बंपर पैदावार, जानें खासियतें..
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.